छत्तीसगढ़ में 64 वर्षीय बुजुर्ग MA समाजशास्त्र में बना टापर 🟦 दीक्षांत समारोह में गोल्ड मैडल से हुआ सम्मान 🟦 अब तक 6 अलग अलग सब्जेक्ट में राजकुमार कर चुके हैं टाप 🟧 कहा-“जब तक है जान पढ़ता रहूंगा”

<em>छत्तीसगढ़ में 64 वर्षीय बुजुर्ग MA समाजशास्त्र में बना टापर 🟦 दीक्षांत समारोह में गोल्ड मैडल से हुआ सम्मान 🟦 अब तक 6 अलग अलग सब्जेक्ट में राजकुमार कर चुके हैं टाप 🟧 कहा-“जब तक है जान पढ़ता रहूंगा”</em>



सीजी न्यूज आनलाईन डेस्क, 28 मार्च। छत्तीसगढ़ में बिलासपुर की अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी के चौथे दीक्षांत समारोह में 64 साल के बुजुर्ग डॉ. राजकुमार शर्मा को गोल्ड मेडल मिला है। उन्होंने समाजशास्त्र में एमए की परीक्षा में यूनिवर्सिटी टॉप किया है। शर्मा अब तक कुल 6 अलग-अलग विषयों में टॉप कर चुके हैं। यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में फिजी देश के उच्चायुक्त कमलेश एस प्रकाश और राज्यपाल व कुलाधिपति विश्वभूषण हरिचंदन ने 68 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल प्रदान किया।
भारतीय खेल प्राधिकरण के चीफ कोच के पद से रिटायर हुए डॉ. राजकुमार शर्मा ने बताया कि बचपन से ही पढ़ाई के प्रति उनकी रुचि रही है और टॉपर रहे हैं। जब शासन ने पढ़ाई की उम्र सीमा खत्म की, तब उन्होंने आगे की पढ़ाई शुरू करने की प्लानिंग की और सफलता मिलती गई।
ऑर्गेनिक केमेस्ट्री में एमएससी किया और गोल्ड मेडलिस्ट रहे। इसी बीच उनकी नियुक्ति भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) में बतौर कोच हुई और बिलासपुर में चीफ कोच बनकर आ गए। इस दौरान उन्होंने बीपीएड और एमपीएड की डिग्री हासिल की, जिसमें भी उन्होंने टॉप किया और उन्हें गोल्ड मैडल मिला। उन्होंने बताया कि भारतीय खेल प्राधिकरण में सेवाएं देते हुए उन्होंने अपनी पढ़ाई की फिर जब शासन ने पढ़ाई की उम्र सीमा खत्म की, तब उन्होंने साल 2019 में रिटायरमेंट के बाद समाजशास्त्र में एमए की तैयारी शुरू की और परीक्षा के बाद जो रिजल्ट आया उसमें उन्होंने यूनिवर्सिटी टॉप किया, जिसके लिए उन्हें आज गोल्ड मेडल मिला है। अब उन्होंने एमए साइकोलॉजी के लिए भी तैयारी शुरू कर दी है और फार्म जमा किया है। उन्होंने कहा कि जब तक शरीर में जान है तब तक करूंगा पढ़ाई। डॉ. शर्मा ने कहा कि पढ़ाई लिखाई की कोई उम्र नहीं होती। शिक्षा ऐसा धन है, जिसे आपसे कोई छीन नहीं सकता। पढ़ने लिखने से मस्तिष्क एक्टिव रहता है और सभी काम आप सोच समझकर और प्लानिंग के साथ कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मेरी पढ़ाई आगे भी जारी रहेगी, जब तक शरीर में जान है, तब तक पढ़ते रहूंगा।