🔴 15 लाख एक मुश्त, 12 हजार महीने किराया और एक सदस्य को नौकरी का देते थे झांसा
सीजी न्यूज आनलाईन डेस्क, 23 नवंबर। रायगढ़ में पुलिस ने मोबाइल टॉवर लगाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया और इस मामले में 14 युवतियों सहित 22 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। पुलिस टीम ने कोलकाता में संचालित कॉल सेंटर पर दबिश देकर यह बडी़ कार्रवाई की है।
पुलिस के मुताबिक सभी आरोपी कॉल कर मोबाइल टॉवर लगाने के नाम पर लोगों को फंसाते थे। लोगों को मोटी रकम देने के साथ ही हर महीने किराये देने की बात करते थे। पुलिस ने आरोपियों से कई मोबाइल जब्त किया है। इस मामले में पीड़ित आदित्य मिश्रा ने पुसौर थाने में 8 सितंबर 2022 को धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्हें अगस्त माह में 3 अलग-अलग मोबाइल नंबरों से कॉल कर गांव में एयरटेल कंपनी का टॉवर लगाने के संबंध में चर्चा कर घर और प्लाट की जरुरत बताई गई थी। बदले में प्रतिमाह 15,000 रुपए किराया और बोनस के तौर पर 15 लाख रुपए एक साथ देने का लालच दिया गया था। ये बातें बताकर ठगों ने डाक्यूमेंट्स तैयार करने, इंश्योरेंस, एनओसी और मटेरियल के लिए रुपये जमा करने की बात कही। पीड़ित से कुल 1 लाख 82 हजार 460 रुपये जमा कराकर धोखाधड़ी की गयी।

रिपोर्ट बाद आरोपियों की पतासाजी के लिए पुलिस टीम पश्चिम बंगाल रवाना हुई। टीम को पुलिस अधीक्षक मीना मार्गदर्शन कर रहे थे। रायगढ़ पुलिस स्थानीय कोलकाता जोरासांकी पुलिस की मदद से जोरासांकी मेट्रो के गेट परबड़ी सूझबूझ से रेड कर आरोपी शमसूल हुसैन (19 वर्ष) निवासी बेलगछिया रोड कोलकाता को हिरासत में लिया। कड़ी पूछताछ में उसने बताया कि बिल्डिंग के दो कमरों को उनका परिचित किराए में लेकर अवैध तरीके से कॉल सेंटर चला रहा है। आरोपी देश भर में लोगों को मोबाइल टॉवर लगाने के नाम पर कॉल कर ठगते हैं। सभी का अलग-अलग काम हैं, ऑफिस में मैनेजर-गोपाल कंडार और दीपिका मंडल तथा टीम लीडर बीना साव उर्फ़ डाली, मधु यादव, जूली सिंह, स्नेहा पाल, पूजा राय हैं। उनके साथ राम कुमार साव, पूजा सिंह, विशाल सेठ, पिंकी राजभर, पूजा पासवान, पूजा शर्मा, रिंकी साव, इंद्रजीत दास, पूजा दास, अंकु गुप्ता, अनिल शाह, कामिनी पोद्दार, प्रियंका चौधरी, रोहित साव सभी लोग इस ठगी को अंजाम देते हैं।

इस ठगी के कारोबार में ऑफिस के स्टाफ ने दो अलग-अलग व्हाट्सएप ग्रुप बनाए हैं। इनके सीनियर के कहने पर सभी आरोपी रोजाना 250 से 300 लोगों को कॉल करते हैं औरअपनी-अपनी डायरी मेंटेन करते हैं ताकि कस्टमर से कितने रुपए प्राप्त हुए, किन से क्या डॉक्यूमेंट लेना है, इन सबका जिक्र उस डायरी में रहे। सभी अलग अलग नामों से लोगों को कॉल करते थे। आरोपी शमसूल बताया कि उसके सीनियर गूगल से सीरीज नंबर लेकर इन्हें मुहैया कराते हैं और उन नंबरों पर कॉल कर लोगों को अपने झांसे में लेना होता है। ये लोग सबसे पहले कॉलर से टॉवर लगाने के नाम पर लुभावनी स्कीम बताते हैं, जिसमें उनसे पूछा जाता था कि क्या उनके पास 10X10 की जमीन है, किसके अधिकार की जमीन है। उसके बाद जमीन पर टॉवर लगाने की फ्रॉड स्कीम बताकर प्रलोभन देते थे कि इन्हें 10 साल के लिए 15,00,000 रुपए देंगे, 12,000 प्रतिमाह किराया देंगे तथा घर के एक पढ़े-लिखे सदस्य को 10 से 15,000 की नौकरी भी दी जाएगी। जब कॉलर राजी हो जाता था तब उन्हें कमर्शियल लाइसेंस, इंश्योरेंस, एनओसी के नाम पर डॉक्युमेंट और रुपये मांगे जाते थे। इनके पास केवल एक स्मार्टफोन मोबाइल नंबर 8902251001 है जो उनके कॉल सेंटर में रखा है। इस स्मार्टफोन का इस्तेमाल व्हाट्सएप के जरिए डॉक्यूमेंट मंगाने के लिए होता था। आरोपियों के मुताबिक हर 5 में से एक व्यक्ति इनके झांसे में आता है।
एसपी मीना ने बताया कि दफ्तर में रेड कर कॉल सेंटर में काम कर रहे 14 लड़की और 8 लड़कों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर आरोपियों से घटना में इस्तेमाल ऑफिस और आरोपियों के निजी प्रयोग में आने वाले 44 मोबाइल, डायरियां जब्त की हैं।
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