सीजी न्यूज ऑनलाइन 07 जनवरी। पांच साल पहले कोरोना ने चीन से दस्तक देकर दुनियाभर में तबाही मचाई थी। आज फिर से चीन से ही आया HMPV वायरस दुनिया के पांच देशों में फैल चुका है।
पांच साल पहले चीन से निकले कोरोना (Covid-19) नामक एक वायरस ने दुनियाभर में तबाही मचाई, लाखों लोगों की मौत हुई। दुनिया ने पहली बार लॉकडाउन देखा। हर कोई घरों में कैद हो गया। एक बार फिर दुनिया पर वैसा ही संकट मंडरा रहा है। चीन से आया HMPV वायरस (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) कोरोना वायरस की तरह दुनिया में फैल रहा है। चीन में इसके मामले रफ्तार भर रहे हैं। कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन में आपातकाल भी लग चुका है। हालांकि सरकार और डबल्यूएचओ ने इस पर चुप्पी साधी हुई है। कोरोना की तरह यह वायरस भी चीन से फैलकर कुछ ही महीनों में 5 देशों तक फैल चुका है। इस रहस्यमयी बीमारी के भारत में दस्तक देने से क्या यह माना जाए कि खतरे की घंटी बज चुकी है?
भारत समेत चीन के अन्य पड़ोसी देशों में इसके केसों ने रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी है। सोमवार 6 जनवरी को ही भारत में इस वायरस के 8 मामले सामने आए। दो कर्नाटक से, एक-एक गुजरात, कोलकाता से और 2 चेन्नई एवं महाराष्ट्र से दो से सामने आए हैं। इसकी संक्रमण रफ्तार, लक्षण और इफेक्ट कोरोना से काफी मेल खाते हैं।
HMPV वायरस के बारे में हम क्या जानते हैं?
चीन वर्तमान में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के मामलों में वृद्धि का सामना कर रहा है। यह एक श्वसन वायरस है जो फ्लू जैसे लक्षण पैदा करता है। इसमें रोगी को सर्दी, जुखाम और खांसी की दिक्कत होती है। फिर तीन से चार दिन में यह बीमारी फेफड़ों को बुरी तरह जकड़ लेता है और रोगी का सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है। अब तक आए इसके ज्ञात केसों से पता लगता है कि यह बुजुर्गों और छोटे बच्चों में फैल रहा है। जवान लोग फिलहाल इससे बचे हैं। हालांकि बीमार लोगों में यह तेजी से प्रभाव डाल रहा है। हालांकि जानकारों का कहना है कि यह कोई नया वायरस नहीं है, यह एक तरह का श्वसन संबंधी रोग है, जिसके मामले में सर्दियों में बढ़ जाते हैं।
रिपोर्ट बताती है कि HMPV कोरोना की तरह तेजी से फैल रहा है। सोशल मीडिया पोस्ट और वीडियो में चीन के अस्पतालों में भीड़ दिखाई दे रही है, कुछ लोगों का आरोप है कि इन्फ्लूएंजा ए, HMPV, माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया और COVID-19 सहित कई वायरस एक साथ फैल रहे हैं। स्वास्थ्य अधिकारी स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।
अब तक कितने देशों में फैला
चीन के बाद इस वायरस ने मलेशिया में दस्तक दी। मलेशिया में हाल के महीनों में HMPV वायरस के रोगियों में वृ्द्धि देखी गई है। स्ट्रेट टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, मलेशिया में 2024 में HMPV के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। कुछ ही महीनों में इसके 327 मामले सामने आए हैं। हांगकांग में भी एचएमपीवी की रिपोर्ट की गई है, हालांकि वहां मामलों की संख्या कम है। दक्षिण अफ्रीकी ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (एसएबीसी) समाचार रिपोर्ट के अनुसार, जापान में स्थिति पर बारीकी से नज़र रखी जा रही है। जापान ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जापान में इन्फ्लूएंजा के प्रकोप ने पहले ही हज़ारों मामलों को जन्म दे दिया है। 15 दिसंबर, 2024 तक देश में 94259 फ्लू रोगियों की रिपोर्ट की गई है। 6 जनवरी को भारत में इसके तीन मामले सामने आए।
भारत के लिए खतरे की घंटी?
भारत में, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को नियमित निगरानी के दौरान कर्नाटक में एचएमपीवी के 6 मामलों की पुष्टि की। चिंताओं के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है और यह भारत सहित दुनिया भर में कई सालों से प्रचलन में है। मंत्रालय ने श्वसन संबंधी बीमारी ग्रसित मरीजों को सावधानी बरतने और डॉक्टर से सलाह लेने की एडवाइजरी जारी की है।
क्या करें, क्या न करें
विशेषज्ञों का कहना है कि एचएमपीवी एक सामान्य श्वसन वायरस है, जो मुख्य रूप से छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कम इम्यूनिटी वाले व्यक्तियों को प्रभावित करता है, विशेषकर सर्दियों के महीनों में। उनका कहना है कि अपने को वायरस से सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है कि हम सावधानी बरतें। जिसमें साबुन से हाथ धोना, चेहरे पर मास्क पहनना और खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को जरूर ढकना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्थिति पर बारीकी से नजर रखने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। कहा कि आवश्यकतानुसार एडवाइजरी और जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।