CG Breaking News : संयुक्त संचालक शिक्षा एवं सहायक ग्रेड-2 निलंबित, शिक्षकों की पदस्थापना में गड़बड़ी, शासन ने की कार्रवाई

<em>CG Breaking News : संयुक्त संचालक शिक्षा एवं सहायक ग्रेड-2 निलंबित, शिक्षकों की पदस्थापना में गड़बड़ी, शासन ने की कार्रवाई</em>


सीजी न्यूज़ ऑनलाइन डेस्क,19 जुलाई । सहायक शिक्षक एलबी से प्रधान पाठक प्राथमिक शाला और शिक्षक तथा शिक्षक से प्रधान पाठक पूर्व माध्यमिक शाला के पद पर पदोन्नति उपरांत पदस्थापना आदेश में संशोधन करते हुए काउंसलिंग के माध्यम से पदस्थापना किए जाने के निर्देश का उल्लंघन करने पर प्रभारी संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा बिलासपुर एस. के. प्रसाद और तत्कालीन सहायक ग्रेड-2 श्री विकास तिवारी, कार्यालय संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा बिलासपुर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा मंत्रालय से आज इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। निलंबन अवधि में श्री प्रसाद का मुख्यालय लोक शिक्षण संचालनालय एवं श्री तिवारी का मुख्यालय संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा रायपुर नियत किया गया है।

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश अनुसार सहायक शिक्षक एलबी से प्रधान पाठक प्राथमिक शाला और शिक्षक तथा शिक्षक से प्रधान पाठक पूर्व माध्यमिक शाला के पद पर पदोन्नति पश्चात पदस्थापना ओपन काउंसलिंग के माध्यम से किए जाने के लिए सभी संयुक्त संचालक और जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया था। उक्त निर्देशों के पालन में संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा बिलासपुर के द्वारा सहायक शिक्षक एलबी से प्रधान पाठक प्राथमिक शाला और शिक्षक तथा शिक्षक से प्रधान पाठक पूर्व माध्यमिक शाला के पद पदोन्नति उपरांत पदस्थापना के लिए काउंसलिंग करते हुए पदस्थापना आदेश जारी किए गए थे। इस काउंसलिंग के पश्चात भी पदोन्नति उपरांत पदस्थापना आदेश में संशोधन किए जाने के लिए लेन-देन कर संशोधन किए जाने की शिकायत प्राप्त हुई। इस शिकायत के संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार 778 शिक्षकों की पदस्थापना स्थान में संशोधन करते हुए काउंसलिंग के माध्यम से पदस्थापना किए जाने के निर्देश का उल्लंघन किया जाना पाया गया। इस कार्यवाही के लिए प्रभारी संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा बिलासपुर एस.के. प्रसाद और तत्कालीन सहायक ग्रेड-2 कार्यालय संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा बिलासपुर विकास तिवारी की संलिप्तता पाई गई। इन दोनों का यह कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम के विपरीत गंभीर कदाचार है। अपचारी लोक सेवको द्वारा जांच कार्यवाही को प्रभावित किए जाने की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए राज्य शासन द्वारा दोनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।