देवेंद्र झाझरिया: 8 साल की उम्र में करंट लगने की वजह से काटना पड़ा था हाथ, अब तीसरा पदक जीत रचा इतिहास

देवेंद्र झाझरिया: 8 साल की उम्र में करंट लगने की वजह से काटना पड़ा था हाथ, अब तीसरा पदक जीत रचा इतिहास


देवेंद्र झाझरिया: 8 साल की उम्र में करंट लगने की वजह से काटना पड़ा था हाथ, अब तीसरा पदक जीत रचा इतिहास

नई दिल्ली. स्टार पैरा एथलीट और दो बार के गोल्ड मेडल विजेता देवेंद्र झाझरिया ने टोक्यो पैरालंपिक खेलों की भाला फेंक इवेंट में सिल्वर जीता. सुंदर सिंह गुर्जर ने भी इसी इवेंट में कांस्य पदक जीता. वह पुरुषों के भाला फेंक के एफ46 स्पर्धा में झाझरिया के बाद तीसरे स्थान पर रहे. एथेंस (2004) और रियो (2016) में स्वर्ण पदक जीतने वाले 40 वर्षीय झाझरिया ने एफ46 वर्ग में 64.35 मीटर भाला फेंककर अपना पिछला रिकॉर्ड तोड़ा. श्रीलंका के दिनेश प्रियान हेराथ ने हालांकि 67.79 मीटर भाला फेंककर भारतीय एथलीट का स्वर्ण पदक की हैट्रिक पूरी करने का सपना पूरा नहीं होने दिया. श्रीलंकाई एथलीट ने अपने इस प्रयास से झाझरिया का पिछला विश्व रिकॉर्ड भी तोड़ा.

राजस्थान के चुरू जिले में जन्मे झाझरिया ने आठ वर्ष की उम्र में पेड़ पर चढ़ते समय बिजली के तारों को छू दिया था. इसकी वजह से उनका बायां हाथ काटना पड़ा था. उनके नाम पर पहले 63.97 मीटर के साथ विश्व रिकॉर्ड दर्ज था. झाझरिया ओलंपिक या पैरालंपिक खेलों में तीन पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं. पहलवान सुशील कुमार और शटलर पीवी सिंधु ने ओलंपिक खेलों (Olympics Games) में दो-दो पदक जीते हैं. दोनों खिलाड़ियों ने एक कांस्य और एक सिल्वर मेडल जीता है.

सुंदर सिंह गुर्जर ने जीता कांस्य

गुर्जर ने 64.01 मीटर भाला फेंका जो उनका इस सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. इस 25 वर्षीय एथलीट ने 2015 में एक दुर्घटना में अपना बायां हाथ गंवा दिया था. जयपुर के रहने वाले गुर्जर ने 2017 और 2019 विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीते थे. उन्होंने जकार्ता पैरा एशियाई खेल 2018 में रजत पदक जीता था. भारत के एक अन्य एथलीट अजीत सिंह 56.15 मीटर भाला फेंककर नौ खिलाड़ियों के बीच आठवें स्थान पर रहे. (news18.com)