कांग्रेस ब्रेकिंग-पुनिया हटाए गए, शैलजा छत्तीसगढ़ की नई कांग्रेस प्रभारी बनीं

कांग्रेस ब्रेकिंग-पुनिया हटाए गए, शैलजा छत्तीसगढ़ की नई कांग्रेस प्रभारी बनीं



🟩 हरियाणा की पहली महिला कांग्रेस अध्यक्ष हैं शैलजा
सीजी न्यूज आनलाईन डेस्क, 6 दिसंबर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने महासचिव केसी वेणुगोपाल के हस्ताक्षर से जारी किये गये पत्र से प्रदेश प्रभारी महासचिव पीएल पुनिया को छत्तीसगढ़ के प्रभार से मुक्त कर दिया है। उनकी जगह हरियाणा से 4 बार सांसद रहीं कुमारी शैलजा को प्रभारी महासचिव बनाया गया हैं। इसके साथ ही हरियाणा के प्रभारी महासचिव शक्ति सिंह गोहिल तथा सुखजिंदर सिंह रंधावा राजस्थान का प्रभारी महासचिव बनाया गया है। शैलजा की नियुक्ति पर हर्ष व्यक्त करते हुए कांग्रेस नेत्री गुरमीत धनई ने उन्हें बधाई दी है।


गौरतलब हो कि हरियाणा प्रदेश की पहली महिला कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा प्रदेश की ऐसी पहली प्रदेशाध्यक्ष हैं, जिनके पिता भी यह पद संभाल चुके हैं। कांग्रेस के संविधान के अनुसार प्रदेशाध्यक्ष का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है। सितंबर 2022 में शैलजा का तीन साल का कार्यकाल पूरा होना था लेकिन इससे पूर्व ही उन्हें इस जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया था। इसके बाद कांग्रेस के नए संगठन में पुराने हिसार जिले की अनदेखी के भी आरोप कांग्रेस आलाकमान तक पहुंचे थे जिसमें हिसार, सिरसा, फतेहाबाद को कोई स्थान नहीं मिलने पर लोगों में रोष था। पिछले लगभग आठ साल से हिसार-सिरसा जिले के पास प्रदेशाध्यक्ष की कमान रही है। वर्ष 2014 में अशोक तंवर को प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया था। इनके बाद वर्ष 2019 में विधानसभा चुनाव से ऐन पहले कुमारी शैलजा को प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। इस दौरान हिसार से कुलदीप बिश्नोई प्रदेशाध्यक्ष के लिए लगातार लाबिंग कर रहे थे। इसके लिए वह दो बार सोनिया गांधी से भी मिले और तो काफी उत्साहित नजर आ रहे थे। इसके बाद उनके समर्थक प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त किए जाने की उम्मीद जता रहे थे, लेकिन उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष पद भी नहीं दिया गया। शैलजा का जन्म 24 सितंबर 1962 को हिसार जिले के गांव प्रभुवाला में हुआ। प्राथमिक शिक्षा नई दिल्ली के जीसस सेंट मेरी स्कूल में हुई। वह पंजाब विश्वविद्यालय से एमफिल (दर्शनशास्त्र में स्नातक) हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1990 में महिला कांग्रेस की अध्यक्ष बनने से की। वह दो बार सिरसा व दो बार अंबाला से सांसद रही हैं। 2014 से वर्ष 2020 तक राज्यसभा सदस्य भी रह चुकी हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में अंबाला लोकसभा से चुनाव हार गई थीं। वह यूपीए की दोनों सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं। उनके पिता चौधरी दलबीर सिंह भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं। वे 1978 से 1980 तक प्रदेशाध्यक्ष रहे थे। उनके पिता भी केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। कांग्रेस नेत्री शैलजा हमेशा नपे तुले शब्दों में ही अपनी बात रखती आई हैं। वो करीब ढाई साल प्रदेशाध्यक्ष रहीं। उनके विपक्षी उन पर कटाक्ष करते रहे, लेकिन उन्होंने पलटकर हमला नहीं किया। वह मीडिया के सवालों का जवाब काफी सतर्कता से देती हैं। प्रदेश अध्यक्ष पद से ढाई साल में ही उन्हें हटाने पर शैलजा ने कहा था कि जो भी फैसला हाईकमान करता है, वह सभी को मानना होता है। सभी को मानना ही चाहिए। मैं कांग्रेस की सिपाही हूं और कांग्रेस की निरंतर सेवा करती रहूंगी। उन्होंने कहा था कि पार्टी अध्यक्ष के पद को चुनावी परिणाम से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। कांग्रेस में कोई गुटबाजी नहीं है। हम सभी पार्टी के लिए काम करते हैं।