साईंस कालेज, दुर्ग में रंगारंग जियो कान्कलेव कार्यक्रम का आयोजन

साईंस कालेज, दुर्ग में रंगारंग जियो कान्कलेव कार्यक्रम का आयोजन


दुर्ग 28 अक्टूबर। भूविज्ञान में रोजगार की अपार संभावनायें है, केवल विद्यार्थियों को लगन एवं समर्पण की भावना से ईमानदारी पूर्वक अध्ययन करने की आवश्यकता है। ये उद्‌गार छत्तीसगढ़ शासन के वन विभाग के मुख्य वन संरक्षक अमिताभ बाजपेयी ने आज व्यक्त किये। श्री बाजपेयी आज शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग में भूगर्भशास्त्र विभाग द्वारा आयोजित जियो कान्कलेव 2025 के समापन समारोह में विभिन्न स्पर्धाओं के विजेताओं को पुरस्कृत करते हुए बड़ी संख्या में उपस्थित छात्र-छात्राओं को संबोधित कर रहे थे। विद्यार्थियों की क्षमता विकास पर रूसा 2.0 के अंतर्गत आयोजित जियो कान्कलेव की सराहना करते हुए सीसीएफ अमिताभ बाजपेयी ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से विद्यार्थियों के आत्मविश्वास में वृध्दि होती है, जिसका सीधा लाभ प्रतियोगी परीक्षाओं एवं उनसे संबंधित साक्षात्कार में होता है।

इससे पूर्व माता सरस्वती की पूजन एवं राज्य गीत के प्रस्तुतिकरण के साथ आरंभ हुये जियो कान्कलेव में छत्तीसगढ़ के रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, जगदलपुर आदि के विद्यार्थियों ने बड़ी संख्या में पंजीयन कराया था। अपने संबोधन में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अजय कुमार सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में क्षमता विकास अर्थात् केपेसिटी बिल्डिंग को विशेष महत्व दिया गया है, इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए महाविद्यालय द्वारा छत्तीसगढ़ में पहिली बार जियो कान्कलेव का आयोजन किया गया है। इससे भूविज्ञान के विद्यार्थियों में रचनात्मक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। विभागाध्यक्ष डॉ. एस.डी. देशमुख ने जियो कान्कलेव के आयोजन के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। विभिन्न प्रतियोगिताओं के निर्णायक पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के सेवा निवृत्त प्राध्यापक डॉ. डी.पी. कुइति तथा एन. आई.टी. रायपुर के डॉ. डी.सी. झारिया ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों के टैलेंट की सराहना करते हुए आयोजन को सफल बताया। उद्घाटन सत्र का संचालन भूविज्ञान की स्नातकोत्तर छात्रा कु. रूचि देशमुख तथा कु. फाल्गुनी साहू ने किया।

भूविज्ञान के प्राध्यापक डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि आज जियो कान्कलेव के अंतर्गत जो प्रतियोगिताएं आयोजित की गयी, उनमें क्विज प्रतियोगिता में पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर के प्रथम स्थान पर रहे द्वितीय स्थान पर एन.आई. टी. रायपुर के एवं तृतीय स्थान पर साईंस कालेज, दुर्ग एवं दिग्विजय महाविद्यालय, राजनांदगांव के रहे। इसी प्रकार पोस्टर प्रतियोगिता में साईस कालेज दुर्ग की कामिनी देवांगन, प्रथम साईस कालेज दुर्ग की यूलाया द्वितीय तथा जयंती बाग ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। पावर प्वाइंट प्रेजेटेंशन प्रतियोगिता में साईंस कालेज, दुर्ग के मोहन लाल पटेल प्रथम रविशंकर विश्वविद्यालय, रायपुर के हेमंत कुमार द्वितीय तथा दिग्विजय महाविद्यालय, राजनांदगांव सुरेन्द्र उमरे तृतीय स्थान हासिल किया। पेबल आर्ट प्रतियोगिता में एन.आई.टी रायपुर की प्रथम कु रिया द्वितीय दिग्विजय महाविद्यालय, राजनांदगांव की निशांत उमरे तथा साईस कालेज, दुर्ग के झलक मिश्रा तृतीय को स्थान मिला। मॉडल प्रतियोगिता में साईंस कालेज, दुर्ग के अर्जुन सोनकर प्रथम एवं कुसुम पटेल को द्वितीय स्थान मिला डिजिटल फोटोग्राफी में साईस कालेज दुर्ग के अर्जुन सोनकर प्रथम, सौम्य पाण्डेय द्वितीय तथा अभिनाष साहू तृतीय रहे। समापन सत्र में महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा छत्तीसगढ़ की संस्कृति पर केन्द्रित रंगारंग कार्यकम प्रस्तुत किया गया। इनमें 12 मासी गीत, पंडवानी, सुआ नृत्य तथा डंडा नृत्य प्रस्तुत किया गया।

भूगर्भशास्त्र के विद्यार्थियों द्वारा समाजिक समरस्ता पर आधारित प्रस्तुतिकरण मिले सुर मेरा तुम्हारा की सभी ने प्रशंसा की। इस आयोजन में महाविद्यालय के भूगर्भशास्त्र विभाग के अतिथि प्राध्यापक डॉ. इन्द्रजीत साकेत, डॉ. राहुल द्विवेदी तथा महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. ज्योति धारकर, डॉ के प‌द्मावती, ग्रंथपाल विनोद अहिरवार तथा शासकीय उच्चतर माध्यामिक विद्यालय, धनोरा की व्याख्याता डॉ. सरिता श्रीवास्तव का योगदान उल्लेखनीय रहा। इस अवसर पर शासकीय उच्चतर माध्यामिक विद्यालय, जुनवानी की प्राचार्य श्रीमती वर्षा ठाकुर द्वारा संग्रहीत देश एवं विदेश के विभिन्न हिस्सों के जल नमूने, मिट्टी के नमूने, रेत के नमूने तथा जीवाष्म एवं च‌ट्टान के विभिन्न प्रकारों की आकर्षक प्रदर्शिनी लगायी गयी। इस प्रदर्शिनी की सभी लोगों ने आनंद उठाया तथा जानकारी प्राप्त की। कार्यक्रम के अंत में डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव द्वारा दिए गए धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ।