🔴एक तरफ बोनस राशि निर्धारण के खिलाफ सीटू का प्रदर्शन
🔴बरसता पानी भी डिगा नहीं सका यूनियन के हौसले को
भिलाई नगर 24 सितंबर। हिन्दुस्तान स्टील एम्पलाईज यूनियन (सीटू) भिलाई के द्वारा बरसते पानी के बीच छाता/रेनकोट पहनकर आज प्रबंधन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया गया। सीटू का यह प्रोटेस्ट बोनस बैठक एवं बोनस फार्मूला को लेकर प्रबंधन की मनमर्जी के खिलाफ था।
स्टील वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के आह्वान पर सेल के सभी इकाइयों में बुधवार को सभी इकाइयों में किया गया। भिलाई में बोरिया गेट में सुबह 8 बजे से 8:45 बजे तक विरोध किया जाएगा।
भिलाई में हिंदुस्तान स्टील एम्पलाइज यूनियन के अवान पर बीएसपी कर्मी एवं यूनियन नेता तथा कार्यकर्ता सुबह बोरिया गेट में एकत्रित हुए। बरसता पानी भी उन्हें रोक नहीं पाया छाता एवं रेनकोट पहना इन प्रदर्शन कार्यों के द्वारा प्रबंधन की मनमर्जी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।
बोनस पर प्रबंधन की मनमानी के खिलाफ सीटू ने किया प्रदर्शन
20 सितंबर को हुई बोनस मीटिंग में प्रबंधन ने फार्मूले का हवाला देते हुए 29500 रूपए का प्रस्ताव रखा जिसे यूनियनों ने संयुक्त रूप से खारिज करते हुए कह दिया कि पहले फॉर्मूले को खारिज कीजिए एवं 40500 पर बात कीजिए । प्रबंधन फार्मूला ख़ारिज करने की बात को मान गया था जिसके कारण बैठक चलती रही एवं प्रबंधन ने अंत में 31000 का प्रस्ताव रखा तथा फार्मूला ख़ारिज करने की बात को अपने प्रस्ताव से हटा दिया, वही यूनियनों के तरफ से 32500 का फार्मूला ख़ारिज करने की बात को अपने प्रस्ताव में रखा गया । लंबी बहस के बाद भी प्रबंधन 32500 के लिए राजी नहीं हुआ और बिना निष्कर्ष में पहुंचे ही बैठक को एकतरफा समाप्त कर दिया। ऐसे में प्रबंधन के द्वारा कर्मियों के खाते में 29500 रुपए डालने के मनमानी के खिलाफ सेल के सभी इकाइयों में सीटू द्वारा प्रदर्शन कर प्रबंधन को पत्र दिया गया।
प्रबंधन भाग खड़ा हुआ बोनस समझौता से
प्रबंधन क्रमशः 29500 से ₹30000 का प्रस्ताव देते समय लिखित में पेश किए गए समझौता नोट में इस बात को लिख रहा था कि मौजूदा बोनस फॉर्मूला में सुधार करने, खारिज करने अथवा विचार करेंगे किंतु प्रबंधन द्वारा दिए गए 31000 के प्रस्ताव में बोनस फार्मूले पर सुधार करने, खारिज करने अथवा विचार करने संबंधी बातों को हटा लिया गया इस पर सीटू ने आपत्ति करते हुए कहा कि जिन बातों पर बैठक के शुरू में ही सहमति बन चुकी है उन बातों को समझौता पत्र से हटाना गलत है उन बातों को शामिल किया जाए। इस पर प्रबंधन गोलमोल जवाब देते हुए बैठक को ही समाप्त कर दिया। यह कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगा कि प्रबंधन बोनस समझौता की बैठक से भाग खड़ा हुआ।
क्या प्रबंधन के पास नहीं था, कर्मियों को देने के लिए 6 करोड रुपए ?
