स्वास्थ्य संयोजको ने आंदोलन के सातवें दिन मांगे पूरी कराने पीपीई किट पहनकर मांगी भिक्षा, देवदूत की संज्ञा देने वाली सरकार आंदोलित कर्मियों को भेज रही नोटिस
रायपुर 27 मार्च । स्वास्थ्य संयोजको ने हड़ताल के सातवें दिन 12 सूत्रीय मांगों को पूर्ण कराने के लिए पीपीई कित पहनकर रायपुर शहर में भिक्षा मांग कर अनोखा प्रदर्शन किया ।
21 मार्च से जारी अनिश्चितकालीन हड़ताल को आज 7 दिवस हो गए है। ग्रामीण क्षेत्रो में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है । स्वास्थ्य मंत्री से 3 दिवस में चर्चा उपरांत भी हड़ताल का कोई निष्कर्ष नही निकलने से हजारों स्वास्थ्य कर्मी अभी भी राजधानी में धरना दे रहे है । शासन प्रशासन का ध्यानाकर्षण हेतु प्रदेश के स्वास्थ्य संयोजको ने कल बूढ़ातालाब में जल सत्याग्रह भी किया और आज स्वास्थ्य संयोजको द्वारा अनोखा प्रदर्शन करते हुए पीपीई किट पहनकर शहर में घूमकर भिक्षा मांगते हुए सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया । वही दूसरी तरफ अब स्वास्थ्य विभाग स्वास्थ्य संयोजको के हड़ताल पर सख्ती से कार्यवाही चालू कर दिया है और कर्मचारियों को नोटिस जारी करना प्रारम्भ कर दिया है। ऐसे में संघ के प्रदेशाध्यक्ष टार्जन गुप्ता ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता लगातार बयान देकर बता रहे है कि स्वास्थ्य संयोजको की मांगों पर बहुत जल्दी निर्णय लिया जाएगा ,कोरोना महामारी के संकट काल मे स्वास्थ्य कर्मी हमारे लिए देवदूत बनकर ,भगवान बनकर काम किये हैं, पूरा प्रदेश स्वास्थ्य कर्मियों की कर्जदार है और जल्द सरकार इनकी मांगो पर निर्णय लेगी, घोषणा पत्र में शामिल स्वास्थ्य संयोजको की मांग सरकार जरूर पूरा करेगी।
वही दूसरी तरफ संचालक स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा हड़ताली कर्मचारियों के ऊपर कड़ी कार्यवाही के लिए समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियो को निर्देशित कर दिया है । सरकार दोहरी नीति चला रही है प्रदेश के कोरोना योद्धाओं के आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया जा रहा है किंतु स्वास्थ्य संयोजको ने कहा है कि जब तक वेतन विसंगति दूर नही होगी तब तक वे मैदान में डटे रहेंगे । संघ के आई टी सेल प्रभारी सुरेश पटेल ने कहा कि शनिवार रविवार अवकाश के दिनों में भी स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारियों के ऊपर कार्यवाही करने कार्यालय खुलवाया गया आम जनता के कार्यों के लिए भी ये अधिकारी इतने ततपर होते तो प्रदेश की स्थिति कुछ और होती विभाग के अधिकारी सरकार के विरोध में काम कर रही है और प्रदेश सरकार को बदनाम करने और सरकार के विरुद्ध आंदोलन उग्र करने कर्मचारियों को उकसा रही है ।