हल्दीराम को खरीदने टाटा समेत कई कंपनियां थी मैदान में, जानिए किसके हाथ लगी बाजी?

हल्दीराम को खरीदने टाटा समेत कई कंपनियां थी मैदान में, जानिए किसके हाथ लगी बाजी?


सीजी न्यूज ऑनलाइन 14 मार्च। नमकीन और मिठाई बनाने वाली दिग्गज कंपनी हल्दीराम में हिस्सेदारी खरीदने के लिए देश-विदेश की कई कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई थी। लेकिन सिंगापुर की सरकारी निवेश कंपनी टेमासेक ने बाजी मार ली है। एक रिपोर्ट के मुताबिक उसने हल्दीराम के स्नैक्स बिजनस में लगभग 10% हिस्सेदारी खरीद ली।

नमकीन और मिठाई बनाने वाली दिग्गज कंपनी हल्दीराम में हिस्सेदारी खरीदने के लिए कई कंपनियां होड़ में थीं। लेकिन सिंगापुर की सरकारी निवेश कंपनी Temasek ने बाजी मार ली है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक Temasek ने हल्दीराम के स्नैक्स बिजनस में लगभग 10% हिस्सेदारी 1 अरब डॉलर में खरीद ली है। कई महीनों की बातचीत के बाद यह समझौता हुआ है। इस सौदे से Haldiram की कुल कीमत लगभग 10 अरब डॉलर आंकी गई है।
Temasek ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। कंपनी ने इसे बाजार की अटकलें बताया है। हल्दीराम के सीईओ कृष्ण कुमार चुटानी ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। टेमासेक ने बेन कैपिटल के साथ मिलकर हल्दीराम में हिस्सा खरीदने के लिए बोली लगाई थी। लेकिन बाद में बेन कैपिटल ने इससे किनारा कर लिया था। इसके बाद टेमासेक अकेले ही प्रमोटर अग्रवाल फैमिली से बातचीत कर रही थी। टेमासेक के अलावा अल्फा वेव ग्लोबल भी इस रेस में शामिल थी।
किस-किसने की कोशिश
ET ने सबसे पहले 7 दिसंबर को रिपोर्ट दी थी कि तीन ग्रुपों ने हल्दीराम में 10-15% हिस्सेदारी के लिए बाइंडिंग ऑफर दिए थे। इनमें ब्लैकस्टोन के नेतृत्व में अबू धाबी निवेश प्राधिकरण और सिंगापुर के जीआईसी की अगुवाई वाला कंसोर्टियम, टेमासेक-बेन कंसोर्टियम और अल्फा वेव की अगुवाई वाला कंसोर्टियम शामिल था। प्रमोटर फैमिली $10-11 अरब डॉलर की वैल्यूएशन चाहती है जबकि बेन कैपिटल $8.8-9.4 अरब से आगे बढ़ने को तैयार नहीं था।
हल्दीराम को खरीदने के लिए कई कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई थी। 2016-17 से जनरल अटलांटिक, बेन कैपिटल, कैपिटल इंटरनेशनल, टीए एसोसिएट्स, वारबर्ग पिंकस और एवरस्टोन सहित कई निजी इक्विटी फर्म अग्रवाल परिवार के साथ कंपनी में हिस्सेदारी के लिए बातचीत कर रही हैं। इसके बाद केलॉग्स और पेप्सिको ने हल्दीराम में 51% या उससे अधिक के अधिग्रहण के लिए लंबी चर्चा की। पिछले सितंबर में टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने भी इसी तरह की पेशकश की थी, लेकिन 10 अरब डॉलर की वैल्यूएशन पर उसने किनारा कर लिया।