नागपुर में हुये सम्मानित आचार्य डा.शर्मा, साहित्य – संस्कृति संवाद में थे आमन्त्रित

<em>नागपुर में हुये सम्मानित आचार्य डा.शर्मा, साहित्य – संस्कृति संवाद में थे आमन्त्रित</em>



भिलाई नगर 10 मई । इस्पात नगरी के साहित्यविद् आचार्य डा. महेशचन्द्र शर्मा को विगत दिनों संस्कृत भाषा प्रचारिणी सभा नागपुर द्वारा विशेष रूप से आमन्त्रित किया गया। साहित्य – संस्कृति के पठन – पाठन , अनुसन्धान , लेखन – प्रकाशन के आदान – प्रदानऔर परिसंवाद के सन्दर्भ में डा. शर्मा ने अपनी सार्थक और गरिमामय उपस्थिति दी। विगत 72 वर्ष से विश्व के एकमात्र संस्कृत साप्ताहिक ” संस्कृतभवितव्यम् ” का प्रकाशन उपर्युक्त संस्कृत संस्था से ही होरहा है। डा. शर्मा इसके आजीवन सदस्य हैं और लगातार सक्रियता से जुड़े हैं। संस्कृत भाषा प्रचारिणी सभा के इस मुखपत्र के प्रकाशक एवं सचिव डा.चन्द्रगुप्त श्रीधर वर्णेकर हैं। वे संस्कृत विद्वान् होने के साथ ही अभियांत्रिकी , कम्प्यूटर एवं तकनीकी विज्ञान के भी विशेषज्ञ हैं।

डा.चन्द्रगुप्त आई.आई.टी.कानपुर के मेधावी अध्येता भी रहे हैं। संस्था के संस्थापक एवं डा.चन्द्रगुप्त के पिताश्री विश्वविख्यात संस्कृत विद्वान् और महाकवि थे डा.श्रीधर भास्कर वर्णेकर । उन्होंने ” जवाहरशतकम् ” आदि महाकाव्यों की भी रचना की है। कम्प्यूटर , विज्ञान , संस्कृत , भाषा और साहित्य के सन्दर्भ में दौनों विद्वानों से संवाद – मार्गदर्शन का लाभ आचार्य डा. शर्मा को दिल्ली , ग्वालियर , इन्दौर , रायपुर , मुम्बई , पुणे एवं नागपुर आदि अनेक स्थानों पर मिलता रहा । डा.श्रीधर भास्कर वर्णेकर ने डा.शर्मा की ” सिद्धार्थचरितसमीक्षा ” आदि पुस्तकों की भी प्रशंसा की है। नागपुर के इस समारोह में आचार्य डा.शर्मा को ” संस्कृतभवितव्यम् ” के अनेक विशेषांक भेंट किये गये। स्वागत सम्मान के बाद उन्हें कवयित्री श्रीमती दुर्गा पारखी ने सौ संस्कृत पहेलियों कीअपनी पुस्तक ” प्रहेलिकाशतकम् ” भेंट की। आचार्य शर्मा ने भी संस्था के छात्र – छात्राओं , विद्वान् पाठकों , समीक्षकों और युवावर्ग के लाभान्वित होने हेतु अपनी पुस्तकें ” गागर में सागर ” एवं ” साहित्य और समाज ” आदि भेंट कीं। उल्लेखनीय है कि पाँचवर्ष पूर्व भारत पुस्तक न्यास (एन.बी.टी.) नयीदिल्ली से प्रकाशित डा.शर्मा की एक अन्य कृति ” प्रेरणा प्रदीप ” के द्वितीय संस्करण के प्रकाशन की सूचना भी उन्हें एन.बी.टी. (भारत शासन )के सूत्रों ने दी है। साहित्य – संस्कृति में लगातार सक्रिय संलग्नता हेतु सबने आचार्य डा. महेशचन्द्र शर्मा की सबने सराहना की । मौके पर दाऊ वासुदेव चन्द्राकर कामधेनु कृषि एवं पशु विश्वविद्यालय अंजोरा , दुर्ग के साहित्यप्रेमी प्रो.डा.मोहन सिंह भी विशेष रूप से उपस्थित थे