अब बिहार में खेला शुरू, 15 अगस्त को गांधी मैदान में तिरंगा फहराएंगे तेजस्वी, मची खलबली, वीरेंद्र ने दावा किया कि नीतीश सरकार गिर जाएगी 15 अगस्त के पहले

अब बिहार में खेला शुरू, 15 अगस्त को गांधी मैदान में तिरंगा फहराएंगे तेजस्वी, मची खलबली, वीरेंद्र ने दावा किया कि नीतीश सरकार गिर जाएगी 15 अगस्त के पहले


अब बिहार में खेला शुरू, 15 अगस्त को गांधी मैदान में तिरंगा फहराएंगे तेजस्वी, मची खलबली, वीरेंद्र ने दावा किया कि नीतीश सरकार गिर जाएगी 15 अगस्त के पहले

पटना, 28 जुलाई। बहुमत के बारीक अंतर से बिहार में नीतिश सरकार चल रही है। 7 से 8 विधायकों के इधर-उधर होने के साथ ही सूबे की सियासत में सत्ता समीकरण बदल जाएगा। इसके बीच महागठबंधन की ओर से लगातार यह दावा किया जा रहा है कि जल्द ही सीएम नीतीश कुमार की सरकार गिर जाएगी। अब राष्ट्रीय जनता दल के विधायक भाई वीरेन्‍द्र ने बड़ा दावा किया है कि अगले 15 अगस्‍त को नेता प्रतिपक्ष और राजद नेता तेजस्‍वी यादव ही गांधी मैदान में झंडा फहराएंगे। उन्‍होंने कहा कि बिहार एनडीए में ‘खेला’ शुरू हो गया है और बिहार में नीतीश सरकार का गिरना तय हो गया है। जाहिर है राजद विधायक के दावे से बिहार की सियासत में खलबलबी मच गई है।

राजद विधायक के दावे का तार एनडीए सरकार में शामिल वीआईपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश साहनी के बागी तेवर से जुड़ता है। साहनी ने यूपी के वाराणसी में अपने साथ हुए दुर्व्यवहार का मुद्दा उठाते हुए बिहार की नीतीश सरकार पर भी सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा था कि बिहार में लगता ही नहीं है कि चार दलों की सरकार चल रही है। ऐसा लगता है कि सिर्फ भाजपा और जदयू की सरकार ही चल रही है। उनका इशारा जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और उनकी पार्टी विकासशील इंसान पार्टी को सरकार में मिल रहे कम महत्व को लेकर था।

मंगलवार को विधानसभा परिसर में राजद विधायक भाई वीरेंद्र से मीडियाकर्मियों ने बातचीत की, तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि बिहार में खेल शुरू हो गया है और नीतीश सरकार का गिरना तय हो गया है। 

गौरतलब है वीआईपी सुप्रीमो मुकेश साहनी अपने विधायकों के साथ सीएम नीतीश के नेतृत्व में 26 अक्टूबर को हुई एनडीए विधानमंडल दल की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। इसके बाद में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि ऐसी बैठक में जाने से क्‍या फायदा जहां उनकी सुनी ही नहीं जाती? साहनी ने यह भी कहा था कि अब उनके और जीतनराम मांझी के लिए सोचने का वक्‍त है।

बता दें कि बिहार की इस सियासी हलचल के बीच मुकेश साहनी ने हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी से भी मुलाकात की थी। इसके बाद बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता और बिहार सरकार के कैबिनेट मंत्री शाहनवाज हुसैन ने मुलाकात की थी। इन दोनों के बीच काफी समय तक बात हुई। बाद में जीतन राम मांझी ने मुकेश साहनी को नसीहत देते हुए कहा था कि उन्हें एनडीए के भीतर अपनी बात रखनी चाहिए न कि मीडिया में। मांझी ने साहनी की नाराजगी को सपोर्ट करते हुए यह भी कहा था कि आखिर अपने दल के लोगों के सामने अपनी बात नहीं रखी जाएगी तो कहां रखी जाएगी?

सियासी जानकारों की नजर में राजद विधायक के दावे में दम इसलिए नजर आ रहा है क्योंकि बिहार का सत्ता का गणित उलझा हुआ है। दरअसल एनडीए के पाले में बीजेपी के 74, जेडीयू के 43, मांझी के हम के 4, साहनी की वीआइपी के  4 और एक निर्दलीय यानि कुल 127 का समर्थन है। वहीं, महागठबंधन के पास राजद के 75, कांग्रेस  के 19 और वाम दलों के 16 सहित टोटल 110 का आंकड़ा है। इसमें ओवैसी की एआईएआईएम के 5 विधायकों का बाहर से समर्धन होने पर कुल 115 तक पहुंच जाता है। अब बिहार विधानसभा की 243 सीटों में बहुमत का आंकड़ा 122 होता है, ऐसे में मांझी-साहनी अगर पलटते हैं तो 115 +4+4 यानी आंकड़ा 123 तक पहुंच जाएगा यानि ऐसा हुआ तो तेजस्वी 15 अगस्त को गांधी मैदान में तिरंगा फहराएंगे। ऐसा नहीं हुआ तो एक बार फिर राजद का दावा फुस्स साबित हो जाएगा।