“फेमा” और “पीएमएलए” जैसे हथियार से लैस भिलाई पहुंच रही “केंद्रीय जांच एजेंसी” दुर्ग पुलिस से जाल लेकर ईडी ने तैयार किया “चक्रव्यूह”

“फेमा” और “पीएमएलए” जैसे हथियार से लैस भिलाई पहुंच रही “केंद्रीय जांच एजेंसी” दुर्ग पुलिस से जाल लेकर ईडी ने तैयार किया “चक्रव्यूह”


🛑 मुंह के बल जल्द ही गिरेंगे आनलाईन सट्टा के “घुड़सवार”
🟪 ब्लैक मनी व्हाइट करने वाले मददगार भी होंगे “चारों खाने चित”

संतोष मिश्रा
भिलाई नगर, 15 दिसंबर। आनलाईन सट्टा के बढ़ते लगातार मामलों का पर्दाफ़ाश करते हुए दुर्ग जिला पुलिस द्वारा अब तक लगभग एक सैकड़ा आरोपियों पर गैंबलिंग ऐक्ट के तहत की गई ताबड़तोड़ कार्रवाई में करोडो़ं रूपये के लेन-देन का खुलासा होने पर इस काले कारोबार पर ईडी सहित अनेक जांच एजेंसियों की नजर है जो कि ऐसे अवैध कारोबारियों के हर बडे़ लेन-देन को न सिर्फ सूचीबद्ध कर रही है बल्कि दुर्ग जिला पुलिस से संबंधित पकड़े गए और फरार आरोपियों का पूरा डाटा भी लेती रही है।
करोड़ों के टर्नओवर तक जा पहुंचे आनलाईन सट्टा कारोबार को छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों तक ले जाने वाले घुड़सवार सी गति पकड़े आरोपियों पर लगाम कसने पुलिस के पास गैंबलिंग ऐक्ट के आलावा भले ही कोई रामबाण औषधि फिलहाल नहीं है मगर दुर्ग जिला पुलिस के माध्यम से ईडी द्वारा तैयार कर किए गए “चक्रव्यूह” में बडे़ बडे़ घुड़सवार जल्द ही मुँह के बल न सिर्फ गिरते दिखाई देंगे बल्कि इस काले कारोबार में जमा ब्लैक मनी को व्हाईट बनाने वाले उनके मददगार भी चारो खाना चित नजर आएंगे।
जानकारी मिली है कि महादेव, रेड्डी अन्ना, नटराज, अंबानी समेत आनलाईन सट्टा चलाने वाले पैनलिस्ट और संचालक जल्द बुरी तरह फँसने वाले हैं और इस बडी़ कार्रवाई से न केवल सट्टा कारोबारी पकड़े जाएंगे बल्कि इस काले धन को अन्य माध्यमों से बाजार में उतार कर उसे सफेद करने वाले चिन्हित लिमिटेड कंपनी संचालक, सराफा व्यवसायी भी लपेटे में आ सकेंगे।
आनलाईन सट्टा कारोबार में पकड़े गए सभी आरोपी भले मुचलके पर छूट गए हैं लेकिन इनके द्वारा अलग अलग बैंक खातों में बेटिंग के दौरान और उसके बाद हर बडे़ ट्रांजेक्शन को एक खाता से दूसरे में भेजने की जो “चैन” डाटा पुलिस जांच में अब तक विभिन्न कार्रवाई के माध्यम से तैयार हुआ है उससे सैकडो़ं बैंक खाते और लाखों ट्रांजेक्शन चिन्हित किए जा चुके हैं। करोडो़ के लेन देन का यह डाटा भी ईडी ने दुर्ग जिला पुलिस से लिया है। इसके आलावा ऐसे लोगों की सूची भी तैयार की गयी है जो प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से आनलाईन बेटिंग कारोबारियों के सहयोगी रहे हैं। मौके से फरार होने वाले, विदेश भागने वाले या फिर वो लोग जो साक्ष्य के अभाव में पकड़े नहीं जा सके लेकिन पकड़ाए आरोपियों के बयान और पुलिस को दी गई जानकारी के आधार पर उनका इंवाल्वमेंट फाईल में दर्ज है, पर शिकंजा कसने ग्राउंड लगभग तैयार हो गया है और इस कार्रवाई में भी बैंक खातों की ट्रांजेक्शन स्टेटमेंट खासी मददगार और पुख्ता साबित होगी।
