सीजी न्यूज ऑनलाइन 10 जनवरी । भारत सरकार ने ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के कारण होने वाली बीमारियों के मद्देनजर अपनी निगरानी बढ़ा दी है। HMPV वायरस भारत में तेजी से फैल रहा है। भारत के अलग-अलग राज्यों में अब तक HMPV के 13 मामले सामने आ चुके हैं। इन मरीजों में 2 तमिलनाडू, 2 कर्नाटक, 3 महाराष्ट्र और 1 गुजरात से हैं। गुरुवार (9 जनवरी) को गुजरात के अहमदाबाद शहर में एक 80 वर्षीय व्यक्ति में संक्रमण की पुष्टि हुई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के मामले सामने आने के बाद कहा कि सरकार स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है और चिंता की कोई बात नहीं है।
उन्होंने कहा कि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है। नड्डा ने एक वीडियो संदेश में कहा कि चीन में एचएमपीवी की हालिया खबरों के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्रालय, आईसीएमआर, देश की शीर्ष स्वास्थ्य अनुसंधान संस्था और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) चीन और अन्य पड़ोसी देशों में स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं।
चीन में कैसे हैं हालात?
भारतीय मीडिया में दावा किया जा रहा है कि चीन में HMPV वायरस से स्थिति नियंत्रण से बाहर हो चुकी है। वहां के अस्पतालों में मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहे हैं। वायरस से लगातार लोगों की मौत हो रही है, यहां तक कि शवदाह गृहों में भी जगह नहीं बची है। भारतीय मीडिया में इस तरह के दावों को देखने और पढ़ने के बाद आम नागरिक सहम गए हैं। लोगों को अपनी जिंदगी और रोजी-रोटी का डर अभी से सताने लगा है।
हालांकि, जो सच्चाई सामने आई है वह बिल्कुल इससे अलग है। चीन में रहने वाले भारतीय लोगों ने जानकारी दी है कि पड़ोसी देश में HMPV वायरस की कोई व्यापक प्रकोप नहीं है। वहां, जिंदगी बिल्कुल सामान्य है। चीन के डालियान में रहने वाले कर्नाटक के एक युवा राजू नायक ने एक वीडियो शेयर किया है।
दैनिक जागरण के मुताबिक कन्नड़ में बोलते हुए युवा ने कहा, “मैं चीन के उत्तरी भाग में रहता हूं। मैं यह वीडियो इसलिए शेयर कर रहा हूं क्योंकि यहां वायरस के प्रकोप के बारे में बहुत सारी गलत सूचनाएं फैलाई जा रही हैं। अस्पतालों में भीड़भाड़, घबराहट और अराजकता के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन चारों ओर देखें…यहां जीवन पूरी तरह से सामान्य है।”
वीडियो में दिख रहा है कि सड़कों पर काफी चहल-पहल है। दुकानें और शॉपिंग मॉल खुले हुए हैं। लोग बिना मास्क के सड़कों पर घूम रहे हैं। युवा ने वीडियो में एक अस्पताल को भी दिखाया। वीडियो में देखा जा सकता है कि अस्पताल में कोई भीड़ नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि ठंडी के समय HMPV के मामले बढ़ जाते हैं। लेकिन इससे घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है, क्योंकि यह एक सामान्य घटना है।
WHO का बयान
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी स्पष्ट किया है कि यह कोई नई बीमारी या बड़ा खतरा नहीं है। UN हेल्थ एजेंसी के अनुसार, यह एक पुराना वायरस है और सर्दी के मौसम में चीन में आम तौर पर ऐसे संक्रमण मामलों में उछाल दर्ज किया जाता है। WHO के डॉक्टर हैरिस ने कहा कि HMPV की पहचान पहली बार साल 2001 में की गई थी। आम लोगों में इसका फैलाव पिछले काफी समय से होता रहा है। यह कोई कोराना की तरह नया वायरस नहीं है।
HMPV वायरस के क्या हैं लक्षण?
फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ डायरेक्टर डॉ.प्रशांत सक्सेना न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया कि एचएमपीवी वायरस हमारे यहां कोई नया नहीं है। कई बार यह यहां देखने को मिल चुका है। कई बार यह युवाओं और बुजुर्गों को भी अपनी चपेट में लेता रहा है। उन्होंने कहा कि इस वायरस की चपेट में आने के बाद व्यक्ति में सामान्य लक्षण देखने को मिल सकते हैं। इसमें बुखार, नाक बंद होना, गले, सिर और छाती में दर्द होना जैसे लक्षण शामिल हैं। 90 फीसद स्थिति में यह सामान्य होते हैं, तो ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है।
इसके अलावा, इसके कुछ वेरिएंट भी होते हैं, जिसमें मरीज को निमोनिया और ऑक्सीजन में कमी जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन, आमतौर पर ऐसे मामले बहुत ही कम देखने को मिलते हैं। इसकी रोकथाम के बारे में बताते हुए डॉ. ने कहा कि मौजूदा समय में इसका कोई इलाज उपलब्ध नहीं है, तो ऐसी स्थिति में आपको व्यक्तिगत स्तर पर एहतियात बरतना होगा।अभी इसका वैक्सीन डेवलप होने की प्रक्रिया में है, तो ऐसी स्थिति में व्यक्तिगत स्तर पर रोकथाम के जरिए आप इस तरह के वायरस का सामना कर सकते हैं।