भारी उत्पादन बाद सड़ रहे अंगूर, किसानों की बढ़ी चिंता, व्यापारियों ने रोकी खरीदी
अचानकपुर, 29 मार्च। महाराष्ट्र में अंगूर की खेती करने वाले किसानों की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। बेमौसम बारिश और जलवायु परिवर्तन के कारण इस साल अंगूर के बागों को बहुत नुकसान पहुंचा हैं। उत्तरी महाराष्ट्र और सांगली जिले में अंगूर की खेती बड़े पैमाने पर की गई है लेकिन अब जिले में कभी बारिश और कभी कड़क धूप होने के कारण बागों पर असर पड़ रहा है, जिसके चलते व्यापारियों ने अंगूर खरीदना बंद कर दिया है। कारोबारियों का कहना है कि बदलते बेमौसम की वजह से अंगूर की गुणवत्ता अच्छी नहीं है, कुछ तालुका में किसान अब अपने बाग को काटने पर मजबूर हो गये हैं। उनका कहना हैं अब इस फल से लागत तक नहीं निकलेगी।बाजार का फार्मूला यह है कि उत्पादन में गिरावट आने पर दरें बढ़ेंगी लेकिन अंगूर के मामले में इस साल सब कुछ उल्टा होता दिख रहा है इसका कारण यह है कि अंगूर की कीमतों में सीजन की शुरुआत में भारी गिरावट आई थी, जब इस साल उत्पादन घट रहा था। बढ़ते तापमान में अंगूर की मांगों में काफी वृद्धि हो रही थी लेकिन अचानक हुई बेमौसम बारिश से किसानों में एक बार फिर मायूसी छा गई सैकड़ों एकड़ अंगूर अभी भी बगीचे में ऐसे ही पड़े है। विशेष रूप से सांगली जिले के तसगांव तालुका, मायम तालुका में अभी भी बारिश का पानी बागों में रुका हुआ है जिसकी वजह से फल खराब हो रहे हैं। किसानों का कहना है कि यह बारिश उन किसानों के लिए अच्छी है, जिनके अंगूर की फसल कट चुकी है लेकिन जिन बागों में अंगूर अभी भी लताओं में हैं, उन्हें अपूरणीय क्षति हुई है किसानों का कहना है कि सीजन शुरू होने से पहले ही दवाओं के छिड़काव के लिए बगीचों की खेती पर प्रति एकड़ हजारों रुपये खर्च हम किसान कर चुके हैं अब अंतिम चरण में उपज के स्थान पर इस तरह की निराशा हाथ लगी है। ऐसी स्थिति देख कर हम किसानों के मन मे सवाल उठ रहा है कि क्या निकट भविष्य में अंगूर के बाग लगाए या नहीं।