🔴 चूहा मार दवाई खाने के बाद था भर्ती, जमकर हंगामा, सिविल सर्जन ने बनाई जांच कमेटी
दुर्ग 17 सितंबर। दुर्ग जिला अस्पताल में सिद्धार्थ नगर निवासी 22 वर्षीय युवक प्रभात सूर्या की आज इलाज के दौरान मौत हुई। सूचना मिलते ही परिजन अस्पताल पहुंचे और डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया गया। इस दौरान पूर्व विधायक अरुण वोर भी जिला अस्पताल पहुंचे। उनके द्वारा अस्पताल प्रबंधन से पूरे मामले की जांच करने कहा गया। इस पर सिविल सर्जन ने आश्वस्त किया पीएम रिपोर्ट के बाद ही पूरे मामले की जांच की जाएगी।
आपको बता दें कि 16 सितंबर को सिद्धार्थनगर निवासी प्रभात सूर्या 22 वर्ष के द्वारा कल दोपहर को चूहा मार दवाई का सेवन किया गया था। जिसे परिजनों के द्वारा इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज प्रारंभ होने के बाद युवक की स्थिति सामान्य थी। देर रात तक उसके द्वारा परिजनों से बात भी की गई। डॉक्टर ने भी उसकी हालात स्थिर होना बता थी। परंतु आज सुबह युवक को नर्स के द्वारा इंजेक्शन दिया गया। उसकी हालत बिगड़ गई और उल्टी करने लगा। कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई । मौत की सूचना के बाद युवक के परिजन अस्पताल में पहुंच गए और जमकर हंगामा करने लगे। परिजनों में मृतक युवक का भाई निखिल एवं उसकी मां पूजा सूर्या ने आरोप लगाया कि प्रभात को गलत इंजेक्शन लगाने एवं इलाज में की गई लापरवाही के कारण उसकी मौत हुई है। समय पर सही इलाज मिलता तो प्रभात बच जाता।
युवक की मौत की जानकारी लगते ही जिला अस्पताल में लोग जमा हो गए परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया बिगड़ती स्थिति को देखकर अस्पताल परिसर में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया।। आला अधिकारी लगातार परिजनों को समझाइए देते नजर आए । पूर्व विधायक अरुण वोरा ने मौके पर पहुंचकर जानकारी ली।
मामले की जांच करें जिला प्रशासन – अरुण वोरा
पूर्व विधायक अरुण बोरा ने चर्चा में मीडिया को बताया कि परिजनों के द्वारा डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया गया है। इस समय परिवार दुखी एवं क्रोधित है। जिसे देखते हुए उनके द्वारा जिला प्रशासन से इस मामले में संपूर्ण जांच किए जाने कहा गया है। जिस पर सिविल सर्जन के द्वारा पीएम रिपोर्ट आने के बाद जांच का आश्वासन दिया गया है।
तीन डॉक्टरों की बनायी गई जांच कमेटी
सिविल सर्जन डॉ आशीष मिंजने इस संबंध में बताया कि युवक प्रभात का इलाज प्रोटोकॉल के तहत ही किया जा रहा था। डॉक्टर द्वारा लिखे गए इंजेक्शन को ही नर्स के द्वारा लगाया गया था और वह भी इंजेक्शन गैस ना बने इसके लिए दिया गया था प्रभात को कोई भी ऐसा इंजेक्शन नहीं लगाया गया था जिससे कि उसकी मौत हो मरीज के द्वारा चूहा मार दवाइयां खाई गई थी। जिसका असर देर से भी होता है। फिर भी इस मामले में जांच कमेटी बना दी गई है। जिसमें तीन डॉक्टरों के द्वारा पूरे मामले की जांच की जाएगी पीएम जारी है। जिसका वीडियो ग्राफी भी की जा रही है।