सावधान… ‼️अब बिना ओटीपी शेयर किए भी खाली हो सकता है आपका बैंक एकाउंट 🛑 आनलाईन ठगों ने निकाला फ्राॅड का नया तरीका “SIM Swapping”

<em>सावधान… ‼️अब बिना ओटीपी शेयर किए भी खाली हो सकता है आपका बैंक एकाउंट 🛑 आनलाईन ठगों ने निकाला फ्राॅड का नया तरीका “SIM Swapping”</em>



🟩 इस नये फ्राॅड से कैसे बच सकते हैं आप, सिर्फ आपके लिए जरूरी है यह रपट
सीजी न्यूज आनलाईन डेस्क, 20 दिसंबर। आजकल डिजिटाइजेशन के दौर में साइबर अपराध की घटनाएं भी लगातार बढी़ हैं। अपराधी लोगों को बहला-फुसलाकर ऑनलाइन ठगी को अंजाम दे रहे हैं। दरअसल डिजिटल इकोनॉमी की राह में साइबर क्राइम सबसे बड़ा रोड़ा बन गया है। सरकारी संस्थान सीईआरटी के अनुसार वर्ष 2019 से 2021 तक साइबर क्राइम के कुल 3 लाख 94 हजार 499 मामले और 2022 के जून महीने तक 6 लाख 74 हजार 21 साइबर अपराध के मामले रिपोर्ट किए गए हैं। हाल ही में नये तरह का साइबर क्राइम सामने आया है, जिसमें एक सिक्योरिटी सर्विसेज चलाने वाले व्यापारी के अकाउंट से ठगों ने 50 लाख रुपये उड़ा लिये। अब तक साइबर अपराधी बहला-फुसलाकर ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) ले लेते थे या फिर किसी लिंक पर क्लिक करवा कर उनके अकाउंट की जानकारी चोरी करवाते हैं लेकिन इस घटना में अपराधियों ने व्यापारी को मिसकॉल करके परेशान किया और अकाउंट से इतने बड़ी चोरी को अंजाम दिया। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने इसे “SIM Swapping” तरीके के जरिए की जाने वाली ठगी बताया है।
गौरतलब हो कि डिजिटाइजेशन के दौर में सभी यूजर्स के बैंक अकाउंट उनके आधार कार्ड और मोबाइल नंबर से लिंक होते हैं। बिना आधार कार्ड और मोबाइल नंबर के लिंक के यूजर्स यूपीआई और किसी भी तरह का ऑनलाइन ट्रांजैक्शन नहीं कर सकते हैं। डिजिटल लेन-देन जितना हमारी रोजमर्रा की जिंदगी को आसान बनाता है, उतना ही साइबर ठगों को विभिन्न तरीकों से ठगी को अंजाम देने की सहूलियत भी देता है। हम सभी जानते हैं कि यूपीआई या अन्य किसी डिजिटल लेन-देन के लिए ओटीपी की जरूरत होती है, जो रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ही आता है जबकि सिम स्वैपिंग के जरिए साइबर अपराधी किसी यूजर के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर का सिमकार्ड बदल देते हैं, जिसकी वजह से किसी भी ट्रांजैक्शन के लिए आने वाला ओटीपी साइबर अपराधियों द्वारा एक्टिवेट किए गये नये सिम पर आता है। जिसमें रीयल यूजर को खबर भी नहीं होती और उसके अकाउंट से रकम उड़ा ली जाती है।
विदित हो कि साइबर अपराधी यूजर के सिमकार्ड के डॉक्यूमेंट्स का इस्तेमाल करते हैं। यूजर के डॉक्यूमेंट्स का एक्सेस करके अपराधी टेलीकॉम ऑपरेटर से उसी नंबर का डुप्लीकेट सिमकार्ड जारी करवा लेते हैं और इस तरह की घटना को अंजाम देना उनके लिए आसान हो जाता है। सिम स्वैपिंग की वजह से यूजर के बैंक अकाउंट, क्रेडिट कार्ड आदि का कंट्रोल साइबर अपराधी के हाथ में चला जाता है। साइबर अपराधी जिसे ठगना चाहते हैं, उसे कॉल करते है। फिर उस यूजर को नेटवर्क में आ रही दिक्कत अथवा 5G सर्विस की नयी सिम लेने के लिए ऑफर देते है। जब यूजर उनकी बातों में आ जाता है तो सायबर अपराधी उन्हें मोबाइल नंबर पोर्ट एमएनपी के जरिए नया सिम इश्यू करवाने के लिए कहते हैं। यूजर्स बढ़िया कवरेज या अच्छे ऑफर्स के लालच में इन साइबर अपराधियों के जाल में फंस जाते हैं और नई सिम इश्यू करवाने के लिए अपने डॉक्यूमेंटस दे देते हैं। डॉक्यूमेंट प्राप्त होने के बाद साइबर अपराधी टेलीकॉम ऑपरेटर्स से संपर्क करके SIM Swapping को अंजाम देते हैं। इसमें कई बार टेलीकॉम ऑपरेटर्स के एक्जीक्यूटिव्स की मिलीभगत भी हो सकती है।
इस न्यू SIM Swap फ्रॉड से बचने के लिए आपको कुछ जरूरी बातें ध्यान में रखनी होगी। सबसे पहले अपने डॉक्यूमेंट्स किसी के साथ शेयर नहीं करें। अगर नेटवर्क में दिक्कत आ रही है या फिर अन्य कोई समस्या है, तो टेलीकॉम ऑपरेटर्स के आधिकारिक कस्टमर केयर या इंस्टैंट शिकायत वाले नंबर 198 पर कॉल करना चाहिए और दिए गए सुझाव का पालन करना चाहिए। सिम बदलवाने के लिए यूजर्स को टेलीकॉम ऑपरेटर कंपनी के नजदीकी ऑथोराइज्ड स्टोर पर जाना चाहिए और डॉक्यूमेंट सबमिट करके सिम इश्यू करवाना चाहिए। ऐसे में डुप्लीकेट सिम साइबर अपराधियों के हाथ लगने की संभावना कम होती है। अगर आपके मोबाइल में कुछ देर तक नेटवर्क गायब हो, तो तुरंत नजदीकी स्टोर विजिट करें और टेलीकॉम ऑपरेटर्स से संपर्क करें।
ध्यान रहे कि साइबर अपराधी जब अपने डिवाइस में डुप्लीकेट यानि स्वैप किया गया नया सिम कार्ड एक्टिवेट करेंगे, आपका सिम कार्ड डिएक्टिवेट हो जाता है। टेलीकॉम ऑपरेटर्स से संपर्क करके आप उस नंबर की सिम को ब्लॉक करा सकते हैं। डुप्लीकेट सिम कार्ड जारी करवाने के बाद कई बार साइबर क्रिमिनल्स जान-बूझकर आपको लगातार कॉल करेंगे ताकि आप अपना नंबर स्विच ऑफ कर लें। साइबर अपराधी इसका फायदा उठाकर डुप्लीकेट सिमकार्ड को एक्टिवेट करते हैं। जब आपको बार-बार किसी नंबर से ब्लैंक कॉल आ रहे हों तो अपने फोन को ऑफ या फ्लाइट मोड में न डालें बल्कि फोन को साइलेंट करें। इसके बाद टेलीकॉम ऑपरेटर को कॉल करके पता लगाएं कि कहीं डुप्लीकेट सिम कार्ड तो जारी नहीं किया गया है और अगर आपके साथ किसी भी तरह का साइबर फ्रॉड होता है तो आप सरकार द्वारा जारी किए गए वेबसाइट https://cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।