🛑 रेलवे में टीटीई और क्लर्क पद के लिए 8 घंटे डिब्बे गिनने की गजब ट्रेनिंग का खुलासा
🛑 सांसदों और मंत्रियों के साथ जान-पहचान का दावा कर बेरोजगारों से रेलवे में नौकरी का बड़ा झांसा
सीजी न्यूज आनलाईन डेस्क, 21 दिसंबर। न्यू दिल्ली रेलवे स्टेशन के अलग-अलग प्लेटफार्म्स पर तमिलनाडु के कम से कम 28 लोग करीब एक महीने तक रोजाना आठ घंटे आने-जाने वाली ट्रेनों तथा उनके डिब्बों की गिनती कर रहे थे। उन्हें बताया गया था कि यही उनका काम है। वे इस बात से बेखबर थे कि वे नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी का शिकार हो चुके हैं।
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में दायर एक शिकायत के अनुसार उन्हें बताया गया था कि यह ड्यूटी टिकट परीक्षक (टीटीई), यातायात सहायकों और क्लर्कों के पदों के लिए उनकी ट्रेनिंग का हिस्सा थी। रेलवे में नौकरी पाने के लिए उनमें से प्रत्येक ने दो लाख से 24 लाख रुपये के बीच की राशि का भुगतान किया था।इस मामले में शिकायत 78 वर्षीय एम सुब्बुसामी द्वारा दर्ज कराई गई है। उनकी शिकायत के अनुसार इस वर्ष जून और जुलाई के बीच हुए एक महीने के प्रशिक्षण के लिए धोखेबाजों के एक समूह द्वारा रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर पीड़ितों से कुल 2 करोड़ 67 लाख रुपये ठग लिए हैं। पूर्व सैनिक सुब्बुसामी ही सभी पीड़ितों को इस कथित धोखेबाजों के संपर्क में लाए थे लेकिन उन्होंने दावा किया कि वह इस बात से अंजान थे कि यह सब एक घोटाला है और वह भी उनके जाल में फंस गए। मदुरै के एक पीड़ित 25 वर्षीय स्नेहिल कुमार ने शिकायत में बताया कि प्रत्येक उम्मीदवार ने सुब्बुसामी को दो लाख रुपये से लेकर 24 लाख रुपये तक की रकम का भुगतान किया है जिसने विकास राणा नाम के एक व्यक्ति को रूपये दिए हैं। राणा ने दिल्ली में उत्तर रेलवे कार्यालय में खुद को एक उप निदेशक के रूप में पेश किया और ज्यादातर पीड़ित इंजीनियरिंग और तकनीकी शिक्षा की पृष्ठभूमि वाले स्नातक हैं।
तमिलनाडु के विरुधुनगर जिले के निवासी सुब्बुसामी ने ईओडब्ल्यू से की शिकायत में बताया कि रिटायरमेंट के बाद से वह अपने इलाके के बेरोजगार युवाओं को बिना किसी मौद्रिक हित के उपयुक्त नौकरी खोजने में मदद करते रहे हैं। वह दिल्ली के एक एमपी क्वार्टर में कोयम्बटूर निवासी शिवरमन नामक व्यक्ति से मिले थे। शिवरमन ने सांसदों और मंत्रियों के साथ अपनी जान-पहचान का दावा किया और मौद्रिक लाभ के बदले बेरोजगारों के लिए रेलवे में रोजगार की पेशकश की। जिसके बाद सुब्बसामी नौकरी की तलाश कर रहे तीन लोगों के साथ दिल्ली आए और बाद में नौकरी पाने के लिए 25 लोग और उनके साथ आए। ईओडब्ल्यू ने अपनी प्रारंभिक जांच में पाया कि यह एक नौकरी घोटाला था और आगे की जांच चल रही है। रेल मंत्रालय में मीडिया और संचार के अतिरिक्त महानिदेशक योगेश बवेजा ने इस तरह के नौकरी घोटालों के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि रेलवे बोर्ड नियमित रूप से सलाह जारी कर रहा है और आम लोगों को इस तरह की धोखाधड़ी के खिलाफ सतर्क भी कर रहा है।
2 करोड़ 67 लाख देकर 28 इंजीनियर अलग अलग स्टेशन पर रोज 8 घंटे ट्रेन और डिब्बे गिनने की कर रहे थे “सरकारी नौकरी”