अमित शाह ने दी थी 30 नवंबर की डेडलाइन, 12 दिन पहले ही नक्सली हिडमा का कैसे हो पाया …

अमित शाह ने दी थी 30 नवंबर की डेडलाइन, 12 दिन पहले ही नक्सली हिडमा का कैसे हो पाया …


देश के सबसे वांछित और कुख्यात नक्सली कमांडर मादवी हिडमा को सुरक्षा बलों ने मार गिराया है। यह कार्रवाई उस तय समयसीमा से 12 दिन पहले हुई, जिसे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिडमा के खात्मे के लिए निर्धारित किया था। सूत्रों के अनुसार, हिडमा को आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर स्थित घने पुल्लागांडी जंगलों में ढेर किया गया।

सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री शाह ने पूरे देश से नक्सलवाद का खात्मा 31 मार्च 2026 तक करने का लक्ष्य तय किया है। इसी समीक्षा बैठक में शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि हिडमा को 30 नवंबर से पहले समाप्त किया जाए और सुरक्षा बलों ने यह कार्रवाई समय-सीमा से पहले पूरी कर दी।

अधिकारियों का मानना है कि मौजूदा गति से चल रहे ऑपरेशन को देखते हुए वामपंथी उग्रवाद गृह मंत्री द्वारा तय मार्च 2026 की डेडलाइन से भी पहले समाप्त हो सकता है।

कौन था मादवी हिडमा

1981 में सुकमा में जन्मा हिडमा पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी की एक बटालियन का कमांडर था और माओवादी सेंट्रल कमेटी के सदस्य भी। माना जाता है कि वह बस्तर क्षेत्र से इस शीर्ष माओवादी नेतृत्व में शामिल होने वाले एकमात्र आदिवासी सदस्य था। हिडमा 24 से अधिक बड़े नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड रह चुका था। उसे 2013 के दरभा घाटी नरसंहार और 2017 के सुकमा हमले के लिए जिम्मेदार बताया गया था।

मां की भी नहीं सुनी

बीते दिनों हिडमा की मां ने भावुक अपील करते हुए कहा, “बेटा, वापस आकर आत्मसमर्पण कर दो।” इस अपील के दौरान राज्य के गृहमंत्री विजय शर्मा स्वयं हिडमा की मां के घर पहुंचे थे और उनके साथ दोपहर का भोजन भी किया था। आज सामने आई इस बड़ी कार्रवाई ने पूरे बस्तर क्षेत्र में हलचल मचा दी है।

मुठभेड़ में हिडमा समेत छह नक्सली मारे गए हैं, जिनकी पहचान मादवी हिडमा, उसकी पत्नी मडकम राजे, लकमल, कमलु, मल्ला और देवे (हिडंमा का गार्ड) के रूप में हुई है। सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ स्थल से दो एके-47, एक रिवॉल्वर और एक पिस्टल बरामद की।