टाउनशिप में 3 साल से था DGM का अवैध कब्जा, बीएसपी ने किया बेदखल

टाउनशिप में 3 साल से था DGM का अवैध कब्जा, बीएसपी ने किया बेदखल


🔴भारी दबाव के बीच किया आवास सील, जारी रहेगी कार्यवाही

भिलाई नगर 27 जुलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र के प्रवर्तन विभाग के द्वारा 3 साल से आवास में काबिज डीजीएम को बेदखल किया गया भारी दबाव के बीच पुलिस बल की उपस्थिति में आवास को सील किया गया।

आपको बता दें कि सम्पदा न्यायलय के डिक्री आदेश -84/2024 के तहत कार्यपलक मजिस्ट्रेट तथा भारी पुलिस बल की उपस्तिथि में पूर्व DGM (इनफ़ोर्समेंट ) का आवास 04/16/09 सील BSP के एनफोर्समेंट डिपार्मेंट ने किया गया।
जिला न्यायलय से पूर्व DGM का सम्पदा न्यायलय के विरुद्ध अपील लंबित है, परंतु जिला न्यायलय से किसी प्रकार का राहत या स्टे नहीं मिला था। जिसके कारण बेदखली की कार्यवाही की गयीजिनको स्टे मिला हुआ है, उनके विरुद्ध कार्यवाही नहीं की गयी हैवर्तमान नियमो के तहत 6, महीने पूर्ण होने पर रिटेन्शधारी PP Act 1971 के तहत अवैधकब्जेधारी है।

DGM का स्वयं का आवास फिर भी कब्जा


पूर्व DGM द्वारा निरंतर नेताओं से दवाब तथा तथाकथित लोगो का समूह भेजकर कार्यवाही को बाधित करने की कोशिश भी की गयी। किन्तु भारी पुलिस बल तथा कार्यपलक मजिस्ट्रेट के सामने एक नहीं चली और सभी तथाकथित लोग वापस लौट गए l
पूर्व DGM का तालपुरी बी ब्लॉक में स्वयं का आवास है। फिर भी तीन वर्षो से बीएसपी के आवास पर अवैध कब्ज़ा जमाए बैठा थाऐसे किसी कब्जेधारी को बक्शा नहीं जाएगा और ना ही बीएसपी की सम्पति पर कब्ज़ा करने दिया जाएगा।

रिटेंशन अवधि केवल 6 महीना


*रिटेंशन नियमो के तहत वर्तमान में मात्र 6 महीनों के लिए ही आवास आबाटित किया जाता है, उसके उपरांत अवैध कब्ज़ा माना जाता है। तथा पी पी एक्ट (Public Premises Act) 1971 के तहत अवैध कब्जेधारी को नोटिस, सुनवाई का पूर्ण मौका दिया जाता है तथा डिक्री जारी करने की प्रक्रिया की जाती है l पूर्व DGM को भी पूरा मौका दिया गया। डिक्री जारी होने के पश्चात सम्पदा न्यायलय द्वारा अवैध कब्जेधारी को 15 दिवस का समय कब्ज़ा खाली करने के लिए देता है l कई कब्जेधारी जिला न्यायलय, दुर्ग तथा उच्च न्यायलय, बिलासपुर में सम्पदा न्यायलय द्वारा पारित डिक्री के विरुद्ध अपील करते है, यदि न्यायलय द्वारा स्टे नहीं दिया जाता है तो, अवैध कब्जेधारी से बीएसपी सम्पति खाली करवाया जाता है अथवा उन्हें बीएसपी सम्पति से बेदखल किया जाता है l पूर्व DGM द्वारा भी जिला न्यायलय में सम्पदा न्यायलय के डिक्री के विरुद्ध अपील किया गया था, किन्तु जिला न्यायलय द्वारा पूर्व DGM को किसी प्रकार का राहत या स्टे नहीं दिया गया lपी पी एक्ट 1971 के तहत *रिटेंशन समायावधि पूर्ण होने के पश्चात, निवासरत व्यक्ति अवैधकब्जेधारी हो जाता है, इसमें किसी प्रकार का ओवरस्टे पीरियड नहीं होता है*।l अवैध कब्जेधारी के विरुद्ध कार्यवाही हेतु सम्पदा न्यायलय द्वारा किसी भी एक अधिकारी को अधिकृत किया जाता है तथा सम्पदा न्यायलय द्वारा बेदखली कार्यवाही हेतु कार्यपालक मजिस्ट्रेट तथा पुलिस बल उपलब्ध करवाया जाता है l कार्यवाही के पश्चात पंचनामा, चाबी, दस्तावेज, वीडियो रिकॉर्डिंग, इत्यादि सम्पदा न्यायलय में जमा कर दिया जाता है l उसकी प्रतिलिपि, प्रशासन को भी दी जाती है l

रिटेंशन के नाम पर बीएसपी की संपत्ति का दुरुपयोग


*कुछ पूर्व बीएसपी कार्मिक रिटेंशन आवासधारी द्वारा बीएसपी सम्पति का दुरूपयोग किया जाता है l कई लोगो द्वारा आवास को किराया पर दे दिया जाता है l कुछ लोगो द्वारा बीएसपी आवास में अवैध रूप से निवासरत है, अपने द्वारा बनाये आवास को किराया में दे देते है* l बहुत रिटेंशन धारी दूसरे कंपनियों में नौकरी भी करते है, और बीएसपी आवास को भी अवैध कब्जे में रखे रहते है, जिसके वजह से कई वरिष्ठ अधिकारी जो बाहर से ट्रांसफर होकर आये है या जिनका उच्च ग्रेड में प्रमोशन हो गया है, ऐसे लोगो /अवैध कब्जेधारिओ के वजह से बीएसपी के आवास नहीं मिल पाते है, भिलाई निवासी सहित अन्य जगहों पर रहते हैँ l ऐसे सभी अवैध कब्जेधारिओ के विरुद्ध बीएसपी द्वारा निरंतर कार्यवाही किया जा रहा है ताकि ताकि सयंत्र में कार्यरत अधिकारियो कार्मिको को अच्छे,आवास मिल सके, ऐसे अवैध कब्जेधारियों से आवास खाली करवाने के पश्चात जरूरतमंद कार्मिको को आवास अलॉट किया जाता है l अनर्गल झूठा बयानबाजी करने वालो के विरुद्ध जरुरत पड़ने पर वैधानिक कार्यवाही की जायेगी तथा अवैधकब्जेधारियों के विरुद्ध कार्यवाही जारी रहेगा l

प्रवर्तन विभाग की अपील

सभी अवैध कब्जेधारी, रिटेन्शधारी जिनकी समायावधि पूर्ण हो गयी है, तत्काल बीएसपी आवास खाली कर, बी एस पी को सौंप दे, अन्यथा की स्तिथि में उनके विरुद्ध बेदखली कार्यवाही के साथ वैधानिक कार्यवाही भी की जायेगी l