Big Breaking : महादेव ऑनलाइन सट्टा ऐप की जांच करेगी सीबीआई, गृह विभाग ने जारी की अधिसूचना प्रदेश का तीसरा प्रकरण केंद्रीय जांच एजेंसी को

Big Breaking : महादेव ऑनलाइन सट्टा ऐप की जांच करेगी सीबीआई, गृह विभाग ने जारी की अधिसूचना प्रदेश का तीसरा प्रकरण केंद्रीय जांच एजेंसी को


महादेव ऑनलाइन सट्टा ऐप की जांच करेगी सीबीआई, गृह विभाग ने जारी की अधिसूचना प्रदेश का तीसरा प्रकरण केंद्रीय जांच एजेंसी को

सीजी न्यूज ऑनलाइन, 26 अगस्त। राज्य सरकार ने कांग्रेस शासन काल में हुए 15 हजार करोड़ के महादेव सट्टा एप घोटाले के सभी मामले सीबीआई को सौंप दिया है। डिप्टी सीएम व गृहमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। और अब सीबीआई अपने हिसाब से जांच, कार्रवाई करेगी। शर्मा ने दोहराया कि किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। महादेव आनलाइन सट्टा एप के दो प्रमोटर और डायरेक्टर रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर अब तक पकड़ से बाहर हैं।

छत्तीसगढ़ में महादेव ऑनलाइन सट्टा के दर्ज सभी 70 प्रकरणों को सौंप दिया जाएगा। आनलाइन सट्टेबाजी का यह कारोबार छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार के दौरान अक्टूबर 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महादेव सट्टा एप मामले की जांच शुरू की थी। रायपुर में जनवरी 2024 से अब तक 80 सट्टेबाजों को गिरफ्तार किया जा चुका है। प्रदेशभर में यह आंकड़ा करीब 600 है। छत्तीसगढ़ के अलावा महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, ओडिशा मध्यप्रदेश, राजस्थान, बिहार झारखंड जैसे दूसरे राज्यों में भी पुलिस ने एफआईआर दर्ज करके कार्रवाई की है।
अब सीबीआई के हवाले होने पर 15 हजार करोड़ के इस घोटाले में फंसे व्यक्तियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। मामले में प्रदेश के कई बड़े नेताओं, अधिकारियों और कारोबारियों के नाम दर्ज हैं। मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 120 (बी), 420, आइपीसी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1998 की धाराओं के तहत दर्ज हैं।

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान अक्टूबर 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महादेव सट्टा एप मामले की जांच शुरू की थी। पहली बार दुर्ग, रायपुर और बिलासपुर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। इन्हीं प्रकरणों के आधार पर ईडी ने मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर जांच को आगे बढ़ाया था। ईडी ने पहली गिरफ्तारी अगस्त 2023 में की थी। चार लोगों की गिरफ्तारी के बाद ईडी ने इसे मनी लांड्रिंग से जोड़ा था। अक्टूबर 2023 में ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबियों से पूछताछ करनी शुरू कर दी थी। इनमें पूर्व सीएम के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा, ओएसडी मनीष बंछोर और आशीष वर्मा से पूछताछ हुई थी।

पिछले वर्ष विधानसभा चुनाव के पहले पूर्व सीएम का उछला नाम फिर एफआईआर ईडी ने नवंबर
2023 में एक कथित कैश कूरियर असीम दास को गिरफ्तार किया था। दास और एक अन्य आरोपी कांस्टेबल भीम सिंह यादव भी गिरफ्तार हुआ था।

उनके पास से करोड़ों की नगद राशि भी बरामद हुई थी। इसमें बताया गया था कि यह पैसा दुबई से रायपुर लाया जा रहा रहा था। एक प्रमोटर ने वीडियो
प्रसारित कर तत्कालीन मुख्यमंत्री बघेल पर लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आरोप भी लगाया था।

नवंबर 2023 में विधानसभा चुनाव से पहले ईडी ने आरोप लगाया था कि महादेव एप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी। इसके साथ ही ईडी की चार्जशीट में भी भूपेश बघेल के नाम का जिक्र था। भाजपा ने विधानसभा चुनाव में महादेव एप मामले में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को घेरा था। साय सरकार में ईओडब्ल्यू ने एफआईआर दर्ज कर भूपेश को नामजद आरोपित बनाया है।

छत्तीसगढ़ का सीबीआई को तीसरा मामला

राज्य में पांच साल बाद सीबीआई की एंट्री छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की सीजीपीएससी 2021 की भर्ती की जांच से हुई है। इसके अलावा बिरनपुर हिंसा मामले में भी सीबीआई पहले से ही जांच कर रही है। महादेव एप घोटाले की यह तीसरी सीबीआई जांच होगी।

गृह विभाग की अधिसूचना

दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 (1946 का अधिनियम 25) की धारा 6 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, छत्तीसगढ़ राज्य सरकार सहमति देती है धारा 420, 467 के तहत दर्ज अपराध संख्या 06/2024 द्वारा अपराध की जांच और जांच करने के लिए इस विभाग की सम क्रमांकित अधिसूचना 13 फरवरी 2024 के माध्यम से दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान के सदस्यों को पूरे छत्तीसगढ़ में शक्तियों और क्षेत्राधिकार का विस्तार किया गया। भारतीय दंड संहिता की धारा 468, 471, 201, 120बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7, 7-ए (2018 में संशोधित), जुआ अधिनियम, 1867 की धारा 4, 7, 8, 11 (जैसा संशोधित) सार्वजनिक जुआ (म.प्र.संशोधन) अधिनियम, 1976 द्वारा, महादेव ऑनलाइन जुआ प्लेटफार्मों और अन्य संबंधित प्लेटफार्मों को संचालित करने और इसमें शामिल होने वाले अपराधियों के खिलाफ, जिला-रायपुर के पुलिस स्टेशन एसीबी / ईओडब्ल्यू पुलिस स्टेशन में।