🟫 जनता से मुलाकात में उठी वर्षोंं से बाजार में व्याप्त यह समस्या, प्रशासन हुआ सख्त
सीजी न्यूज आनलाईन डेस्क, 10 जनवरी। छत्तीसगढ़ में रायपुर सहित अनेक जिले में दुकानों पर 10 के सिक्के नहीं लेने के मामले को प्रशासन ने गंभीरता से लेते हुए अब सिक्के लेने से मना करने वाले व्यवसायी पर मामला दर्ज कर कडी़ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन ने आमजन व व्यावसायियों से अपील की है कि लेन देन में सिक्कों का चलन बरकरार रखें, सिक्के लेने से मना करने पर यह भारतीय मुद्रा का अपमान है जिसके लिए ऐसा करने वाले पर कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब हो कि रायपुर के बाजार में जब भी कोई ग्राहक 10 का सिक्का देता है तो दुकानदार साफ कह देता है कि ये नहीं चलता। विगत कई वर्षोंं से यह शिकायत आम हो चली मगर इस ओर ठोस कदम उठाने की जहमत किसी ने नहीं उठाई लेकिन रायपुर के कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे जब आम लोगों से मुलाकात कर रहे थे तभी लाखे नगर निवासी डॉ जितेंद्र सोनकर ने 10 रुपये के सिक्के को बाजार में मान्य करने संबंधी आवेदन प्रस्तुत किया। कलेक्टर ने रायपुर जिले के निवासियों एवं व्यापारियों से अपील की है कि 10 रुपये के सिक्के को लेने से इंकार न करें। अगर कोई भी व्यक्ति रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी किए गए सिक्कों को नही लेता है तो ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति के ऊपर मामला दर्ज कराया जा सकता है।
विदित हो कि अब इस मामले पर जिला प्रशासन सख्त रुख अपना सकता है। रायपुर के कलेक्टर ने कहा कि अगर कोई आरबीआई की जारी मुद्रा को लेने से इंकार करेगा तो उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जा सकता है।चौंकाने वाली बात यह है कि राजधानी में करीब पांच-छ: साल से 10 रुपए के सिक्कों का लेन-देन बंद है। इन बीते वर्षो में अब तक प्रशासन की ओर से किसी भी कारोबारी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। रायपुर में आरबीआई का स्टेट ऑफिस है, वहां के अफसरों को भी इस बात की जानकारी मिलती रही मगर उन्होंने भी कुछ नहीं किया।
🛑 व्यापारियों ने सिक्कों के प्रचलन पर गिनाई परेशानियाँ
रायपुर के किसी भी किराना दुकान, चाय या पान ठेलों में 10 रुपए के सिक्के नहीं लिए जाते। सामान देने वाला व्यापारी 10 रुपए के सिक्के लेने से साफ इंकार कर देता है। छोटे व्यापारियों के अनुसार जब फोन पे, पेटीएम समेत कई ऐप शुरू हुए हैं, लोग इसी से भुगतान कर देते हैं इसलिए बाजार में अब 10 रुपए के सिक्के दिखाई ही नहीं दे रहे हैं। कुछ समय बाद यह सिक्के बाजार से पूरी तरह से गायब हो जाएंगे। व्यापारियों की माने तो एक साथ 10 के सिक्के बड़ी संख्या में इकट्ठा करने पर बैंक वाले भी उसे जमा करने से इंकार कर देते हैं। ऐसा कुछ मामलों में हो चुका है इसके बाद ये बात कारोबारियों के बीच तेजी से फैली और अब 10 का सिक्का देखते ही बहुत से दुकानदार लेने से मना कर देते हैं। जानकारी मिली है कि कारोबारी संगठनों के दबाव के बाद बैंक ने सिक्के लिए भी मगर 10 का सिक्का न लेना एक चलन बन गया।
अब सिक्के लेने से मना करने पर दुकानदार पर होगी कार्रवाई, 🟦 कलेक्टर ने कहा सिक्के न लेना भारतीय मुद्रा का अपमान