22 बच्चे बीमार, स्वास्थ्य विभाग ने लगाया कैंप, डायरिया या फूड पॉइजनिंग-जांच जारी
बिलासपुर, 8 अगस्त। मध्याह्न भोजन के बाद 22 बच्चों की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बच्चे स्कूल से जब घर पहुंचे, तब उन्हें उल्टी-दस्त होने लगी। इससे घबराए परिजनों ने सरपंच को खबर की और मितानिन ने बीमार बच्चों को दवाईयां दीं, लेकिन बच्चों की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। इसके बाद बच्चों के परिजन रविवार को इन्हें नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे, जहां उनका इलाज किया जा रहा है। घटना कोटा ब्लॉक के सोनसाय नवागांव की है और स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची हुई है।
गौरतलब हो कि रविवार की सुबह गांव के 22 बच्चों की तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी। उन्हें लगातार, उल्टी दस्त हो रही थी। इसकी जानकारी खोंगसरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. मिथिलेश भारद्वाज को दी गई। इस बीच कुछ बच्चों को लेकर परिजन अस्पताल पहुंच गए थे। कोटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से भी टीम भेजी गई है। गांव से बच्चों को तत्काल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोंगसरा लाया गया। यहां गंभीर बच्चों को इलाज के लिए कोटा और रतनपुर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया।स्वास्थ्य विभाग की टीम ने डायरिया की आशंका को लेकर गांव में जांच की तो पता चला कि बीमार होने वाले सभी स्कूली बच्चे हैं। गांव में कोई भी बड़ा बीमार नहीं है। पूछताछ में यह भी पता चला कि सभी बच्चे शनिवार को स्कूल गए थे, जहां उन्हें मिड डे मील दिया गया था। भोजन करने और स्कूल की छुट्टी होने पर बच्चे घर पहुंचे, तब उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बीमार बच्चों को डायरिया नहीं, बल्कि फूड पॉइजनिंग होने की आशंका है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एहतियातन बीमार बच्चों को अस्पताल में भर्ती करा दिया है। ग्रामीणों को सलाह दी गई है कि बच्चों की तबीयत बिगड़ने पर तत्काल अस्पताल में भर्ती कराएं। आज सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम फिर से गांव पहुंची है। ग्रामीणों को अलर्ट किया गया है कि पानी उबालकर पियें।
कोटा बीएमओ डॉ. निखिलेश गुप्ता ने बताया कि बच्चों को उल्टी, दस्त हो रही है। लक्षण डायरिया के नजर आ रहे हैं। यही लक्षण विषाक्त भोजन करने से भी होता है। ऐसे में आज संबंधित स्कूल के मिड डे मील और खाद्य सामग्रियों की जांच की गई है।