Check Bounce पर अब खैर नहीं! दूसरे खातों से कटेगा पैसा, नए खाते खोलने पर लगेगी रोक, वित्त मंत्रालय उठाने जा रहा ये सारे कदम

Check Bounce पर अब खैर नहीं! दूसरे खातों से कटेगा पैसा, नए खाते खोलने पर लगेगी रोक, वित्त मंत्रालय उठाने जा रहा ये सारे कदम


चेक बाउंस से जुड़े मामलों में Section 138 के तहत सुनवाई की जाती है। कानून के मुताबिक 6 महीने के अंदर चेक बाउंस के मामले का निपटारा करना होता है।

HIGHLIGHTS
चेक बाउंस के बढ़ते मामलों को देखते हुए मंत्रालय ने हाल में एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई थीकई सुझाव प्राप्त हुए हैं, सुझावों को स्वीकार करने से पहले कानूनी राय ली जाएगीचेक बाउंस के मामले को कर्ज चूक की तरह लेना और इसकी सूचना कंपनियों को देना शामिल है
Check Bounce: जल्द ही चेक बाउंस कराने वालों लागों की शामत आने वाली है। दरअसल, जानबूझकर चेक बाउंस के बढ़ते मामले को देखते हुए वित्त मंत्रालय कई तरह के सख्त कदम उठाने जा रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक, चेक बाउंस के मामलों से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए वित्त मंत्रालय चेक जारी करने वाले के अन्य खातों से पैसा काटने और ऐसे मामलों में नए खाते खोलने पर रोक लगाने जैसे कई कदमों पर विचार कर रहा है।

चेक बाउंस के बढ़ते मामलों को देखते हुए मंत्रालय ने हाल में एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई थी, जिसमें इस तरह के कई सुझाव प्राप्त हुए हैं। दरअसल, ऐसे मामलों से कानूनी प्रणाली पर भार बढ़ता है। इसलिए कुछ ऐसे सुझाव दिए गए हैं जिनमें कुछ कदम कानूनी प्रक्रिया से पहले उठाने होंगे मसलन चेक जारी करने वाले के खाते में पर्याप्त पैसा नहीं है तो उसके अन्य खातों से राशि काट लेना। सूत्रों ने बताया कि अन्य सुझावों में चेक बाउंस के मामले को कर्ज चूक की तरह लेना और इसकी जानकारी ऋण सूचना कंपनियों को देना शामिल है जिससे कि व्यक्ति के अंक कम किए जा सके।

पहले कानूनी राय ली जाएगी

उन्होंने कहा कि इन सुझावों को स्वीकार करने से पहले कानूनी राय ली जाएगी। ये सुझाव अमल में आते हैं, तो भुगतानकर्ता को चेक का भुगतान करने पर मजबूर होना पड़ेगा और मामले को अदालत तक ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे कारोबारी सुगमता बढ़ेगी तथा खाते में पर्याप्त पैसा नहीं होने के बावजूद जानते-बूझते चेक जारी करने के चलन पर भी रोक लगेगी। चेक जारी करने वाले के अन्य खाते से राशि स्वत: काटने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया और अन्य सुझावों को देखना होगा।

चेक बाउंस का मामला एक दंडनीय अपराध

चेक बाउंस होने का मामला अदालत में दायर किया जा सकता है और यह एक दंडनीय अपराध है जिसमें चेक की राशि से दोगुना जुर्माना या दो वर्ष तक का कारावास या दोनों सजा हो सकती है। उद्योग संगठन पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने हाल में वित्त मंत्रालय से अनुरोध किया था कि चेक बाउंस के मामले में बैंक से पैसा निकलने पर कुछ दिन तक अनिवार्य रोक जैसे कदम उठाए जाएं जिससे कि चेक जारी करने वालों को जवाबदेह बनाया जा सके।