दुर्ग संभाग के खिलाड़ियों को शासन ने दी स्लीपर क्लास की सुविधा, दल प्रबंधक ने भेज दिया अनारक्षित वर्ग में, ट्रेन में गर्दी, रात भर जागे खिलाड़ी, दल प्रबंधक पर लटकी जांच की तलवार

दुर्ग संभाग के खिलाड़ियों को शासन ने दी स्लीपर क्लास की सुविधा, दल प्रबंधक ने भेज दिया अनारक्षित वर्ग में, ट्रेन में गर्दी, रात भर जागे खिलाड़ी, दल प्रबंधक पर लटकी जांच की तलवार



दुर्ग 13 अक्टूबर। राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता में भाग लेने वाली दुर्ग संभाग की टीम के लिए ट्रेन द्वारा दुर्ग से पेंड्रा तक स्लीपर क्लास मे यात्रा के लिए राशि आवंटित की गई थी। परंतु दल प्रबंधक के द्वारा खिलाड़ी एवं ऑफिशियल को लापरवाही पूर्वक अनारक्षित वर्ग में यात्रा कराई गई। दल प्रबंधक की इस लापरवाही के कारण टीम के सभी खिलाड़ियों एवं ऑफिशियल को ट्रेन में जगह नहीं मिलने के कारण रात भर जागना पड़ा। जिसके कारण एथलेटिक टीम बिना खेले ही प्रतियोगिता से बाहर हो गई । नेतृत्वकर्ता दल प्रबंधक भी इस यात्रा में टीम के साथ अनुपस्थित रहे। जिला क्रीड़ा अधिकारी तनवीर अकील ने जानकारी होने पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता का आयोजन गौरेला पेंड्रा एवं मरवाही जिले  में 12 से 15 अक्टूबर तक किया गया है । इस राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में दुर्ग संभागीय दल मे 170 से 200 की संख्या में खिलाड़ी एवं ऑफिशियल सम्मिलित हुए हैं।  दुर्ग संभाग के जिलों में बालोद, बेमेतरा, राजनांदगांव, कबीरधाम एवं दुर्ग जिले के एथलेटिक्स जिमनास्टिक ताइक्वांडो खेल से बालक बालिका 14, 17 एवं 19 वर्ष के खिलाड़ियों तथा क्रिकेट के बालक बालिका 17 वर्ष के खिलाड़ियों को इस प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए जिला शिक्षा विभाग के द्वारा 11 अक्टूबर को दुर्ग रेलवे स्टेशन से अमरकंटक एक्सप्रेस से शाम को रवाना किया गया था। इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए कवर्धा जिले के अश्वनी चंद्राकर को दल प्रबंधक बनाया गया है।

शासन ने दी स्लीपर टिकट की राशि, ले गए अनारक्षित टिकट पर

शासन की ओर से सभी खिलाड़ियों एवं ऑफिशियल के लिए अमरकंटक एक्सप्रेस में स्लीपर क्लास में यात्रा कराने के लिए दल प्रबंधक को राशि दी गई थी। परंतु दल प्रबंधक अश्वनी चंद्राकर के द्वारा समय पूर्व निर्देश प्राप्त होने के बावजूद सभी खिलाड़ियों एवं ऑफिशियल को अनारक्षित वर्ग में यात्रा कराई गई है। 11 अक्टूबर को अमरकंटक एक्सप्रेस दुर्ग रेलवे स्टेशन से निर्धारित समय शाम 6:20 की बजाए देर रात 3 घंटे विलंब से रवाना हुई थी निर्धारित समय से ट्रेन रवाना होने पर पेंड्रा रोड देर रात्रि 11:00 बजे तक पहुंचती परंतु ट्रेन के 3 घंटे विलंब से रवाना होने के बाद रास्ते में भी और अत्यधिक विलंब होने पर दूसरे दिन 12 अक्टूबर को दुर्ग संभाग के सभी खिलाड़ी एवं ऑफिशल सुबह 5:00 बजे पेंड्रा रोड स्टेशन पर पहुंचे थे।अनारक्षित टिकट लेकर यात्रा करने के कारण सभी खिलाड़ियों को अत्यधिक भीड़ में खड़े होकर यात्रा करनी पड़ी।

