दुर्ग नन मामला : महिला आयोग में नहीं हुई सुनवाई, शिकायतकर्ता महिलाएं नदारद

दुर्ग नन मामला : महिला आयोग में नहीं हुई सुनवाई, शिकायतकर्ता महिलाएं नदारद


सीजी न्यूज ऑनलाइन, 21 अगस्त। दुर्ग जिले में कथित धर्मांतरण और मानव तस्करी के मामले की कल महिला आयोग में सुनवाई नहीं हो पाई।

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने बताया कि तीनों युवतियां नारायणपुर से रायपुर स्थित आयोग कार्यालय पहुंची थीं। उन्होंने बजरंग दल की जिला संयोजक ज्योति शर्मा, रवि निगम, रतन यादव, दुर्ग जीआरपी थाना प्रभारी राजकुमार बोर्झा और भिलाई-3 जीआरपी पुलिस के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। युवतियों का आरोप है कि 25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन पर उनके साथ बदसलूकी की गई जिसमें संवेदनशील अंगों के साथ छेड़छाड़, गाली-गलौज, और गैंगरेप की धमकी शामिल थी। यह सब कथित तौर पर पुलिस की मौजूदगी में हुआ। युवतियों ने यह भी दावा किया कि जब उन्होंने पुलिस से मदद मांगी तो कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद डर और दबाव के कारण उन्हें 8 दिन बाद शिकायत दर्ज करने की हिम्मत जुटानी पड़ी। परिजनों ने बताया कि घटना के बाद युवतियों को चार दिन तक सखी सेंटर में रखा गया जहां उन्हें थप्पड़ मारे गए और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। परिजनों का कहना है कि इस घटना ने युवतियों को न केवल आर्थिक नुकसान पहुंचाया, बल्कि उनकी मानसिक और शारीरिक स्थिति पर भी गहरा असर डाला है। वे रात में सो नहीं पातीं और आसपास के गांववालों के दबाव है जबकि स्थिति पर भी गहरा असर डाला है। वे रात में सो नहीं पातीं और आसपास के गांववालों के दबाव है जबकि ज्योति शर्मा और उनके सहयोगियों का दबाव भी झेल रही हैं।

आज की सुनवाई में आयोग की ओर से ज्योति शर्मा, रतन यादव, रवि निगम सहित अन्य लोगों को उपस्थित होने के लिए कहा गया था। सुबह करीब 11 बजे ज्योति शर्मा आयोग में पहुंचीं, लेकिन सुनवाई शुरू होने से पहले ही वह वहां से रवाना हो गईं, जब औपचारिक सुनवाई आरंभ हुई, तब वे अनुपस्थित रहीं। डॉ. किरणमयी नायक ने बताया कि चूंकि ज्योति शर्मा और उनके सहयोगी सुनवाई में शामिल नहीं हुए, इसलिए मामले को अगली तारीख तक के लिए टाल दिया गया है। आयोग ने दुर्ग के पुलिस अधीक्षक (एसपी) से पूरे मामले की जानकारी मांगी है और जीआरपी थाना प्रभारी को अगली सुनवाई में बुलाने का फैसला किया है। इसके अलावा घटना के दिन की सुबह से रात तक के सीसीटीवी फुटेज की मांग की गई है ताकि मामले की सच्चाई का पता लगाया जा सके। अगली सुनवाई की तारीख 15 से 20 दिनों के बाद तय होने की संभावना है। आयोग ने स्पष्ट किया कि दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद ही उचित कार्रवाई की जाएगी। साथ ही पुलिस की भूमिका की भी जांच की जाएगी, क्योंकि युवतियों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनकी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया।

नारायणपुर की तीन आदिवासी युवतियों कमलेश्वरी प्रधान, ललिता उसेंडी और सुकमति मंडावी ने बजरंग दल की कार्यकर्ता ज्योति शर्मा और उनके सहयोगियों पर शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है।