सूत्रों से पता चला है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के प्रावधानों के तहत कार्रवाई होगी। सट्टा कारोबारियों द्वारा लेन देन के लिए इस्तेमाल किए गए विभिन्न बैंक खातों से बडे़ ट्रांजेक्शंस भी जांच के दायरे में हैं जिन पर धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत कार्रवाई हो सकती है।
गौरतलब हो कि धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) एक आपराधिक गतिविधि जैसे मादक द्रव्यों की तस्करी, आतंकवादी फंडिंग, अवैध हथियारों की बिक्री, तस्करी, वेश्यावृत्ति का चक्र, अनाधिकृत व्यापार (इंसाइडर ट्रेडिंग), रिश्वत एवं कंप्यूटर धोखाधड़ी योजनाओं से विपुल मात्रा में धन बनाने की अवैध प्रक्रिया है जो बड़े मुनाफे का उत्पादन करती है एवं एक वैध स्रोत से उत्पन्न प्रतीत होती हो। जबकि विदेशी मुद्रा की बात आती है तो आरबीआई अपने दम पर सभी लेनदेन आगे नहीं ले सकता है। यही कारण है कि आरबीआई अपनी शक्तियों को अधिकृत कार्मिक या फेमा के तहत किसी भी अधिकृत व्यक्ति के रूप में संदर्भित करता है। इस कर्मी के पास विदेशी प्रतिभूतियों और विदेशी एक्सचेंजों से निपटने का अधिकार क्षेत्र है। फेमा की धारा 10 के तहत आरबीआई ने अधिकृत किया है कि कौन से व्यक्ति या पार्टियां विदेशी प्रतिभूतियों से निपट सकती हैं। फेमा की धारा 2(स) के अनुसार, धारा 10 (1) के तहत अधिकृत किसी भी व्यक्ति जैसे प्रस्ताव शोर बैंकिंग इकाई, मनी परिवर्तक या अधिकृत डीलर के पास विदेशी प्रतिभूतियों और देश के विदेशी मुद्रा में सौदा करने का अधिकार क्षेत्र है।
फेमा में केवल अधिकृत व्‍यक्तियों को ही विदेशी मुद्रा या विदेशी प्रतिभूति में लेन देन करने की अनुमति दी गई है। किसी भी ऐसे व्‍यक्ति को प्रतिषिद्ध किया गया है जिसके साथ विदेशी मुद्रा या विदेशी प्रतिभूति का लेन देन करना या अंतरित करना जो अधिकृत व्‍यक्ति नहीं है। भारत के बाहर निवासी किसी व्‍यक्ति को या उसके क्रेडिट के लिए किसी भी तरीके से कोई भुगतान करना, भारत के बाहर निवासी व्‍यक्ति के आदेश से या उसकी ओर से किसी भी तरीके से कोई भुगतान अधिकृत व्‍यक्ति के माध्‍यम से अन्‍यथा प्राप्‍त करना, भारत में कोई वित्तीय लेनदेन करना, जो भारत में निवासी किसी ऐसे व्‍यक्ति द्वारा भारत के बाहर किसी परिसम्‍पत्ति को अधिगृहित करने के अधिकार के अधिग्रहण या सृजन अथवा अंतरण के लिए या उससे संबद्ध प्रतिफल के रूप में हो, जिसने भारत के बाहर अवस्थित कोई अचल सम्‍पत्ति या कोई विदेशी मुद्रा, अथवा विदेशी प्रतिभूति का अर्जन किया है, धारण किया है, स्‍वामित्‍व ग्रहण किया है या उसका अंतरण किया है। यह अधिनियम दो प्रकार के विदेशी मुद्रा लेन देनों से संबंधित कार्रवाई करता है।