🟦 आईडीबीआई बैंक प्रबंधक की सांठ गांठ से फर्जीवाडा़
सीजी न्यूज आनलाईन डेस्क, 3 जनवरी। चार एफआईआर के आधार पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 के तहत जांच शुरू कर दी गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को आईडीबीआई बैंक के गुंटूर से कथित रूप से फर्जी ऋण प्राप्त करने के लिए सुब्रह्मण्यम, श्रीनिवास राव, मल्लिकार्जुन राव, प्रसाद राव, उनके परिवार के सदस्यों और कंपनियों के स्वामित्व वाली 20.31 करोड़ रुपये की 47 अचल संपत्तियों को कुर्क की है। केंद्रीय जांच ब्यूरो और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की हैदराबाद और विशाखापत्तनम शाखाओं द्वारा दर्ज की गई चार एफआईआर के आधार पर धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत जांच शुरू की गई थी। ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि चार मुख्य आरोपियों ने बैंक के तत्कालीन मैनेजर चंद्रशेखर हरीश के साथ मिलकर 247 कर्जदारों के नाम पर किसान क्रेडिट कार्ड से कुल 57.1 करोड़ रुपये का कर्ज मछली पालन के लिए लेने की साजिश रची, जो रिश्तेदार थे। कर्मचारियों और अन्य परिचितों, उनकी संपत्तियों को संपार्श्विक प्रतिभूतियों के रूप में प्रस्तुत करके उन्होंने रूपये से अचल संपत्तियां खरीदीं और उन्हें दूसरों के नाम पर पंजीकृत कराया। इस मामले की जांच जारी है।