बिलासपुर-जगदलपुर फ्लाइट बंद, नए रूट से बढ़ा सरकार पर सब्सिडी का बोझ

बिलासपुर-जगदलपुर फ्लाइट बंद, नए रूट से बढ़ा सरकार पर सब्सिडी का बोझ


🔴संघर्ष समिति ने की एमओयू में संशोधन की मांग

सीजी न्यूज ऑनलाइन, 30 नवंबर। हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने राज्य सरकार से मांग की है कि वह एलाइंस एयर के साथ किए गए एमओयू में संशोधन करे और जबलपुर-जगदलपुर रूट की जगह बिलासपुर-जगदलपुर रूट को दोबारा शामिल किया जाए। समिति का कहना है कि नया रूट यात्रियों के लिए न केवल गैर-ज़रूरी है, बल्कि इससे राज्य सरकार पर सब्सिडी का अतिरिक्त बोझ भी बढ़ रहा है।

समिति ने नवंबर माह के आंकड़े साझा करते हुए बताया कि जबलपुर-जगदलपुर-जबलपुर सेक्टर में इस महीने कुल 14 उड़ानें संचालित हुईं। इनमें उपलब्ध 980 सीटों में से सिर्फ 275 यात्रियों ने ही यात्रा की, यानी भराव मुश्किल से 30 प्रतिशत के आसपास रहा। इसके उलट, अक्टूबर से पहले चल रही जगदलपुर-बिलासपुर-जगदलपुर उड़ानों में 60 प्रतिशत तक यात्री भराव मिल रहा था, जो स्पष्ट रूप से मांग और उपयोगिता दोनों दिखाता है। समिति का तर्क है कि छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश अलग-अलग राज्य हैं, इसलिए जगदलपुर से जबलपुर जाने की आमतौर पर कोई बड़ी आवश्यकता नहीं होती। इसके विपरीत, बिलासपुर हाई कोर्ट होने के कारण जगदलपुर से लोगों की आवाजाही बिलासपुर की ओर स्वाभाविक रूप से अधिक रहती है। इसके साथ ही रायपुर-जगदलपुर उड़ान बंद होने से कई यात्री रायपुर से बिलासपुर आकर यहां से जगदलपुर की उड़ान लेते थे। ऐसे में बिलासपुर रूट बंद करना जनता और राज्य दोनों के हित में नहीं है।

समिति की ओर से सुदीप श्रीवास्तव ने बताया है कि एमओयू के अनुसार उड़ान में यात्रियों की संख्या कम होने पर राज्य सरकार को अधिक सब्सिडी देनी पड़ती है। जबलपुर रूट में सीटें खाली रहने के कारण सब्सिडी का अतिरिक्त भार सरकार पर पड़ रहा है, जबकि यात्रियों को इसका लाभ भी नहीं मिल रहा।

समिति का दावा है कि यदि जगदलपुर-जबलपुर रूट हटाकर, वही उड़ानें जगदलपुर-बिलासपुर-जगदलपुर पर चलाई जाएँ, तो इससे बिलासपुर से दिल्ली की उड़ान हफ्ते में कम से कम दो दिन और बढ़ेगी। साथ ही, जगदलपुर के यात्री सीधे बिलासपुर के रास्ते दिल्ली पहुंच सकेंगे और कुल मिलाकर यात्रा समय व खर्च दोनों घटेंगे। हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति का महा धरना शनिवार-रविवार को भी जारी रहा।