सीजी न्यूज ऑनलाइन 18 अप्रैल । छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) भर्ती घोटाले की जांच में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को रायपुर और महासमुंद में पांच स्थानों पर छापेमारी की। इन छापों में बिचौलियों सहित पांच संदिग्ध व्यक्तियों के परिसरों की तलाशी ली गई, जहां से सीबीआई को कई आपत्तिजनक दस्तावेज़ बरामद हुए हैं।
सीबीआई को जांच के दौरान इन व्यक्तियों की भूमिका संदेहास्पद लगी, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। यह घोटाला वर्ष 2020 से 2022 के बीच हुए सीजीपीएससी परीक्षाओं से जुड़ा है, जिसमें कथित रूप से अयोग्य उम्मीदवारों को सिफारिश और नजदीकी रिश्तों के आधार पर डीसी, डीएसपी और अन्य वरिष्ठ पदों पर चयनित किया गया।
छत्तीसगढ़ सरकार के अनुरोध पर सीबीआई ने इस मामले को स्थानीय पुलिस से अपने हाथ में लिया था। जांच के दौरान सीबीआई ने 18 नवंबर 2024 को तत्कालीन सीजीपीएससी अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी और बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड के पूर्व निदेशक श्रवण कुमार गोयल को गिरफ्तार किया था।
इसके बाद 10 जनवरी 2025 को टामन सिंह सोनवानी के भतीजे नितेश सोनवानी, तत्कालीन उप परीक्षा नियंत्रक ललित गणवीर सहित पाँच अन्य को गिरफ्तार किया गया। वहीं, 12 जनवरी को शशांक गोयल, भूमिका कटियार और साहिल सोनवानी जैसे अन्य चयनित उम्मीदवारों को भी हिरासत में लिया गया।
सीबीआई ने 16 जनवरी 2025 को रायपुर स्थित विशेष न्यायालय में टामन सिंह सोनवानी (ए-1) से लेकर ललित गणवीर (ए-7) तक सात अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। एजेंसी ने स्पष्ट किया है कि घोटाले की जड़ तक पहुंचने के लिए अन्य उम्मीदवारों, सीजीपीएससी अधिकारियों और अन्य संभावित संलिप्त लोगों के खिलाफ जांच अभी भी जारी है।