डीन वेटनरी कॉलेज डॉ..तिवारी आई एफ़ सी के अध्यक्ष मनोनीत
दुर्ग 19 अगस्त । दाऊ वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय के अंतर्गत पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय, अंजोरा में स्नातक, स्नातकोत्तर एवं शोध उपाधि हेतु पशुओं में अनुसंधान कार्य संचालित हो रहा है। महाविद्यालय में पशु विज्ञान विषय पर किए जाने वाले प्रयोगों के नियंत्रण और पर्यवेक्षण के उद्देश्य के लिए कमेटी फॉर परपज ऑफ सुपरविजन एवं एक्सपेरिमेंट ऑन एनिमल सी.पी.सी.एस.ई.ए. के तहत पंजीकृत है, जो पशुपालन और डेयरी विभाग (डी.ए.एच.डी.) मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय (MoFAH&H) के तहत एक वैघानिक निकाय के रूप में कार्यरत है। महाविद्यालय में सी.पी.सी.एस.ई.ए. द्वारा नामित संस्थागत समिति इंस्टीट्यूशनल एनिमल एथिक्स कमिटी आई.ए.ई.सी. है जो सी.पी.सी.एस.ई.ए. के दिशा-निर्देशों के अनुसार लघु प्राणियों पर प्रयोगों से जुड़े अनुसंधान एवं परियोजना प्रस्तावों को मंजूरी देने का अधिकार रखती है। आई.ए.ई.सी. महाविद्यालय में 2001 से संचालित है और हर 5 साल में पंजीयन का नवीनीकरण किया जाता है। समिति शोध अध्ययन की नैतिकता की स्वतंत्र, सक्षम और समय पर समीक्षा कर अनुसंधान को प्रदान कर रहा है साथ ही नियमित रूप से चल रहे शोध अध्ययनों की निगरानी करता है । समिति में सी.पी.सी.एस.ई.ए. के मुख्य नामित व्यक्ति, लिंक नामित व्यक्ति, सामाजिक रूप से जागरूक नामांकित व्यक्ति, बाहरी संस्थान के वैज्ञानिक, जैविक अनुशासन के वैज्ञानिक और पशु चिकित्सक शामिल हैं ।
कार्यवाहक कुलपति डॉ.एस.पी. इंगोले के सक्रिय प्रेरणा और मार्गदर्शन में तीसरी आई.ए.ई.सी. की बैठक 17 अगस्त को महाविद्यालय में ऑनलाइन/ऑफलाइन माध्यम में आयोजित की गई थी । अन्य संस्थान के सदस्यों ने ऑनलाइन माध्यम से बैठक में भाग लिया। बैठक की कार्यवाही में आई.ए.ई.सी. के अध्यक्ष के रुप में डॉ.एस.के. तिवारी,अधिष्ठाता की अनुशंसा की गई। जिसको सी.पी.सी.एस.ई.ए. द्वारा अनुमोदित किया जावेगा और वे आई.ए.ई.सी. के अध्यक्ष के रूप में 5 साल के कार्यकाल के लिए काम करेंगे। डॉ.चंचलदीप कौर, प्राध्यापक एवं प्राचार्य, रायपुर ने मुख्य सी.पी.सी.एस.ई.ए. नामित सदस्य के रूप में परियोजना की समीक्षा की और अनुसंधान योग्य प्रस्तावों को मंजूरी दी। महाराष्ट्र से डॉ. एजाजुद्दीन अंसारी (लिंक नॉमिनी), महाराष्ट्र से डॉ.कार्तिक नखाटे (सामाजिक रूप से जागरूक नामिनी), और रायपुर के डॉ.शेखर वर्मा (बाहरी संस्थान के वैज्ञानिक) ने भी सक्रिय रूप से परियोजना प्रस्तावों में सुधार के सुझाव दिए। डॉ.एस.डी.हिरपुरकर सदस्य सचिव ने बैठक बुलाई और सभी एजेंडा मदो पर चर्चा की । इस संस्थान के अन्य सदस्य जिनमें डॉ. आर.सी.घोष एवं डॉ. नितिन गाड़े (अन्य जैविक विषय) वैज्ञानिक थे , ने भी बैठक में भाग लिया । पशु चिकित्सा के रूप में सदस्य डॉ.निधि रावत ने सफल संगठन एवं सहयोग के लिए सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया।