प्रदेश में अच्छी वर्षा के बाद एक करोड़ 10 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य पूरा होने की बंधी उम्मीद , हीराकुंड डैम के बैक वाटर के कारण बने बाढ़ जैसे हालात, प्रभावित किसानों को मिलेगा मुआवजा

प्रदेश में अच्छी वर्षा के बाद एक करोड़ 10 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य पूरा होने की बंधी उम्मीद , हीराकुंड डैम के बैक वाटर के कारण बने बाढ़ जैसे हालात, प्रभावित किसानों को मिलेगा मुआवजा


प्रदेश में अच्छी वर्षा के बाद एक करोड़ 10 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य पूरा होने की बंधी उम्मीद , हीराकुंड डैम के बैक वाटर के कारण बने बाढ़ जैसे हालात, प्रभावित किसानों को मिलेगा मुआवजा

दुर्ग 15 अगस्त । छत्तीसगढ़ में वर्षा अच्छी होने के कारण सभी जलाशयों में लबालब पानी भरा हुआ है। प्रदेश सरकार के द्वारा इस वर्ष एक करोड़ 10 लाख मैट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है । जो अच्छी वर्षा को देखते हुए धान खरीदी का लक्ष्य पूरा होने की संभावना है बहुत बार जैसे प्रदेश में हालात नहीं है नदी के किनारे की फसलों को कितना नुकसान हुआ है वह पानी बंद होने के बाद ही पता चल सकेगा आरबीसी के तहत आकलन करके प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जाएगा उपरोक्त बातें आज कृषि मंत्री रविंद्र चौबे के द्वारा सर्किट हाउस दुर्ग में सीजी न्यूज़ ऑनलाइन से चर्चा के दौरान कहीं।

 छत्तीसगढ़ में शुरुआत में लग रहा था कि लगभग 28 तहसीलें अंबिकापुर सरगुजा क्षेत्र की जहां बारिश बहुत कम हुई थी और फसल प्रभावित हो सकती थी । दोनों अधिकारियों में कृषि विभाग के संचालक अयाश तंबोली को अंबिकापुर एवं सरगुजा क्षेत्र में कृषि विभाग के सचिव तूलिका प्रजापति को जशपुर एवं कोरिया क्षेत्र में सर्वेक्षण के लिए भेजा था । परंतु वर्तमान में पिछले 1 सप्ताह से हुई बारिश ने हालात को सुधार दिया है । छत्तीसगढ़ के शेष क्षेत्र में भी बारिश हो रही है। फसल की बहुत ज्यादा क्षति नहीं हुई है। नदी के किनारे के इलाके में जहां हॉर्टिकल्चर की फसलें लगी है । वहां किसानों को हुआ नुकसान दिख रहा है । परंतु धान की फसल के लिए यह वर्ष काफी फायदेमंद है । जहां तक प्रदेश में जलाशयों की स्थिति है। मिनीमाता डैम, बांगो डैम, रवि शंकर परियोजना, गंगरेल डैम छत्तीसगढ़ के सभी बांधों में पानी लबालब भर गया है। केवल तांदुला ही एकमात्र बांध था जहां लगभग 94% से कम पानी भरा था। परंतु आज की स्थिति में तांदुला डैम में भी 95% पानी भर गया है । पूरे छत्तीसगढ़ में पानी पर्याप्त है। आने वाले समय में छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा 1 करोड़ 10 लाख मैट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है। धान का फसल भी होगा और उत्पादन भी ठीक-ठाक होने की संभावना है।

 बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों से निपटने के सरकार के द्वारा किए जा रहे प्रश्न के जवाब में मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि बहुत बाढ़ की स्थिति छत्तीसगढ़ में कहीं नहीं है। कवर्धा जिले में सकरी नदी में बाढ़ दिखाई दे रहा है। प्रभावित क्षेत्रों के घरों में रेस्क्यू किया गया है। हाफ एवं मनिहारी नदी में कुछ बाढ़ दिखाई दे रही है । लोरमी क्षेत्र के आसपास मनिहारी व आगर नदी में बाढ़ दिखाई दे रहा है। किनारे के गांवों को मुनादी कराकर सूचना दे दी गई है। लेकिन बहुत बाढ़ से हालात खराब होने की स्थिति में नहीं है। केवल महानदी मैं बाढ़ की स्थिति है। शिवरीनारायण ब्रिज के ऊपर से पानी बह रहा है। उड़ीसा राज्य के हीराकुंड बांध का जो बैक वाटर है उस संबंध में उड़ीसा सरकार से चर्चा की गई है ।

हीराकुंड बांध के भी कुछ गेट खोल दिए जाएं ताकि बाढ़ की बहुत ज्यादा स्थिति छत्तीसगढ़ में ना बने। महानदी में पानी की आवक खूब बनी हुई है। परंतु स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। सरकार की ओर से बाढ़ से निपटने के लिए तैयारी की गई है । पूरे जिले में प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है। मंत्री ने कहा कि अतिवृष्टि हुई है। परंतु फसल को नुकसान होने की स्थिति नहीं है। प्रदेश में खेतों में पानी की आवश्यकता थी। मैदानी इलाकों में खरीफ की फसल को जितने पानी की आवश्यकता थी। पर्याप्त पानी मिल चुका है। लेकिन नदी के किनारों के कुछ हिस्सों में पानी खुलने के बाद स्थिति का आकलन किया जा सकेगा। उसके बाद ही पता चल सकेगा कि कितने एकड़ खेतों में अतिवृष्टि के कारण फसल प्रभावित हुई है।  आरबीसी के तहत इन प्रभावित किसान को मुआवजा दिया जाएगा।