भिलाई नगर 24 सितंबर। फेडरेशन के उपाध्यक्ष एवं सीटों की राज्य कमेटी में कार्यकारी अध्यक्ष एसपी डे ने कहा है कि प्रबंधन द्वारा जिस बोनस फार्मूले को आधार बनाकर बोनस वितरण का एक तरफा निर्णय लिया उसे पूरे घटनाक्रम पर एक नज़र डाले तो स्पष्ट होता है कि यह फार्मूला पूरी तरह से प्रबंधन के पक्ष में है इस फार्मूले से केवल और केवल प्रबंधन को ही फायदा है जबकि कर्मचारियों को इससे केवल नुकसान ही हुआ है। श्री डे ने कहा कि जब कोई फॉर्मूला नहीं था तब सेल कर्मियों को सर्वाधिक बोनस राशि 40500 प्राप्त हुआ था। परंतु जब से बोनस संशोधन अधिनियम 2015 लागू किया गया उसके बाद कर्मचारी वर्ग को केवल नुकसान ही हो रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि यह भी कहा कि बोनस पर फॉर्मूला बनाने की बात को लेकर जिन लोगों ने सबसे ज्यादा हल्ला किया था, वे यह नहीं समझ पाए कि उन्हीं की मांग को आधार बनाकर प्रबंधन ऐसा फॉर्मूले को मूर्त रूप देगा जिसमें सब उलझ कर रह जाऐंगे।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बोनस फॉर्मूला तय करने के लिए बुलाई गई बैठक के पहले ही प्रबंधन ने अपने फार्मूले को वायरल कर दिया था। अर्थात NJCS की बैठक महज एक खानापूर्ति थी। प्रबंधन के द्वारा 29500 बोनस वितरण की मनसा को पूर्व से ही अमल में लाना तय कर दिया था।नआश्चर्य की बात यह है कि प्रबंधन की इस चाल में वे लोग भी फंस गए जो अपने आप को बड़ा ज्ञानी और सभी पुराने नेताओं को मूर्ख समझते हैं। प्रबंधन की इस चाल को समझकर सीटू द्वारा बोनस बैठक के शुरू में ही प्रबंधन के फार्मूले को खारिज कर दिया गया था। सीटू द्वारा लगातार ‘बोनस के आधार (Base)’ पर चर्चा करने एवं आधार को बढ़ाने की मांग किया जा रहा है, क्योंकि यदि आधार ही कम होगा तो उसके कितने हिस्से को आप उत्पादन से जोड़ेंगे (Link करेंगे) और किसने हिस्से को आप लाभ से जोड़ेंगे (Link करेंगे) इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। बोनस की राशि तो उस आधार राशि के बराबर, उससे कम या किसी विशेष परिस्थिति में मामूली अधिक होगी। प्रबंधन की इस अन्याय संगत निर्णय का सीटू एवं एटक के द्वारा लगातार विरोध किया जाता रहा है। इसलिए सीटू और एटक ने बोनस फार्मूले पर हस्ताक्षर नहीं किया।
बोनस विषय पर सीटू द्वारा लगातार एक और मांग किया जाता रहा है वह है – बोनस भुगतान अधिनियम से सभी सीमाओं (ceiling) को हटाने की मांग, क्योंकि जब मुनाफा कमाने की कोई सीमा नहीं है तो बोनस प्राप्त करने पर ceiling क्यों? रखी गई है।


