⚫ जी हां…‼️कोरोना ने ही खोला था सौरभ चंद्राकर की किस्मत का ताला
संतोष मिश्रा
सीजी न्यूज आनलाईन डेस्क, 8 फरवरी। बहुत ज्यादा समय नहीं बीता है, वर्ष 2019 की ही बात है जब छत्तीसगढ़ में दुर्ग जिला के भिलाई नेहरू नगर निवासी नगर निगम में पंप आपरेटर रमेश चंद्राकर का बेटा जो नेहरू नगर में ही सड़क किनारे जूस की दुकान चलाया करता था वह महज तीन साल में ऑन लाइन गेमिंग ऐप की दुनिया में बड़ा नाम बन गया है। सट्टा के काले व्यापार में देश और विदेश भर में जमे लोग जहां उसे सौरभ चंद्राकर के नाम से जानते पहचानते हैं वहीं पुलिस रिकार्ड में भी उसकी यही पहचान है।
आपको बता दें कि वर्ष 2019 में आईपीएल सट्टेबाजी जोरों पर थी। सौरभ भी इससे अछूता नहीं था। उसकी मुलाकात वैशाली नगर में मोमोस बेचने वाले सतनाम सिंह से हुई जो कि आईपीएल सट्टे में उस समय धीरे धीरे पांव जमा रहा था। सौरभ जूस के साथ साथ इस अवैध कारोबार में इंट्रेस्ट लेने लगा। इस बीच दुर्ग पुलिस ने छापेमारी कर सतनाम सिंह के अड्डे से आईपीएल सट्टा रैकेट तोड़ दिया। कई लोग जब पुलिस की पकड़ में आए तो लुक छिप कर रह रहे सौरभ की दुबई के एक शेख से पहचान हो गई। वह छत्तीसगढ़ से निकल कर जैसे तैसे दुबई पहुंच गया। यहां उसने आनलाईन बेटिंग ऐप का प्रोजेक्ट तैयार किया और 2019 में ही अपने दोस्त रवि उप्पल को भी दुबई बुलवा लिया। आपको बता दें कि रवि भिलाई में ही टायर की दुकान चलाया करता था। दुबई पहुंचे रवि उप्पल ने सौरभ के प्रोजेक्ट में पूरी दिलचस्पी दिखाई और दुबई के एक शेख और दो पाकिस्तानी ऐसे पार्टनर्स भी मिले जिन्होंने आनलाईन बेटिंग ऐप के इस प्रोजेक्ट को हाथों हाथ लिया। सभी ने पार्टनरशिप में महादेव बुक ऐप को लांच किया।
महादेव ऐप लांचिंग बाद दुबई से पलक झपकते ही दुर्ग भिलाई में भारी डिमांड के साथ आ धमका था। पुराने सटोरिए और खाईवाल जमकर इस आनलाईन काले कारोबार का प्रचार प्रसार करने लगे। तभी मार्च-अप्रेल 2020 में भारत में लॉक डाउन लगा। जब पूरे विश्व का हाल आर्थिक तंगी की आशंकाओं को लेकर बेहाल था उसी कोरोना में सौरभ चंद्राकर की किस्मत का ताला खोल दिया।
घर बैठे तमाम ऐसे बडे़ कारोबारी जो लाकडाउन की वजह से हैरान परेशान थे, उन तक सौरभ ने दुबई में बैठ भिलाई के सतनाम, सन्नी, राज गुप्ता, रवि, नितिश दीवान, सागर सिंह और चेलानी ब्रदर्स के सहारे महादेव ऐप की जमकर मार्केटिंग की। जिन व्यवसायियों ने इनके विजन को समझा वो लाखों देकर पैनल खरीदने लगे। देखते ही देखते दुर्ग, राजनांदगांव, रायपुर, बिलासपुर में भी महादेव पैनल डिमांड ट्रैंड करने लगा।
आनलाईन बेटिंग में दांव लगाने पुलिस से छिप कर जुआ की तरह न तो महफ़िल जमाने की जरूरत थी और न ही पकड़े जाने का भय। पैनलिस्ट से आईडी लेकर हार जीत दांव के शौकीन घर बैठे 24 घंटे इस काले कारोबार में मोबाइल पर संलिप्त देखे गए। चंद रूपयों से हजार फिर बल्क मात्रा में लाखों करोड़ों की गैम्बलिंग महादेव बुक के थ्रू होने लगी और देखते ही देखते तीन साल में सौरभ ने कई सौ करोड़ की संपत्ति का सम्राज्य खड़ा कर दिया।
गौरतलब हो कि आज से ठीक पांच दिन बाद यानि 13 फरवरी को भिलाई में अपने घर के पड़ोस में रहने वाले बचपन के प्यार को परवान चढ़ाते हुए सौरभ मलेशिया में शादी कर रहा है। खबर है कि अपनी उस मंगेतर को 35 करोड़ रुपये की डायमंड रिंग मलेशिया में पहनायेगा और समुंदर के बीच में एक क्रूज पर उसके साथ सात फेरे लेगा। इस खास मौके पर भिलाई दुर्ग सहित देश भर से उसके चुनिंदा पैनलिस्ट सौरभ के निमंत्रण पर विदेश का रूख कर चुके हैं। सभी मेहमानों को सौरभ ने दुबई बुलाया है वहां से दो दिन बाद शुक्रवार को उन्हें क्रूज के जरिए मलेशिया ले जाया जायेगा और 10 फरवरी से ही लगातार अलग अलग फंक्शन 15 फरवरी तक होने हैं, मतलब हर दिन पार्टी का होगा।
आपको बता दें कि दुर्ग पुलिस विवाह में जाने वालों पर नजर रखे हुए जरूर है लेकिन अपनी राजशाही शादी की तैयारियों में जुटे सौरभ चंद्राकर को उसके गुर्गों का भारत में पकड़े जाने या छूटने का कोई मलाल नहीं होता और न ही उसके कारोबार पर कोई असर पड़ता अब तक दिखा है। अब तक जब भी एक पैनल का संचालक या ब्रांच संचालक पुलिस गिरफ्त में आया या छूटा, इस कार्रवाई से सौरभ को कोई फर्क नहीं पडा़ क्योंकि उसे अगले ही दिन कई और लोग नोट की गड्डियां ले पैनल खरीदने तैयार मिले है जिसके चलते दुर्ग पुलिस की दर्जनों कार्रवाई सौरभ के आर्थिक काले सम्राज्य पर बेअसर ही रही है।
विदित हो कि पूरा व्यवसाय दुबई और अमेरिका से ऑपरेट किया जा रहा है। महादेव बुक आनलाईन सट्टा के दसियों हजार करोड़ के अवैध कारोबार की ईडी यानि प्रवर्तन निदेशालय भी आंतरिक जांच कर रहा है। ऐप के संचालक रवि उप्पल, राज गुप्ता, नितिश दीवान, सागर सिंह जो कि फाउंडर पार्टनर हैं, की ईडी टीम भारत में संपत्ति का ब्यौरा एकत्र कर रही है।
इस बीच सट्टा में करोड़ों की कमाई के बाद सौरभ चंद्राकर व रवि उप्पल ने अपने परिवारों को दुबई बुला लिया और वहीं शिफ्ट हो गए। उनकी देखा देखी चेलानी ब्रदर्स भी भिलाई से निकल भागे। सौरव के पिता ने निगम की नौकरी से वीआरएस लिया और दुबई बेटे के पास पहुंच गए और बेटे की काली कमाई को एक नंबर करने ज्वैलरी शॉप खोल लिया है। पता लगा है कि रवि उप्पल भी परिवार समेत मूव कर गया है, उसके बच्चे लंदन में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं।
भिलाई निगम के पंप आपरेटर का जूस बेचने वाला बेटा 3 साल में बना “सट्टा किंग” 🛑 टायर बेचने वाले दोस्त ने दिया साथ 🛑 दुबई के शेख सहित पाकिस्तानी पार्टनर्स के साथ खेल रहा करोड़ों में