सीजी न्यूज आनलाईन डेस्क, 10 मार्च। कोरोना के बाद H3N2 वायरस का कहर बरपा है। देश में अब तक 6 लोगों की इस वायरस से जान जा चुकी है। अब H3N2 इन्फ्लूएंजा के प्रकोप ने पूरे देश में चिंता बढ़ा दी है। इन्फ्लूएंजा के मामले ऐसे वक्त पर सामने आ रहे हैं, जब तीन साल बाद देश कोरोना महामारी से उबर रहा था। बच्चे और बुजुर्ग तेजी से वायरल की चपेट में आ रहे हैं, डॉक्टर्स के मुताबिक इन्फ्लुएंजा के अधिकतर मरीजों में एक जैसे लक्षण हैं. जैसे खांसी, गले में संक्रमण, शरीर में दर्द, नाक से पानी आना जैसी शिकायत मिल रही है।
आपको बता दें कि कर्नाटक के हासन में एक व्यक्ति की H3N2 वायरस से मौत की पुष्टि हुई है। मृतक मरीज की पहचान एच गौड़ा के तौर पर हुई है, वे 82 साल के थे। उन्हें 24 फरवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और 1 मार्च को उनकी मौत हो गई. इसके बाद उनके सैंपल टेस्टिंग के लिए भेजे गए थे। 6 मार्च को आईए रिपोर्ट में H3N2 की पुष्टि हुई है। राज्य में इस वेरिएंट से यह पहली मौत दर्ज की गई है। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक, हसन के अलूर के रहने वाले बुजुर्ग की मौत एक मार्च को हुई थी। स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त डी रणदीप ने शुक्रवार को एच3एन2 वेरिएंट से मौत की पुष्टि की। मृतक व्यक्ति में ठंड लगना, खांसी और गले में खराश जैसे लक्षण थे। मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीमें अलूर और आसपास के क्षेत्रों में चिकित्सा परीक्षण कर रही हैं।
लक्षणों वाले लोगों से स्वाब के नमूने एकत्र किए जा रहे हैं और परीक्षण के लिए भेजे जा रहे हैं।
विभाग ने कई बीमारियों से ग्रस्त लोगों और 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की निगरानी के निर्देश दिए हैं। लोगों में जागरुकता पैदा की जा रही है कि लक्षण विकसित होने पर खुद से दवा न लें। सूत्रों ने कहा कि पूरे राज्य में एच3एन2 के 50 से अधिक मामले सामने आए हैं और अकेले हसन जिले में छह मामलों की पुष्टि हुई है। राज्य सरकार ने एक उच्च स्तरीय बैठक की है और इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. के सुधाकर ने कहा कि 15 साल से कम उम्र के बच्चों को एच3एन2 वेरिएंट से ज्यादा खतरा होता है। यह 60 साल से ऊपर के लोगों को भी संक्रमित करता है। डाक्टर सुधाकर ने सलाह दी कि गर्भवती महिलाओं को भी सावधान रहना चाहिए।