ट्रेन में जगह नहीं मिलने पर जगराता किया खिलाड़ियों ने

राज्य शासन की ओर से खिलाड़ियों के लिए स्लीपर वर्ग यात्रा कराने का आदेश दिया गया था और इसके लिए प्रत्येक खिलाड़ी के लिए ₹225 का आवंटन भी किया गया था परंतु दल प्रबंधक के द्वारा लापरवाही पूर्वक सभी खिलाड़ियों एवं ऑफिशल को अनारक्षित वर्ग में दुर्ग से पेंड्रा तक की यात्रा कराई गई । दुर्ग स्टेशन से ट्रेन करीब 3 घंटे विलंब से रवाना हुई और रास्ते में और भी अधिक देरी हुई दुर्ग संभाग की टीम को देर रात्रि पेंड्रा 11:00 बजे पहुंचना था परंतु ट्रेन की विलंब अता के कारण टीम सुबह 5:00 बजे पहुंची और अनारक्षित वर्ग में अत्यधिक भीड़ होने के कारण खिलाड़ियों को जगराता करना पड़ा । रात्रि भर बिना विश्राम किए यात्रा करने के कारण सभी खिलाड़ियों की हालत पस्त हो गई थी । दूसरे दिन उन्हें मैच भी खेलने थे। परंतु वह नहीं खेल पाए। शासन के द्वारा प्रति खिलाड़ियों को दुर्ग से पेंड्रा तक की यात्रा के लिए स्लीपर क्लास टिकट के लिए ₹225 का भुगतान दल प्रबंधक अश्वनी चंद्राकर को किया गया था। परंतु अश्वनी चंद्राकर के द्वारा सभी खिलाड़ी एवं ऑफिशियल को अनारक्षित टिकट ₹110 के माध्यम से पेंड्रा रोड भेजा गया।

दुर्ग संभाग एथलेटिक टीम विलंब से पहुंचने पर हुई बाहर


राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में दुर्ग संभाग की एथलेटिक की अंडर 14 एवं अंडर-17 दोनों ही टीमें ट्रेन में जगराता करने के कारण पस्त स्थिति में पहुंची थी। उनके पहले राउंड का मैच 12 अक्टूबर की सुबह होना था परंतु रात भर जगने के कारण खिलाड़ी समय पर मैदान में उपस्थित नहीं हो सके जिसके कारण आयोजकों ने पहले राउंड में विपक्षी टीम को विजेता घोषित कर दिया और दुर्ग संभाग से दोनों ही वर्ग की एथलेटिक टीम बिना खेले ही प्रतियोगिता से बाहर हो गई। इस इवेंट के खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन भी नहीं कर सके।

बिना दल प्रबंधक के टीम पहुंची पेंड्रा


स्लीपर क्लास की बजाए जनरल क्लास में दुर्ग संभाग की टीम एवं ऑफिशियल को दुर्ग से पेंड्रा भेजने वाला दल प्रबंधक अश्वनी चंद्राकर भी टीम के साथ नहीं गया। जिसके कारण टीम को बिना दल प्रबंधक के ही पेंड्रा पहुंचना पड़ा प्राप्त जानकारी के अनुसार अश्वनी चंद्राकर दल प्रबंधक कवर्धा से सीधे पेंड्रा पहुंचे।
इस संबंध में सीजी न्यूज़ ऑनलाइन के द्वारा दल जिला शिक्षा अधिकारी अभय जयसवाल से दल प्रबंधक द्वारा की गई लापरवाही के संबंध में सवाल पूछे जाने पर उनके द्वारा इस संबंध में सीधी जिला क्रीड़ा अधिकारी तनवीर अकील से चर्चा करने कहा गया। जिला क्रीड़ा अधिकारी ने स्वीकार किया कि दुर्ग से पेंड्रा भेजने के लिए संभागी टीम के प्रत्येक खिलाड़ी के लिए शासन की ओर से स्लीपर क्लास के लिए ₹225 की राशि का आवंटन दल प्रबंधक अश्वनी चंद्राकर को किया गया था। इसके बावजूद खिलाड़ियों को दुर्ग से पेंड्रा तक की यात्रा अनारक्षित वर्ग में करनी पड़ी इस पूरे मामले की जांच की जाएगी।