ईई, एसडीओ और सब इंजीनियर को रसूखदारों का खौफ, बंधक बना दुर्व्यहार करने के बाद भी नहीं करवाई रपट, मामला अधूरी पुलिया निर्माण की जांच का


ईई, एसडीओ और  सब इंजीनियर को रसूखदारों का खौफ, बंधक बना दुर्व्यहार करने के बाद भी नहीं करवाई रपट, मामला अधूरी पुलिया निर्माण की जांच का 

रामानुजगंज, 12 अगस्त। जिले के करजी पंचायत स्थित उधेनुपारा में पुलिया निर्माण की जांच करने आरईएस की टीम 10 अगस्त को पहुंची। इसी बीच सुनियोजित तरीके से जांच को प्रभावित करने ग्रामीणों ने ईई, तीन एसडीओ व दो सब-इंजीनियर की पिटाई कर दी। सूचना पर मौके पर पुलिस पहुंची तो जान बचाकर अधिकारी वहां से भाग निकले। अधिकारी थाने तो पहुंचे लेकिन वे रिपोर्ट दर्ज कराने में कतराते रहे। अधिकारियों की डर की वजह पुलिया निर्माण करा रहे रसूखदारों का खौफ बताया जा रहा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिया निर्माण के संबंध में एसडीओ आरईएस अवधेश प्रजापति ने पुलिया निर्माण कार्य का निरीक्षण कर रहे सब इंजीनियर तनुज अम्बष्ट को 6 अप्रैल को नोटिस जारी करते हुए मानकों का पालन करने के साथ उपयोगी निर्माण सामग्री का उपयोग करने व अनुपयोगी सामग्री के निर्माण स्थल से हटाकर समय सीमा में निर्माण कार्य को पूर्ण करने कहा था। इसकी प्रतिलिपि कार्यपालन अभियंता ग्रामीण यांत्रिक सेवा संभाग बलरामपुर व मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद राजपुर को प्रेषित किया था। उप अभियंता व पूर्व पंचायत सचिव के बीच अधूरी पुलिया निर्माण व मूल्यांकन को लेकर तकरार बढ़ी थी, वहीं अधूरे पुलिया का मूल्यांकन सब इंजीनियर सुनील टोप्पो व सत्यापन प्रभारी एसडीओ धर्मेंद्र गुप्ता के द्वारा किया गया। 

जिला पंचायत के निर्देश पर कार्यपालन अभियंता ग्रामीण यांत्रिक सेवा संभाग बलरामपुर की टीम अधूरे पुलिया निर्माण के मूल्यांकन व सत्यापन की जांच करने मौके पर पहुंची थी। यहां पूर्व से जांच टीम के साथ अभद्र व्यवहार व मारपीट करने के लिए सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण महिला-पुरुष मौजूद थे। जैसे ही टीम मौके पर पहुंची, कार्यपालन अभियंता जितेंद देवांगन, एसडीओ जेआर सोनवानी, अवधेश प्रजापति, धर्मेंद्र गुप्ता, सब इंजीनियर तनुज अम्बष्ट व सुनील टोप्पो के साथ गाली-गलौज करते मारपीट करने लगे। 

घटना की जानकारी थाना राजपुर को मिलते ही थाना प्रभारी अखिलेश सिंह ने मौके पर पुलिस बल को भेजा। इसके बाद अधिकारी वहां से जान बचाकर भाग निकले। प्रशासनिक अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी आरईएस विभाग के अधिकारी और कर्मचारी रिपोर्ट दर्ज कराने से कतराते नजर आए। मामला इन दिनों जानकारों की ज़ुबान पर खुल कर खासा चर्चा में है लेकिन अधिकारियों पर दबाव बनाने वालों का खौफ इस कदर हावी है कि उनकी जबान नहीं खुल रही।