बेसहारा बच्चों के लिए बने बाल आश्रम नहीं हैं “सुरक्षित” नाबालिग हुई प्रेग्नेंट, मृत बच्चे को दिया जन्म, सब कुछ छिपा ले गए अफसर, आरोपी है जेल में

बेसहारा बच्चों के लिए बने बाल आश्रम नहीं हैं “सुरक्षित” नाबालिग हुई प्रेग्नेंट, मृत बच्चे को दिया जन्म, सब कुछ छिपा ले गए अफसर, आरोपी है जेल में



🔴 2021 का मामला हुआ लीक, अब मीडिया की सुर्खियों में
🔴 माना बाल आश्रम की शर्मसार घटना मिलीभगत से दबा ली गई
रायपुर, 2 नवंबर। छत्तीसगढ़ की राजधानी के माना स्थित एसओएस बाल आश्रम में 14 साल की बच्ची से रेप का मामला सामने आया है। न सिर्फ बच्ची के साथ रेप हुआ बल्कि वो प्रेग्नेंट भी हो गई थी। बच्ची की डिलीवरी कराई गई और उसने मृत बच्चे को जन्म दिया है। आरोप लग रहे हैं कि इस पूरी घटना को वहां अफसरों ने छिपाने का पूरा प्रयास भी किया है मगर खबर लीक होने के बाद अब मामला चर्चा में आ गया है।


माना थाने में इस केस की एफआईआर दर्ज की गई और इस केस की जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर सौमित्री भोई ने पुष्टि करते हुए बताया है कि माना बाल आश्रम में 14 साल की बच्ची से रेप की शिकायत मिली थी। यह मामला संवेदनशील था। बाल आश्रम के अफसरों की तरफ से बताया गया था कि घटना 2021 के जून में महीने में हुई थी। नवंबर के महीने में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी। बच्ची गर्भवती हो चुकी थी। हमने मामले में कार्रवाई की थी।
गौरतलब हो कि माना में स्थित बाल आश्रम जिला प्रशासन और एसओएस नाम की इंटरनेशनल संस्था चलाती है। यहां 128 बेसहारा बच्चे रहते हैं। इनकी देख रेख का जिम्मा संस्था पर ही होता है। इसे सरकारी और प्राइवेट संस्थाओं से मदद मिलती है। बच्चों को यहां सुरक्षित रखने के लिए इसे बनाया गया मगर यहीं बच्ची के साथ रेप की वारदात हो गई।
बताया जा रहा है कि बाल आश्रम के कर्मचारी अंजनी शुक्ला ने बच्ची को झांसे में लेकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। बच्ची प्रेग्नेंट हो गई थी तब भी अफसरों ने इस मामले को दबा कर रखा। छोटी बच्ची गर्भावस्था की पीड़ा को झेलती रही। शिकायत के बाद पुलिस ने अंजनी को अरेस्ट कर लिया था। आरोपी इस वक्त जेल में है। बच्ची को माना में ही रखा गया है या उसे कहीं और भेजा गया है यह स्पष्ट नहीं हो सका है।


सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अपनी कुर्सी बचाने के चक्कर में इस केस को दबाया गया। अफसरों ने कुछ बड़े अफसरों को भी पैसे दिए। वरना इतनी बड़ी घटना उजागर हो जाती। आश्रम के किसी अफसर या जिम्मेदारों पर इस मामले में कोई कार्रवाई अब तक नहीं हुई। सभी अफसर अपने पदों पर बने रहे और किसी के खिलाफ कोई जांच तक का आदेश नहीं हुआ। इस मामले में आश्रम की डायरेक्टर निपुना सेन से मीडिया ने संपर्क करने का प्रयास किया गया मगर उन्होंने जवाब नहीं दिया।


विदित हो कि रायपुर के कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने हाल ही में महिला बाल विकास विभाग की जिला बाल संरक्षण इकाई के कुछ कर्मचारियों को लापरवाही की वजह से बर्खास्त किया था। इसमें नवा बिहान, सखी वन स्टॉप सेंटर, बाल गृह, बाल संप्रेषण गृह संविदा में नियुक्त अधिकारी व कर्मचारी शामिल थे। 9 अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ लगातार मिल रही शिकायतों के बाद ये कदम उठाया गया था। ये कर्मचारी दुर्व्यवहार, महिला कर्मचारियों से दुर्व्यवहार, शराब पीकर काम पर आने जैसी आदतों के शिकार थे। 9 महीने पहले तेलीबांधा इलाके में एक और केस सामने आया था जिसमें नाबालिग से उसके बॉयफ्रेंड ने शारीरिक संबंध बनाया। 13 साल की बच्ची गर्भवती हो गई थी। आरोपी भी नाबालिग था उसकी उम्र 15 साल बताई गई। बच्ची के इंस्टाग्राम अकाउंट पर आरोपी ने पहले उसे फॉलो किया। दोनों के बीच बातें होने लगीं और दोस्ती शारीरिक संबंध तक जा पहुंची थी। बाद में नाबालिग आरोपी को पुलिस ने पकड़कर बाल संप्रेक्षण गृह भेजा था।