सीजी न्यूज आनलाईन डेस्क, 13 जनवरी। ईएसआईसी में हावी अफसरशाही के चलते साल भर से दवाओं की खरीदी न होने से मरीजों का इलाज नहीं हो रहा है। बताया जा रहा है कि दवा निर्माता कंपनी और सप्लायर्स के बीच बिजनेस प्रतिद्वंद्विता की वजह से यह खरीदी नहीं हो पा रही है। सीधे कहा जा रहा है कि सप्लाई रोकने दूसरी कंपनियां अफसरों पर अधिक खर्च कर रही हैं।
सूत्रों ने बताया कि पीएसयू कंपनी कर्नाटका एंटीबायोटिक का ईएसआईसी से रेट कांट्रेक्ट है। यह कंपनी पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग गवर्नमेंट ऑफ इंडिया इंटरप्राइजेज भी है। इसके तहत ईएसआईसी को अखिल भारतीय स्तर पर 103 रिजर्व मेडिसिन इसी कंपनी से लेनी है। छत्तीसगढ़ छोडक़र अन्य स्थानों पर खरीदी की जा रही है, मगर छत्तीसगढ़ में 2 साल से ऑर्डर बना रहे हैं पर जेम में अपलोड करना है कहकर दे नहीं रहे हैं।
अफसरों ने पिछले एक साल तक यह कहा कि जेम में अपलोड नहीं कर पा रहे हैं, छत्तीसगढ़ के डिस्पेंसरी और डायरेक्टर की आईडी नहीं बनी है, यह आई डी बनाने में पूरे एक साल लग गए और इस साल कहा जा रहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार जैम से खरीदने में अप्रूवल नहीं दे रही है जबकि हकीकत यह है कि छत्तीसगढ़ सरकार की वेबसाइट में मेडिसिन खरीदी का आप्शन नहीं है। बीच बीच में यह भी कहा गया कि सीएसआईडीसी में अप्रूवल के लिए भेज रहे हैं और वहां से फाइल वापस आ जा रही है। आरोप है कि कमिश्नर और डायरेक्टर दोनों ही सप्लायर्स को घुमा रहे हैं। कंपनी के स्टॉकिस्ट अपने स्तर पर लेन-देन से लेकर हर तरह का प्रयत्न कर चुके हैं।
गौरतलब हो कि अगले ढाई महीने में खरीदी न हुई तो मार्च में पूरा बजट लैप्स हो जाएगा। बताया गया है कि बिजनेस राइवलरी के चलते प्रतिद्वंद्वी कंपनी अफसरों पर ज्यादा मेहरबानी बरसा रही हैं।
ईएसआईसी में इस साल भी दवा खरीदी नहीं, ढाई महीने में लैप्स हो जाएगा बजट, 🛑 बिजनेस राइवलरी के चलते प्रतिद्वंद्वी कंपनी की अफसरों पर मेहरबानी की हो रही बारिश