प्रबंधन द्वारा दिए गए 31000 के प्रस्ताव पर सीटू ने कहा कि जब सभी यूनियन संयुक्त रूप से 32500 की मांग कर रहे है तो प्रबंधन को 32500 पर सहमत होने में क्या समस्या है इस पर प्रबंधन ने कह दिया कि प्रबंधन के पास पैसे की कमी है इसीलिए प्रबंधन डेढ़ हजार रुपए नहीं बढ़ा सकता है प्रबंधन के तर्क पर सीटू ने कहा कि यदि अभी डेढ़ हजार रुपए देने की स्थिति नहीं है तो आप 31000 रुपए दे दीजिए बाकी डेढ़ हजार रुपए इस वित्त वर्ष में जब भी प्रबंधन के पास कैश आ जाएगा कर्मचारियों के खाते में डाल दीजिएगा। इस पर प्रबंधन ना केवल हड़बड़ाया बल्कि उसी हड़बड़ाहट में बैठक समाप्ति की घोषणा कर चलते बने इससे स्पष्ट होता है कि प्रबंधन के पास कर्मियों को देने के लिए 6 करोड रुपए भी नहीं है जबकि वही कर्मी हर दिन कम से कम 10 करोड़ रुपए प्रतिदिन के दर से मुनाफा कमा कर प्रबंधन को दे रहा है।
अपने ही वादे से मुकरे सेल के अधिकारी
प्रबंधन मुख्य श्रम आयुक्त केंद्रीय के सामने यह वादा किया था कि 2025 के बोनस के पहले पिछले बोनस फार्मूले को खारिज करेंगे किंतु दुर्गा पूजा से दो दिन पहले बैठक बुलाकर प्रबंधन ने अपनी मंशा को सबके सामने स्पष्ट कर दिया है कि मुख्य श्रम आयुक्त केंद्रीय के सामने बोनस फार्मूले को खारिज करने का जो वादा किया था वह केवल ऐसे ही कह दिया था, इसीलिए बोनस बैठक के दिन भी प्रबंधन बोनस फार्मूला को खारिज करने की बात कह कर अपने ही वादे से फिर से मुकर गया।
संघर्षो को तेज करेगा सीटू
ज्ञात होगी प्रबंधन लगातार पिछले दो बोनस बैठकों में भी इसी तरह की मनमानी कर चुका है बैठक में राशि तय नहीं होने देता है एवं अपनी मर्जी से बैठक के बाद कर्मियों के खाते में कुछ रकम डाल देता है प्रबंधन अपने आप को सेल का मालिक समझने की भूल कर रहा है आने वाले दिनों में कर्मियों को साथ लेकर संघर्ष को तेज करते हुए सीटू प्रबंधन को समझा देगा कि प्रबंधन में बैठे हुए अधिकारी केवल और केवल उच्च वेतन पाने वाले कामगार मात्र हैं सेल के मालिक नहीं। इन संघर्षों के लिए स्टील वर्कर्स फेडरेशन ऑफ़ इंडिया से लेकर संयंत्र के स्तर की यूनियन तक चरणबद्ध तरीके से किए जाने वाले आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जा रही है जो विभिन्न संयंत्र में दिखना शुरू हो जाएगा।
सीटू ने कहा हमारा संघर्ष प्रबंधन से है कार्मिक यूनियनों से नहीं
सीटू नेता ने कहा कि कर्मियों के खिलाफ जो भी साजिश हो रहा है उसके केंद्र में प्रबंधन है क्योंकि केंद्र सरकार एवं इस्पात मंत्रालय की तरफ से जितने भी हमले हो रहे हैं वो प्रबंधन के माध्यम से हो रहे है चाहे वो ग्रेच्युटी सीलिंग हो अफॉर्डेबिलिटी क्लॉज हो या फिर बोनस एवं वेतन समझौते का खेल हो। इसीलिए हमारी लड़ाई प्रबंधन से हैं किंतु मजदूर विरोधी नीति बनाने वाला यह प्रबंधन यूनियन के बीच आपस में फूट डालने एवं अपना मतलब साधने का लगातार कोशिश कर रहा है जिसे सीटू कामयाब नहीं होने देगा।