सीजी न्यूज आनलाईन डेस्क, 12 सितंबर। छोटे मोटे कर्मचारियों की रिश्वतखोरी के चर्चे और खबरें तो भ्रष्टाचार के इस युग में आम हैं लेकिन जब एडीएम या कलेक्टोरेट में ऊंचे पदों पर बैठे अधिकारी, जिन पर भ्रष्टाचार मुक्त देश और समाज गढ़ने की जिम्मेदारी हो अगर वही रिश्वत से प्रेम रखते हों तो फिर कहना ही क्या…।
जी हां, मामला मध्यप्रदेश के मऊगंज जिले का है, जहां अपर कलेक्टर खुद रिश्वत के शौकीन निकले नतीजतन मामला पकड़ा गया और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने तत्काल मऊगंज जिले के अपर कलेक्टर अशोक कुमार ओहरी को निलंबित करने के निर्देश दे दिए।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार डॉ यादव ने कहा कि राज्य सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ “जीरो टालरेंस” की नीति है, इसलिए अपर कलेक्टर ओहरी को तत्काल निलंबित करने के निर्देश दिए गए हैं। इस प्रकरण में लोकायुक्त की ओर से कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि नागरिक हितों से खिलवाड़ करने वाले किसी भी अधिकारी कर्मचारी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर इस संबंध में अपने संदेश में कहा कि पहले भी सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों को सख्त हिदायत दी जा चुकी है कि जमीन नामांतरण, बंटवारा आदि मामलों के निराकरण में गंभीरता बरतें। मध्यप्रदेश सरकार अपने नागरिकों को बेहतर, त्वरित और पारदर्शी तरीके से सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है।