🛑 केंद्र सरकार के नवीन श्रम संहिता के खिलाफ जगह-जगह प्रदर्शन
भिलाई नगर 09 जुलाई। भाजपा की केन्द्र सरकार की नवीन श्रम सहिंता के विरोध में देश भर में आज संयुक्त ट्रेड यूनियनों और किसानों हड़ताल जारी है। इस दौरान भिलाई में ट्रेड यूनियन के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। है। भिलाई इस्पात सयंत्र के कर्मचारी और ठेका श्रमिक प्रदर्शन पर है। आज सभी ट्रेड युनियनों ने सामूहिक रूप से केंद्रीय युनियनों के आवाहन पर हड़ताल पर हैं। वही भिलाई इस्पात सयंत्र द्वारा कर्मचारियों को गतिविधियो पर नजर रखने के लिए अपने सयंत्र के सभी सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जा रही है।

दरअसल केंद्रीय और स्थानीय ट्रेड यूनियन कोरोना काल में मजदूरों के 44 श्रम कानूनों में से 29 प्रभावशाली कानूनों को खत्म कर चार नए लेबर कोड (श्रम संहिता) बनाए जाने का विरोध कर रहें है। जिन चार नए श्रम संहिताओं के लागू होने पर महिलाओं को नाइट शिफ्ट, ईपीएफ में कटौती और 8 के स्थान पर 12 घन्टे की ड्यूटी जैसे कानून लागू हो जाएंगे। श्रम संहिता समाप्त करने समेत 17 सूत्रीय मांगों को लेकर केंद्रीय यूनियनों ने 9 जुलाई को हड़ताल का आह्वान किया था।
जिस पर देशभर में आज सुबह से ही हड़ताल जारी है। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के भिलाई इस्पात सयंत्र में संयुक्त ट्रेड यूनियन में शामिल संगठन के द्वारा अलग अलग स्थानों पर बीएमएस, इंटक, सीटू, लोईमु, इस्पात श्रमिक मंच, एटक, एक्टू जैसे ट्रेड युनियनों के द्वारा हड़ताल की जा रही है। बारिश की वजह से सुबह रेनकोट पहनकर कर्मचारी यूनियन के नेता सड़कों पर अपने-अपने संगठन का झंडा लहराते और नारे लगाते नजर आए हैं। भिलाई इस्पात सयंत्र प्रबन्धन ने भी इसके लिए तैयारी की है। संयंत्र प्रबंधन ने साफ संकेत दे दिया है कि पिछली बार हड़ताल शामिल कर्मियों का प्रमोशन रोका गया था। इस बार कोई हरकत हुई तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके साक्ष्य के लिए सीसीटीवी कैमरे से गेट के लाइव फुटेज शुरू हो गए हैं। वीडियो और फोटोग्राफी भी की जा रही है। पिछली हड़ताल में 250 से ज्यादा कर्मचारियों का प्रमोशन रोक दिया गया था। इस बार भी इस तरह की कार्यवाई की तैयारी में प्रबन्धन नजर आ रहा है।
केंद्र सरकार ने चार नई श्रम संहिताएं (Labour Codes) लागू की हैं:
- कोड ऑन वेजेस (Code on Wages)
- कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी (Code on Social Security)
- कोड ऑन इंडस्ट्रियल रिलेशंस (Code on Industrial Relations)
- कोड ऑन ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस (Code on Occupational Safety, Health & Working Conditions)
ट्रेड यूनियनों की आपत्तियाँ:
ये कोड श्रमिकों के अधिकारों में कटौती करते हैं
छंटनी और स्थायीकरण के नियम पहले से ज़्यादा कंपनियों के पक्ष में हैं
ठेका मजदूरी और न्यूनतम वेतन से जुड़ी व्यवस्था कमजोर की गई है।
श्रमिकों से बिना चर्चा किए कानूनों को लागू किया गया।
हड़ताल की स्थिति:
बीएसपी में सभी प्रमुख ट्रेड यूनियनें संयुक्त ट्रेड यूनियन के बैनर तले जैसे INTUC, AITUC, CITU, HMS आदि एकजुट हैं
उत्पादन कार्य प्रभावित हो रहा है।
कर्मचारियों की मांग है कि ये श्रम संहिताएं वापस ली जाएँ या पुनः संशोधित की जाएं।