सीजी न्यूज आनलाईन डेस्क, 02 फरवरी। रेलवे अब वंदेभारत ट्रेनों में मिलने वाली सुविधाएं तमाम ट्रेनों में देने जा रहा है लेकिन यात्रियों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि अगर वंदेभारत की सुविधा वाले कोच ट्रेनों में लगेंगे तो क्या स्लीपर कोच हट जाएंगे? या किराया बढ़ेगा। इस असमंजस को दूर करने रेलमंत्री ने पूरा प्लान स्पष्ट कर दिया है।
आपको बता दें कि वंदे भारत एक्सप्रेस यात्रियों को खूब भा रही है। इस ट्रेन में मिलने वाली सुविधाएं यात्रा सुखद और सुविधाजनक बना रही हैं। यही वजह है कि भारतीय रेलवे वंदेभारत एक्सप्रेस की संख्या लगतार बढ़ाता जा रहा है। मौजूदा समय देश के विभिन्न हिस्सों से 39 वंदेभारत एक्सप्रेस का संचालन किया जा रहा है। रेलवे अब वंदेभारत ट्रेनों में मिलने वाली सुविधाएं तमाम ट्रेनों में देने जा रहा है। इसकी घोषणा बजट में वित्त मंत्री कर चुकी हैं।
अब यात्रियों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि अगर वंदेभारत की सुविधा वाले कोच ट्रेनों में लगेंगे तो क्या स्लीपर कोच हट जाएंगे? या फिर सुविधाओं के एवज में किराया बढ़ेगा। इस तरह के तमाम सवालों का जवाब स्वयं रेलमंत्री ने दिए, जो आम लोगों के लिए जानना जरूरी है।
गौरतलब हो कि बजट में 40 हजार वंदेभारत कोचों के निर्माण की घोषणा की गयी है। ये किस श्रेणी की ट्रेनों में लगेंगे, मसलन एसी या स्लीपर, जनरल श्ररेणी में। चूंकि वंदेभारत ट्रेन प्रीमियम ट्रेनों में अलग क्लास की ट्रेन है इसलिए इसका किराया प्रीमियम ट्रेनों से ज्यादा है। किराए को लेकर भी सवाल उठना लाजिमी है।
रेल मंत्री अश्विवी वैष्णव ने बताया कि मौजूदा समय देशभर में चल रहीं ट्रेनों में करीब 40 हजार कोच ऐसे हैं, जो अपनी उम्र पूरी कर चुके हैं या फिर पूरी करने वाले हैं। उम्र पूरी कर चुके कोचों को क्रमवार हटाया जाना है, जो वंदेभारत एक्सप्रेस की सुविधाओं वाले कोचों से रिप्लेस किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय भारतीय रेलवे के पास वंदे भारत और अमृत भारत दोनों तरह की तकनीक है इसलिए जो पुराने हो चुके एसी कोच हैं, वो एसी कोचों से और स्लीपर कोच स्लीपर कोच से रिप्लेस होंगे। इसमें करीब पांच वर्ष का समय लग जाएगा। इस तरह रेल मंत्री ने यात्रियों के मन में उठ रहे तरह-तरह के सवालों का जवाब दे दिया है। ये कोच मौजूदा कोचों की तुलना में अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक होंगे। कोचों में जीपीएस और कैमरे लगे होंगे। सीट व बर्थ, एनाउंमेंट सिस्टम, टॉयलट आदि सामान्य की तुलना में बेहतर होंगे। कोचों में पानी खत्म होने से पहले संबंधित विभाग को पता चल जाएगा कि पानी खत्म होने वाला है और पानी भर दिया जाएगा। साथ ही, मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट होगा और पानी की बोतल टांगने हैंडल भी लगा होगा।