सीमा सुरक्षा बल ने नक्सलियों के भय एवं दबाव को ग्रामीणों के मध्य में समाप्त करने किया प्रयास- मलिक, सीमा सुरक्षा बल ने बड़े हर्षोल्लास से मनाया 75 वाँ स्वंतत्रता दिवस

सीमा सुरक्षा बल ने नक्सलियों के भय एवं दबाव को ग्रामीणों के मध्य में समाप्त करने किया प्रयास- मलिक,  सीमा सुरक्षा बल ने बड़े  हर्षोल्लास से मनाया 75 वाँ स्वंतत्रता दिवस


सीमा सुरक्षा बल ने नक्सलियों के भय एवं दबाव को ग्रामीणों के मध्य में समाप्त करने किया प्रयास- मलिक,

सीमा सुरक्षा बल ने बड़े  हर्षोल्लास से मनाया 75 वाँ स्वंतत्रता दिवस

भिलाई नगर 15 अगस्त । भिलाई स्थित  सीमान्त मुख्यालय एवं क्षेत्रीय मुख्यालय के जवानाें एवं अधिकारियों ने सामाजिक दूरी एवं कोरोना प्रोटोकाॅल का पूर्णता ध्यान रखते हुए बड़े हर्षोल्लास के साथ स्वंतत्रता दिवस की 75 वीं वर्षगांठ मनाई । 

इस अवसर पर सीमा सुरक्षा बल छत्तीसगढ़ के उपमहानिरीक्षक कार्यवाहक महानिरीक्षक  ए एस मलिक ने सीमा सुरक्षा बल मुख्यालय रिसाली  में ध्वजाराेहण किया।  भिलाई एवं कांकेर जिले में तैनात सभी बीएसएफ जवानाें, अधिकारियों एवं उनके परिजनों काे स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी, साथ ही उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

वर्ष 2009 में छत्तीसगढ़ में नक्सल समस्या के समाधान के लिए बीएसएफ काे कांकेर जिला में तैनात किया गया । कांकेर के अति संवेदनशील बीहड़ो एवं दूरस्थ ग्रामीण तथा जंगली इलाके में बीएसएफ की टुकडियाँ कठिनाईयाें से लड़ते हुए तैनात हुई। अपने अथक प्रयासाें से बल ने धीरे-धीरे गांव वालाें का भराेसा जीतने में कामयाब हुई । जिससे गांव वालाें के दिल में सुरक्षा की भावना पैदा हुई है। बल ने अतिसंवेदनशील इलाके सीओबी महला, थाना प्रतापपुर जिला कांकेर से लगभग 06 किमी0 उत्तर पूर्व दिशा में  ग्राम कटगांव एवं सीओेबी उदानपुर, थाना काेयलीबेड़ा जिला कांकेर से लगभग 3.5 किमी0 पश्चिम दिशा में घने जंगल में स्थित गांव कामतेड़ा में दाे नया कैंप बनाने का जिम्मा मिला। जिसे सुरक्षा बल ने पुरा करते हुए अपने जवानाे  काे तैनात किया जो कि माओवादियों का गढ़ माना जाता है। नये कैम्प कटगांव एवं कामतेड़ा की स्थापना से, इलाके में माओवादियों की गतिविधियों में काफी अवरोध उत्पन्न हुआ है। जाे माओवादियों का गढ़ एरिया़, एमएमसी और राजनांदगांव जाने का प्रमुख रास्ता हैं। साथ ही साथ इलाके में चल रहे विकास कार्यों को बढ़ावा मिल रहा है। जिनका सीधा फायदा दूर स्थित ग्रामीणों को मिलेगा। यहाँ के आदिवासी ग्रामीण लोग नक्सलियाें के दबाव तथा भय के कारण शिक्षा एवं विकास से वंचित हैं । 

सुरक्षा बल ने यहाँ अपनी चौकी बनाकर ग्रामीण आदिवासी लोगाें के दिल में नक्सलियों का भय तथा उनका दबाव काे दूर करने का प्रयास कर रही है। इसलिए माओवादियों द्वारा बार-बार आस पास  के ग्रामीणों काे नये कैंप का विरोध करने के लिए उकसाया जा रहा है।

सीमा सुरक्षा बल के जवान दुर्ग में क्षेत्रों में बड़ी कठिनाइयों में अपनी डयूटी निभा रहे हैं। बड़ी निपुणता के साथ अपने काम को अंजाम दे रहे हैं। सीमा सुरक्षा बल अपने जवानाें की  मेहनत की बदौलत आज अपने इलाके के लोगाें के बीच एक लोकप्रिय फोर्स बनकर उभरा है। जिसके लिए हमें अपने जवानाें के ऊपर गर्व है । हमें जहाँ नक्सल के खिलाफ सख्त कदम उठाने हैं, वही अपने व्यवहार से लोगाें का दिल जीतकर उनके दिलों में सुरक्षा की भावना को मजबूत करना है। अब तक सीमा सुरक्षा बल ने छत्तीसगढ़ में अपने कठिन प्रयासो से कांकेर जिले में सक्रिय 102 हार्डकोर नक्सलियों  काे आत्मसमर्पण कराकर देश की मुख्यधारा में जाेड़ने में अहम 

भूमिका निभाई है। छत्तीसगढ़ में तैनाती से अब तक सीमा सुरक्षा बल ने 09 नक्सलियों काे मार  गिराया, 776 नक्सलियाें की गिरफ्तारी एवं 402 से अधिक आईईडी (जिन्दा बम्ब) की बरामदगी कर सुरक्षा बलों एवं आम जनता काे भारी नुकसान हाेने से भी बचाया है। सीमा सुरक्षा बल ने कांकेर जिले में नक्सलियों के खिलाफ नकेल कसने में सफलता हासिल की है। जिसकी भरपूर प्रशंसा हाे रही है। जहाँ सीमा सुरक्षा बल के जवान अपनी जान की बाजी लगाकर देश काे नक्सल मुक्त बनाने में लगे है वही दूसरी ओर समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहे हैं जिनमें कांकेर के दूरदराज फैले गांव वालों में गरीबों एवं स्कूल बच्चो काे जरूरत की चीजें मुहैया कराना, मुफ्त चिकित्सा सुविधाएँ प्रदान करना, बेराेजगार युवाओं  काे डेवलपमेन्ट प्राेग्राम के तहत राेजगार प्रशिक्षण देना, ट्राइबल यूथ प्रोग्राम के तहत आदिवासी बच्चाें काे भारत भ्रमण में ले जाना। प्रदेश की संस्कृति काे देश के समक्ष रखना इत्यादि प्रमुख है। अंत में उपमहानिरीक्षक  कार्यवाहक महानिरीक्षक  ए0 एस0 मलिक ने सभी के साथ जलपान किया। सभी के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कार्यक्रम का समापन किया।