नीरज चोपड़ा को मिल सकता है गोल्ड ? पाकिस्तानी एथलीट अरशद नदीम का हुआ डोप टेस्ट? जानें वायरल दावे की सच्चाई

नीरज चोपड़ा को मिल सकता है गोल्ड ? पाकिस्तानी एथलीट अरशद नदीम का हुआ डोप टेस्ट? जानें वायरल दावे की सच्चाई


सीजी न्यूज ऑनलाइन खेल डेस्क 10 अगस्त। पाकिस्तान के एथलीट अरशद नदीम पेरिस ओलंपिक 2024 में जेवलिन थ्रो गोल्ड मेडल विनर है। लेकिन उनकी जीत के बाद ही एक नया विवाद खड़ा होने की खबर है. मामला इस प्रकार है कि मुकाबले के बाद अरशद नदीम का डोप टेस्ट करवाया गया था, परंतु बाद दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तानी एथलीट ने कुछ गलत पदार्थ का सेवन करके 92.97 मीटर दूर भाला फेंका था. बस जैसे ही ये खबर फैली, वैसे ही नीरज चोपड़ा को गोल्ड मेडल मिलने की मांग उठने लगी. तो चलिए जानते हैं कि आखिर इन दावों में कितनी सच्चाई है.


पहले जानिए: डोप टेस्ट क्या है ?

डोप टेस्ट प्रोटोकॉल के तहत दुनिया के लगभग सभी स्पोर्ट्स इवेंट्स में करवाया जाता है. यह जांच आमतौर पर यूरिन एवं ब्लड सैंपल के माध्यम से की जाती है. इसका उद्देश्य इस जानकारी के लिए होता है कि किसी एथलीट ने कोई ड्रग, ताकत बढ़ाने की टैबलेट या मेडिकल टर्म के अनुसार किसी तरह बेईमानी करने का प्रयास तो नहीं किया है. ओलंपिक में बहुत सारे एथलीट डोपिंग के दोषी पाए जा चुके हैं. वहीं पेरिस ओलंपिक 2024 में ईरान के सज्जद सेहेन और नाइजीरिया की बॉक्सर सिंथिया को इसका दोषी पाया गया था.

क्या है दावा ?

सोशल मीडिया पर लोग विशेष तौर पर पाकिस्तान के अरशद नदीम के खिलाफ कार्यवाई करने की मांग कर रहे हैं. एक व्यक्ति ने कहा कि जब सब एथलीट भला फेक में 88 मीटर से 89 मीटर की दूरी तक पहुंच पा रहे हैं, ऐसे में नदीम ने 92.97 मीटर दूर भाला कैसे फेंक दिया. वहीं किसी ने अरशद की तस्वीर शेयर करके दावा किया कि उनका चेहरे ऐसा लग रहा है जैसे उन्होंने नशीले पदार्थ का सेवन किया हो. हालांकि काफी लोग पाकिस्तानी एथलीट के समर्थन में भी उतरे हैं, लेकिन अधिकांश लोग उन्हें ट्रोल करने में लगे हैं.

अब सवाल क्या नीरज चोपड़ा को मिलेगा गोल्ड?

डोप टेस्ट करवाने की प्रथा बहुत लंबे समय से चली आ रही है. अक्सर मेडल जीतने के बाद एथलीटों का तुरंत डोप टेस्ट करवाया जाता है. जेवलिन थ्रो चैंपियनशिप समाप्त होने के बाद केवल पाकिस्तान के अरशद नदीम का ही नहीं बल्कि भारत के नीरज चोपड़ा और ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स का भी डोप टेस्ट करवाया गया था. मैदान में रहते ही उनकी जांच की रिपोर्ट भी आ गई थी.

मेडल जीतने वाले एथलीटों का डोप टेस्ट होना कोई नई बात नहीं है. प्रोटोकॉल के तहत केवल यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि उस एथलीट ने कोई छल तो नहीं किया है. ऐसे में अरशद नदीम को नशीले पदार्थ का सेवन या किसी अन्य आरोप में दोषी ठहराए जाने का दावा बिल्कुल गलत है. क्योंकि डोप टेस्ट केवल प्रोटोकॉल फॉलो करने के लिए करवाया गया था .