एसआर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के उपलब्धियों की माला में जुड़ा एक और मोती , 3 वर्षीय झुलसे मासूम को इलाज के बाद मिला नया जीवन, 3 अस्पताल से रेफर के बाद पहुंचा था पीड़ित

एसआर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के उपलब्धियों की माला में जुड़ा एक और मोती , 3 वर्षीय झुलसे मासूम को इलाज के बाद मिला नया जीवन, 3 अस्पताल से रेफर के बाद पहुंचा था पीड़ित


एसआर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के उपलब्धियों की माला में जुड़ा एक और मोती , 3 वर्षीय झुलसे मासूम को इलाज के बाद मिला नया जीवन, 3 अस्पताल से रेफर के बाद पहुंचा था पीड़ित

भिलाई। एसआर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर चिखली दुर्ग ने अपने उपलब्धियों की माला में एक और मोती आज जोड़ लिया है । पिछले दिनों राजनांदगांव जिले के ग्राम चिखला मटिया से 50 फीसदी जली अवस्था में भर्ती हुए तीन साल के बच्चे को एसआर हॉस्पिटल में नया जीवन मिला। एसआर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर चिखली के विशेषज्ञ चिकित्सकों व स्टाफ की बेहतर चिकित्सा सेवा कारण अब बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ्य है। बच्चे के बेहतर इलाज के लिए बच्चे के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन का आभार जताया है।

मिली जानकारी के अनुसार ग्राम चिखला मटिया जिला राजनांदगांव निवासी एक परिवार का तीन वर्षीय मासूम चावल के गर्म पसिए से झुलस गया था।  लगभग 50 फीसदी झुलसी हुई अवस्था में उसे अस्पताल लाया गया था। गंभीर स्थिति में बच्चे को पहले राजनांदगांव जिला अस्पताल व उसके बाद दल्ली राजहरा ले गए। यहां इलाज नहीं मिला और बच्चे को रेफर कर दिया गया। परिजन बच्चे को लेकर जिला अस्पताल दुर्ग में लेकर पहुंचे। यहां से भी रेफर करने के बाद परिजन हताश परेशान स्थिति में 24 जून को एसआर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर चिखली लेकर पहुंचे। यहां पहुंचते ही बर्न युनिट के डॉक्टरों ने तत्काल बच्चे का इलाज शुरू किया।

डॉक्टरों की देखरेख में हुआ स्वस्थ्य

बच्चे को जब एसआर हॉस्पिटल लाया गया तब वह 50 फीसदी झुलस चुका था।  बर्न यूनिट के डॉक्टरों व स्टाफ ने लगातार बच्चे पर निगरानी रखी जिससे वह अब पूरी तरह से स्वस्थ्य हो गया है। जल्द ही अस्पताल से बच्चे को छुट्टी दे दी जाएगी। बच्चे के स्वस्थ्य होने पर बच्चे के पिता ने एसआर हॉस्पिटल का आभार प्रकट करते हुए कहा कि राजनांदगांव, दल्ली राजहरा में इलाज नहीं मिला जिसके कारण एसआर हॉस्पिटल पहुंचे। परिजनों ने कहा कि वे लगातार रेफर होने से हताश हो गए थे । लेकिन एसआर हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने हमारे बच्चे को नया जीवन दिया है। इसके लिए अस्पताल प्रबंधन का आभार है।