🔴 रायपुर शहर में सबसे ज्यादा मरीज
सीजी न्यूज आनलाईन डेस्क, 26 अक्टूबर। कल शाम तक रायपुर में डेंगू के लगभग 50 मामले सामने आए हैं जिनमें से लगभग 3 दर्जन मरीज शहर के भीतरी मोहल्ले और कॉलोनियों के हैं, शेष आसपास के गांवों के बताए जा रहे हैं। एक साथ इतने मरीजों के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग भी अचरज में है।
गौरतलब हो कि दिवाली के अगले दिन बुखार से पीड़ित सैकड़ों लोगों की जांच हुई, रिपोर्ट आई तो स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप की स्थिति बन गई। केवल रायपुर में लगभग 50 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि बरसात खत्म होने के साथ ही डेंगू-मलेरिया के मामले कम होने लगते हैं लेकिन इस बार देर तक बरसात होने से ताजा पानी जमा हुआ है, इसमें मच्छरों को प्रजनन का अनुकूल माहौल मिल गया और अब वही मच्छर अपना असर दिखा रहे हैं।
रायपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश चौधरी ने बताया कि स्थिति को नियंत्रण में करने की स्वास्थ्य विभाग की टीम काम कर रही है, अचानक इतने केस क्यों हुए उसकी जांच कर वजह तलाश की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की अलग-अलग टीमें प्रभावित इलाकों का दौरा कर रही हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी 2022 से अगस्त 2022 के पहले सप्ताह तक डेंगू के 859 मरीज मिल चुके थे, इसमें से 704 मरीज केवल बस्तर जिले में ही सामने आए थे। 2020 में पूरे साल भर के दौरान डेंगू के केवल 57 केस मिले थे लेकिन 2021 में एक हजार 86 मरीजों की पहचान हुई थी। तीन-चार दिन पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने छत्तीसगढ़ का दौरा किया था। यह टीम बस्तर के जगदलपुर, दंतेवाड़ा सहित कई डेंगू-मलेरिया प्रभावित जिलों में गई, वहां के मामलों और स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों आदि की समीक्षा की। उसी टीम ने रायपुर का भी दौरा किया था। बाद में राज्य स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक में टीम ने डेंगू-मलेरिया की रोकथाम के लिए पूरे साल भर सघन अभियान चलाने का सुझाव दिया था।
विदित हो कि डेंगू एक वायरल बिमारी है, जो एडीज एजिप्टी प्रजाति के मच्छर के काटने से फैलती है। इसमें मरीज को बुखार के साथ तेज सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों का दर्द, जी मिचलाना, उल्टी और ग्रंथियों में सूजन जैसे लक्षण दिखते हैं। ऐसा लक्षण दिखने पर खुद दवा लेने की जगह विशेषज्ञ से सलाह लेकर जांच करवाना अधिक समझदारी का काम होगा। डेंगू चार वायरसों के कारण होता है, डेंगू को हड्डी तोड़ बुखार के नाम से भी जाना जाता है। यह एक फ्लू जैसी बीमारी है, जो डेंगू वायरस के कारण होती है। यह तब होता है , जब वायरस वाला एडीज मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है। इसमें सबसे ज्यादा जरूरी बात प्लेटलेट्स को मॉनिटर करना होता है क्योंकि अचानक ये बहुत नीचे तक गिर जाती हैं। बुखार को कंट्रोल करना भी जरूरी होता है। यदि बुखार आ रहा है तो पैरासिटामॉल ही लें, दर्द की दवा कतई न लें। यदि दूसरी बार डेंगू हुआ तो ज्यादा खतरा है जिन्हें पहली बार डेंगू होता है, उन्हें उतना खतरा नहीं होता है। खतरा उन लोगों को ज्यादा होता है, जिन्हें यह बुखार पहले भी हो चुका है। डेंगू हड्डियों को खोखला और कमजोर करता है। दूसरी बार होने पर यह बुखार अधिक घातक साबित हो सकता है।