देखिए वीडियो 🔴 “मैं गौरी, गणपति और हिंदू धर्म के देवी-देवताओं नहीं मानूंगा और न पूजा करूंगा, नहीं मानूँगा कि ईश्वर ने कभी अवतार लिया है”

देखिए वीडियो 🔴 “मैं गौरी, गणपति और हिंदू धर्म के देवी-देवताओं नहीं मानूंगा और न पूजा करूंगा, नहीं मानूँगा कि ईश्वर ने कभी अवतार लिया है”



🌑 राज्य स्तरीय बौद्ध सम्मेलन में हाथ उठा दिलवाई गई यह शपथ
🔴 विहिप, बजरंग दल, यादव समाज और राजपूत महासभा ने जताया विरोध
🔵 शांत सरोवर में पत्थर फेंकने और जहर घोलने वालों से रहें सावधान-सांसद
सीजी न्यूज आनलाईन डेस्क, 10 नवंबर। सोमवार को राजनांदगांव जिले में आयोजित राज्य स्तरीय बौद्ध सम्मेलन में बौद्ध समाज के पदाधिकारी भरी सभा के बीच लोगों को हिंदू देवी-देवताओं को नहीं मानने की हाथ उठा कर शपथ दिलाते रहे जिसका वीडियो सामने आने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस घटना के विरोध में हिंदू संगठनों ने 9 नवंबर को जमकर विरोध जाते हुए शपथ दिलाने और शपथ लेने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए कलेक्टर व एसपी को ज्ञापन सौंपा है।


गौरतलब हो कि इस बौद्ध सम्मेलन में सार्वजनिक घोषणा करते हुए कहा जा रहा है कि “मैं गौरी, गणपति और हिंदू धर्म के किसी भी देवी-देवताओं नहीं मानूंगा, और न ही उनकी कभी पूजा करूंगा। मैं इस बात पर भी कभी विश्वास नहीं करूंगा कि ईश्वर ने कभी अवतार लिया है।”
राजनांदगांव जिले में हुए इस बौद्ध सम्मेलन का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। ये सम्मेलन शिवनाथ नदी तट पर मोहारा ऑक्सीजोन में आयोजित किया गया जिसमें प्रदेश भर से बौद्ध धर्मावलंबी शामिल हुए। कार्यक्रम में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के पोते भीमराव यशवंत राव अंबेडकर भी शामिल थे। इस सम्मेलन में बतौर अतिथि शिरकत करने वाले कांग्रेस के नेता भी अब विवादों में आ गए हैं।
गौरतलब हो कि राज्य स्तरीय इस बौद्ध सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, पूर्व सांसद मधुसूदन यादव, नगर निगम महापौर हेमा देशमुख, राजगामी संपदा न्यास के अध्यक्ष विवेक वासनिक समेत कई जनप्रतिनिधि शामिल हुए लेकिन इस विवादित शपथ लेने के पूर्व ही डॉक्टर रमन सिंह और मधुसूदन यादव जा चुके थे।
जब शपथ दिलाई गई तब मंच पर कांग्रेस नेता ही खड़े रहे। कल विवाद बढ़ने पर कांग्रेस की महापौर हेमा देशमुख की सफाई भी सोशल मीडिया पर आ गई है। उन्होंने कहा कि वे वहां बतौर अतिथि जरूर मौजूद थीं, लेकिन उन्होंने न तो हाथ उठाया और न ही शपथ ली। इस पूरे मामले पर हिन्दू संगठनों में जमकर आक्रोश देखा जा रहा है।
🔶 नफरत फैलाने का काम किया जा रहा, माफी के लायक नहीं-पांडेय
राजनांदगांव के सांसद संतोष पांडेय ने इस मुद्दे पर राजगामी संपदा न्यास के अध्यक्ष पद पर आसीन विवेक वासनिक से तत्काल इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने कहा कि जिले में भगवान जगन्नाथ, राधा कृष्ण समेत कई प्राचीन मंदिर हैं, जिन्हें पूरी संस्कारधानी पूजती है। ऐसे में ये शपथ दिलाकर यहां के सौहार्द्रपूर्ण माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की गई है। शांत सरोवर में पत्थर फेंकने और जहर घोलने वालों से लोगों को सावधान रहना होगा। उन्होंने कहा कि सामाजिक और धार्मिक आधार पर जो नफरत फैलाने का काम किया जा रहा है, वो माफी के लायक नहीं है। किसी को भी किसी के देवी-देवताओं को अपमानित करने की इजाजत नहीं है। वहीं दूसरी तरफ विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, सर्व यादव समाज और छत्तीसगढ़ राजपूत महासभा ने बुधवार को एसपी और कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर तत्काल एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। हिन्दू संगठनों ने वीडियो में दिखाई दे रहे जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और उनके खिलाफ केस दर्ज करने की मांग बलवती दिखाई दे रही है।
🔶 हिंदू-देवी देवताओं का अपमान नहीं सहा जाएगा-सिंह
ज्ञापन सौंपने पहुंचे अखिल भारतीय राजपूत महासभा के संजय बहादुर सिंह ने कहा कि हिंदू-देवी देवताओं का अपमान नहीं सहा जाएगा। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध खुद क्षत्रिय थे और उनका काम था बन्धुत्व फैलाना। बंधुत्व फैलाना छोड़कर हिंदू देवताओं के बारे में गलत बयान करना उनका धर्म भी नहीं सिखाता है, ऐसे लोगों की क्षत्रिय समाज कड़ी निंदा करता है।
🔶 मेंने हाथ नहीं उठाया और मंच छोड़ दिया-महापौर
महापौर हेमा देशमुख ने बताया कि राज्य स्तरीय सम्मेलन में बाबा साहब के पोते भीमराव यशवंत राव अंबेडकर भी आए हुए थे। कार्यक्रम के दौरान संविधान के बारे में चर्चा हो रही थी। मैं भी वहां अतिथि थी, साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह भी वहां मौजूद थे। कार्यक्रम के बीच में शपथ लेने की प्रक्रिया शुरू हुई तो मुझे लगा कि यह संविधान की शपथ है। मुझे नहीं पता था कि यह भगवान के बारे में शपथ है। जब उन्होंने भगवान के बारे में शपथ लेने के लिए कहा, तो मैंने इनकार कर दिया और हाथ नहीं उठाया। शपथ की प्रक्रिया 15 सेकंड तक चली, जिसके बाद मैं मंच छोड़कर चली गई, क्योंकि वह बौद्ध समाज का कार्यक्रम था, जहां उनकी विचारधारा के लोग थे, लेकिन मैं सनातन धर्म में विश्वास रखती हूं और हिंदू धर्म को ही मानती हूं।
🔶 विवेक तत्काल इस्तीफा दें नहीं तो बड़ा आंदोलन होगा-निर्वाणी
इस मामले में वैष्णव समाज के प्रदेश सलाहकार देव कुमार निर्वाणी ने कहा कि सभी वैष्णव राजा भगवान राम, कृष्ण, हनुमान एवं सभी हिन्दू देवी-देवताओं को मानने वाले सनातनी राजा थे। अगर बौद्ध समाज द्वारा सनातनी धर्म विचारों को मानने में विरोध है, तो महंत राजा बलराम दास की महारानी सूर्यमुखी देवी राजगामी संपदा से बौद्ध धर्म के प्रचारक विवेक वासनिक को खुद पद त्याग कर देना चाहिए, नहीं तो वैष्णव समाज वासनिक को राजगामी संपदा से पदमुक्त करने के लिए बड़ा आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा।