बोर्ड एग्जाम के बाद एक साल ये सोचने में निकल गया, किस कॅरियर में जाना है, दूसरे ड्रॉप में नहीं हुआ सलेक्शन तो छोड़ दी थी पढ़ाई कोशिश की और मिली सफलता, मेडिकल ऑफिसर बन कर नारायणपुर में दे रहे सेवाएं