आचार्य डॉ. शर्मा ने दिग्विजय कॉलेज में भेंट की अपनी अनेक पुस्तकें, उच्च शिक्षा में गुणवत्ता एवं तुलनात्मक अध्ययन अनुसंधान परक हैं किताबें

आचार्य डॉ. शर्मा ने दिग्विजय कॉलेज में भेंट की अपनी अनेक पुस्तकें, उच्च शिक्षा में गुणवत्ता एवं तुलनात्मक अध्ययन अनुसंधान परक हैं किताबें


आचार्य डॉ. शर्मा ने दिग्विजय कॉलेज में भेंट की अपनी अनेक पुस्तकें, उच्च शिक्षा में गुणवत्ता एवं तुलनात्मक अध्ययन अनुसंधान परक हैं किताबें

भिलाईनगर 4 अगस्त ।  इस्पात नगरी के शिक्षाविद्, साहित्यकार एवं लेखक आचार्य डॉ. महेशचन्द्र शर्मा ने विगत दिनों एक विशेष कार्यशाला के समापन समारोह में अपनी विशेष एवं महत्वपूर्ण छ:पुस्तकें शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. श्रीमती बेबी नन्दा मेश्राम को भेंट की।

दुर्ग- सम्भाग के बालोद एवं राजनांदगांव जिलों के शिक्षाविद प्राचार्य एवं आचार्य गण बड़ी संख्या में उपस्थित थे। दुर्ग सम्भाग के क्षेत्रीय अपर संचालक उच्च शिक्षा डॉ. सुशील चन्द्र तिवारी, हेमचन्द यादव विश्वविद्यालय दुर्ग के कुलसचिव डॉ. सी.एल. देवांगन, उच्च शिक्षा में गुणवत्ता आश्वस्ति प्रकोष्ठ के एस.डी.ओ. प्रो. जी.ए. घनश्याम विशेष रूप से उपस्थित थे।

संयोजन का दायित्व प्राचार्या डॉ. मेश्राम का था। “नैक मूल्यांकन” पर केन्द्रित मार्गदर्शन एवं परिसंवाद पर केन्द्रित इस सफल कार्यशाला के समापन समारोह में रामाटोला के प्राचार्य डॉ. महेशचन्द्र शर्मा ने ‘संस्कृति के चार सोपान’ ‘गागर में सागर’, ‘धर्म और राजनीति’, ‘साहित्य और समाज, एवं छत्तीसगढ़ में संस्कृत, आदि छ: पुस्तकें दिग्विजय कॉलेज निःशुल्क भेंट की। डॉ.शर्मा ने प्राचार्य डॉ. श्रीमती बी.एन. मेश्राम, संस्कृत विभागाध्यक्षा डॉ. श्रीमती दिव्या देशपाण्डेय एवं प्रभारी ग्रन्थपाल श्री उईके के नाम से पुस्तकें सौंपी। स्टॉफ एवं विद्यार्थी इसका लाभ उठा सकेंगे। मंचस्थ डॉ. सुशील चन्द्र तिवारी (अपर संचालक) ने डॉ. शर्मा की पुस्तक श्रृंखला की सराहना की। कुलसचिव डॉ. देवांगन, ओ.एस.डी. डॉ. घनश्याम एवं प्राचार्य डॉ. श्रीमती मेश्राम ने उन्हें बधाई दी।

उल्लेखनीय है कि अनेक विषयों में एम.ए., पी-एच.डी. और डी.लिट् डॉ. महेश चन्द्र शर्मा ने देश-विदेश के सफल शैक्षणिक भ्रमण किये, तुलनात्मक अध्ययन और अनुसन्धान किये, विश्वस्तरीय शोध सम्मेलनों में शोधालेख प्रस्तुत किये, बड़ी संख्या में उनके शोधालेख प्रकाशित एवं लोकप्रिय हुये। यू.जी.सी. नई दिल्ली स्वीकृत वृहद् शोध परियोजना (एम.आर.पी.) सफलता के साथ पूरी की। इन सबके निचोड़ के साथ शिक्षा की गुणवत्ता उनकी पुस्तकों में रेखांकित हुयी है। “नैक मूल्यांकन” में भी इन विषयों को महत्व दिया जाता है। ज्ञातव्य है कि आचार्य डॉ. शर्मा जिस-जिस कॉलेज में कार्यरत् रहे “नैक मूल्यांकन, में उसे अच्छी ग्रेड मिली। शिक्षाविद् और साहित्य लेखक के नाते भी प्राचार्य डॉ. शर्मा समय समय पर अनेक संस्थाओं के साथ शासन द्वारा भी सम्मनित किये जाते रहे हैं।