भिलाई नगर, 14 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ में जिस तरह ईडी कार्रवाई में आलमारी भर भर के नोट और जेवरात मिले हैं यह सचमुच एक चिंतनीय पहलु है।
ईडी का छापा पड़ना और साढे़ 6 करोड़ रुपये कैश और हीरे जवाहरात जब्त करना आम नागरिक के जेहन में आसानी से छत्तीसगढ़ की दिशा और दशा का खाका तैयार कर रही है। ईडी का चंद दिनों में इतने बडे़ खजाने को जब्त करना कहीं न कहीं प्रदेश में अफसरशाही और मनमाने धन वसूली को सार्वजनिक कर चिन्हित लोगों को कटघरे में खडा़ कर रहा है।
गौरतलब हो कि ईडी ने रायपुर, बिलासपुर, महासमुंद में जारी छापेमारी के बाद अब तक इतने नोटों के बंडलों को आईएएस अफसर और कारोबारियों के घर से जब्त किया है कि इस अवैध कैश से कई आलमारी भर गई है। करारे नोटों के कई ऐसे बंडल मिले हैं, जिनमें सारे के सारे नए नोट हैं। ईडी के अधिकायों ने आज ट्वीट कर बताया है कि प्रदेश में हुई कार्रवाई में अब तक 6.5 करोड़ की बरामदगी हुई है। ईडी ने आधिकारिक तौर पर बताया कि तलाशी अभियान में बेहिसाब नकदी, सोना और गहनों के रूप में लगभग 6.5 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं। ईडी ने अपनी तरफ से पुष्टि करते हुए कहा है कि आईएएस समीर विश्नोई के आलावा कारोबारी सुनील अग्रवाल, लक्ष्मीकांत तिवारी को रायपुर की विशेष अदालत ने कोयला घोटाला मामले में 21 अक्टूबर तक रिमांड पर ईडी को सौंपा है, इनसे पूछताछ जारी है। ईडी ने अपने आधिकारिक बयान में स्पष्ट किया है कि संपूर्ण कार्यवाही प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग पीएमएलए एक्ट 2002 के तहत की गई है। छत्तीसगढ़ में अफसर एवं राजनीतिक प्रभाव सील लोगों के मध्य बने कार्टेल के द्वारा कोयले में ₹25 प्रति टन के हिसाब से अवैध रूप से वसूली की गई है और वसूला गया धन अवैध कार्यों में निवेश किया गया है। इस कार्टेल का नेतृत्वकर्ता सूर्यकांत तिवारी रहा है।
ईडी ने खोद निकाले साढे़ 6 करोड़…! अफसर और कारोबारियों के घर से जब्त अकूत कैश ने आम नागरिक को झिंझोडा़