अमेरिकी महाबम से बड़ा नुकसान, ईरान ने मानी फोर्दो परमाणु ठिकाने के ध्वस्त होने की बात

अमेरिकी महाबम से बड़ा नुकसान, ईरान ने मानी फोर्दो परमाणु ठिकाने के ध्वस्त होने की बात


सीजी न्यूज ऑनलाइन 03 जुलाई। इजरायल और ईरान के बीच बीते महीने भीषण जंग छिड़ने के बाद अमेरिका की एंट्री से तहलका मच गया था। अमेरिका ने सीजफायर से पहले ईरान के 3 परमाणु ठिकानों पर बड़ा हमला किया था। अब ईरान ने इन हमलों में नुकसान की बात कबूल की है।

बीते महीने इजरायल और ईरान के बीच हुई जंग में सीजफायर के बाद मिडिल ईस्ट में फिलहाल सन्नाटा पसरा है। इससे पहले 12 दिनों तक चले इस संघर्ष के दौरान दोनों देशों में भारी तबाही मची थी। वहीं अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर महाबम बरसा कर तहलका मचा दिया था। इन सब के बाद अब ईरान ने पहली बार इन हमलों में बड़े पैमाने पर नुकसान की बात कबूल की है। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने बुधवार को कहा है कि अमेरिकी हमलों में फोर्दो परमाणु स्थल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है।

अरब न्यूज ने अपनी एक रिपोर्ट में एक इंटरव्यू के हवाले से बताया कि ईरानी विदेश मंत्री ने खुद इस बात को कबूल किया है। अब्बास अराघची ने इंटरव्यू में कहा, “कोई भी ठीक से नहीं जानता कि फोर्दो में क्या हुआ है। हम अब तक जो जानते हैं कि कुछ ठिकाने गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।” उन्होंने आगे कहा, “ईरान का परमाणु ऊर्जा संगठन फिलहाल इसकी जांच कर रहा है, जिसकी रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी।”

IAEA के साथ सहयोग खत्म


इस बीच ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के साथ सहयोग को रोकने के लिए कानून लागू करने का आदेश दे दिया है। ईरानी संवैधानिक परिषद के प्रवक्ता हादी तहन नाजिफ ने कहा कि कानून में आईएईए के साथ फिलहाल सहयोग नहीं करने का प्रावधान है। कानून के मुताबिक यह रोक तब तक जारी रहेगी जब तक ईरान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और इसकी परमाणु सुविधाओं और वैज्ञानिकों की सुरक्षा पूरी तरह से सुनिश्चित नहीं हो जाती।

12 दिनों तक चला तबाही का दौर


गौरतलब है कि बीते 13 जून को इजरायल ने ईरान के कई क्षेत्रों पर बड़े हवाई हमले किए जिनमें ईरान के कई परमाणु और सैन्य ठिकाने शामिल थे। इन हमलों में ईरान के वरिष्ठ कमांडर, परमाणु वैज्ञानिक तथा कई नागरिक मारे गए। ईरान ने भी इजरायल पर मिसाइलों और ड्रोन की बौछार की थी। इसके बाद 22 जून को अमेरिका ने तीन ईरानी परमाणु स्थलों, फोर्डो, नतांज और एस्हाफाहन पर हवाई हमले किए थे। 12 दिनों की जंग के बाद 24 जून को ईरान और इजरायल के बीच युद्धविराम हुआ था