सातवीं बटालियन भिलाई का मामला : कॉन्स्टेबल की बर्खास्तगी रद्द

सातवीं बटालियन भिलाई का मामला : कॉन्स्टेबल की बर्खास्तगी रद्द


🔴 हाईकोर्ट ने दिया दोबारा नोटिस देने का आदेश

सीजी न्यूज ऑनलाइन, 13 अगस्त। हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के कॉन्स्टेबल की बर्खास्तगी का आदेश रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि दूसरी बार जारी किए गए शो कॉज नोटिस में पुराने रिकॉर्ड का जिक्र न करना, जबकि सजा का आधार वही हो, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311(2) का उल्लंघन है।

मामला दुर्ग जिले के भिलाई स्थित 7वीं बटालियन का है। याचिकाकर्ता शिवपूजन गर्ग 15 अक्टूबर 2017 को वहां कॉन्स्टेबल के पद पर कार्यरत थे। उस दिन ड्यूटी पर मौजूद कॉन्स्टेबल बलजीत सिंह नशे की हालत में पकड़ा गया और उसे मेडिकल जांच के लिए ले जाया जा रहा था। आरोप है कि इस दौरान शिवपूजन गर्ग ने रुकावट डाली, जिससे बलजीत सिंह भाग निकला। इसी पर 27 दिसंबर 2017 को उन्हें चार्जशीट दी गई और विभागीय जांच शुरू हुई।

जांच पूरी होने के बाद 6 अगस्त 2019 को दूसरा शो-कॉज नोटिस जारी हुआ और 23 अक्टूबर 2019 को उन्हें से बर्खास्त कर दिया गया। उनकी अपील 3 जनवरी 2020 को और दया याचिका 11 अगस्त 2020 को खारिज कर दी गई।

शिवपूजन गर्ग ने अधिवक्ता टी. के. झा के जरिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। उनका कहना था कि बर्खास्तगी का फैसला उनके पुराने दंडों के आधार पर लिया गया, लेकिन इनका जिक्र दूसरे शो-कॉज नोटिस में नहीं किया गया। यह सीधा-सीधा सुप्रीम कोर्ट के स्टेट ऑफ मैसूर बनाम के. मंचे गौड़ा (1963) के फैसले और अनुच्छेद 311(2) का उल्लंघन है।

जस्टिस राकेश मोहन पांडे की अदालत ने सुनवाई के बाद कहा कि अगर किसी कर्मचारी के खिलाफ पिछले रिकॉर्ड या सजा को आधार बनाया जा रहा है, तो इसका स्पष्ट उल्लेख दूसरे शो-कॉज नोटिस में होना चाहिए, ताकि उसे अपना पक्ष रखने का पूरा मौका मिले।

हाईकोर्ट ने बर्खास्तगी का आदेश रद्द करते हुए मामला फिर से अनुशासनिक प्राधिकारी को भेज दिया है, ताकि कानून के अनुसार नया शो-कॉज नोटिस जारी किया जा सके।